IAS Not Filing Property Details : 91 IAS अधिकारियों ने पिछले साल अपना IPR दाखिल नहीं किया!

सरकार IAS से संपत्ति का पूरा हिसाब लेगी, घपला किया तो मिलेगी सजा!

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IAS Not Filing Property Details

IAS Not Filing Property Details : 91 IAS अधिकारियों ने पिछले साल अपना IPR दाखिल नहीं किया!

New Delhi : निर्धारित समय में अपनी संपत्ति का ब्योरा दाखिल न करने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों के खिलाफ संसद की एक स्थायी समिति ने सजा या सुधारात्मक कार्रवाई का सुझाव दिया है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से संबंधित अनुदानों की मांगों (2025-26) पर विभाग की कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय संबंधी स्थायी संसदीय समिति ने अपनी 145वीं रिपोर्ट 27 मार्च को संसद में पेश की गई। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में 91 आईएएस अधिकारियों ने अपना अचल संपत्ति रिटर्न (आईपीआर) दाखिल नहीं किया और पिछले साल 73 अधिकारियों ने ऐसा किया था।

साल 2023 में 15 आईएएस अधिकारियों, 2022 में 12 और 2021 में 14 को कुछ पदों के लिए अनिवार्य सतर्कता मंजूरी, संबंधित वर्षों के लिए आईपीआर दाखिल न करने के कारण नहीं दी गई। समिति ने सिफारिश की कि सभी आईएएस अधिकारियों द्वारा आईपीआर समय पर दाखिल करना सुनिश्चित करने के लिए एक केंद्रीकृत अनुपालन निगरानी तंत्र स्थापित किया जा सकता है।

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1316 आईएएस अधिकारियों की कमी

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस निगरानी तंत्र में विभाग के भीतर एक समर्पित कार्य बल का गठन किया जाना चाहिए, जो सभी अधिकारियों की स्थिति पर नज़र रखने और उसे दाखिल करने के लिए जिम्मेदार हो। इसके अलावा समिति गैर-अनुपालन के लिए दंड या सुधारात्मक कार्रवाई शुरू करने का प्रस्ताव करती है, जिसमें स्मरण पत्र के बावजूद अपने आईपीआर दाखिल करने में विफल अधिकारियों के लिए आगे की प्रक्रिया शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे जवाबदेही मजबूत होगी और समय पर आवेदन दाखिल करना सुनिश्चित होगा, जिससे प्रक्रिया और मजबूत होगी और आवश्यकताओं का बेहतर पालन सुनिश्चित होगा। संसदीय समिति ने 1,316 आईएएस अधिकारियों की कमी का उल्लेख करते हुए लोक प्रशासन की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए भर्ती प्रक्रिया को बढ़ाने के वास्ते त्वरित कार्रवाई का सुझाव दिया।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 1,316 आईएएस अधिकारियों की मौजूदा कमी सरकार के विभिन्न स्तरों पर प्रशासनिक दक्षता और शासन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। इन रिक्त पदों को भरने की तत्काल आवश्यकता को देखते हुए, भर्ती प्रक्रिया को बढ़ाने और लोक प्रशासन की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है।

नए आईएएस के लिए क्या नियम हो

समिति ने कहा कि सीधी भर्ती वाले आईएएस अधिकारियों की भर्ती के संबंध में चंद्रमौली समिति की रिपोर्ट का अध्ययन कर इसे जल्द से जल्द इसे लागू किया जा सकता है। सिविल सेवा परीक्षा के आधार पर सीधी भर्ती वाले आईएएस अधिकारियों के प्रवेश के लिए सी चंद्रमौली की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशें वर्तमान में सरकार के विचाराधीन हैं।

एक ऑनलाइन ट्रैकिंग और सबमिशन पोर्टल की मांग

आईएएस पदोन्नति कोटे में रिक्तियों का समय पर निर्धारण सुनिश्चित करने के लिए, संसदीय समिति ने सिफारिश की कि डीओपीटी राज्य सरकारों के लिए एक ऑनलाइन ट्रैकिंग और सबमिशन पोर्टल शुरू कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मंच राज्य सरकारों को अपने प्रस्ताव इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत करने, उनके प्रस्तुतीकरण की प्रगति को ट्रैक करने और समयसीमा के बारे में स्वचालित स्मरणपत्र की अनुमति देगा।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि इसके अतिरिक्त, डीओपीटी को विलंबित प्रस्तुतीकरण के लिए दंड प्रणाली अपनानी चाहिए, जैसे कि उन राज्यों से पदोन्नति कोटे पर विचार रोकना जो लगातार समय सीमा को पूरा करने में विफल रहते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि यह प्रणाली न केवल प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगी बल्कि त्वरित कार्रवाई को भी प्रोत्साहित करेगी। यह भी सुनिश्चित करेगी कि रिक्तियों का निर्धारण और उसके बाद की पदोन्नति और चयन प्रक्रिया अनावश्यक देरी के बिना हो।