IAS Officer Asked for Security : दिल्ली के मंत्री ने मुझे धमकी दी, IAS अफसर ने सुरक्षा मांगी!

IAS आशीष मोरे का आरोप '16 मई को मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उनसे बदसलूकी की!

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IAS Officer Asked for Security : दिल्ली के मंत्री ने मुझे धमकी दी, IAS अफसर ने सुरक्षा मांगी!

New Delhi : सीनियर ब्यूरोक्रेट आशीष मोरे ने दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज के खिलाफ मुख्य सचिव और उपराज्यपाल को दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए शिकायत भेजी है। इस पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने अदालत के फैसले को पलटने के लिए उपराज्यपाल की तरफ से साजिश रचने का आरोप लगाया। आशीष मोरे को 11 मई को दिल्ली के सेवा सचिव के पद से हटा दिया गया था। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले, जिसमें कहा गया था कि नौकरशाहों के स्थानांतरण और पोस्टिंग पर उपराज्यपाल का नहीं बल्कि दिल्ली सरकार का नियंत्रण होगा, के कुछ घंटों बाद पद से हटाया था।

आशीष मोरे ने आरोप लगाया कि 16 मई को मंत्री ने उन्हें अपने चेंबर में बुलाकर बदसलूकी की और धमकी दी। मोरे ने इस मामले में सरकार से कार्रवाई की मांग की और अपने लिए सुरक्षा की मांग की। जबकि, मंत्री भारद्वाज ने कहा कि हमने 11 मई को सेवा सचिव को बदलने का फैसला किया और वे गायब हो गए। वे कुछ देर बाद लौटे और टालमटोल करने लगे। आखिरकार हमने उप राज्यपाल (LG) वीके सक्सेना को इससे संबंधित प्रस्ताव भेजा, लेकिन, उन्होंने उसे अभी तक मंजूरी नहीं दी।

मंत्री ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि उप राज्यपाल फोन करके अधिकारियों को धमकी दे रहे हैं। उन्हें निर्देश दे रहे हैं कि वे सब कुछ स्थगित करते रहें। क्योंकि, केंद्र जल्द ही इस (अधिकारियों की पोस्टिंग और स्थानांतरण पर नियंत्रण) पर एक अध्यादेश लाएगा। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमारे सभी मंत्री आज उप राज्यपाल से मिलने जाएंगे और उनसे पूछेंगे कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को क्यों नहीं मान रहे हैं। वे फाइल पास क्यों नहीं कर रहे हैं।

दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मोरे के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि अगर वे आरोप लगाते कि मैंने उन पर शारीरिक हमला किया, तो हम क्या कर सकते हैं। उन्होंने अपना आरोप दोहराया कि मोरे ने सरकार की तरफ से उन्हें भेजा गया पत्र स्वीकार नहीं किया, भले ही वे अपने आवास पर थे। मंत्री ने बताया कि अरविंद केजरीवाल ने (सुप्रीम कोर्ट के) बड़े फैसले के दिन ही घोषणा कर दी थी कि अधिकारियों में बड़ा फेरबदल किया जाएगा और जो लोग सार्वजनिक कार्य में बाधा डालते हुए पाए जाएंगे उन्हें हटा दिया जाएगा, ताकि बेहतर अधिकारियों को लाया जा सके।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर पर सौरभ भारद्वाज के दावे दोहराए। उन्होंने ट्वीट किया ‘एलजी साहिब सुप्रीम कोर्ट के आदेश क्यों नहीं मान रहे? दो दिन से सर्विसेज़ सेक्रेटरी की फाइल साइन क्यों नहीं की? कहा जा रहा है कि केंद्र अगले हफ़्ते आर्डिनेंस लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने वाली है? क्या केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने की साज़िश कर रही है? क्या एलजी साहिब आर्डिनेंस का इंतजार कर रहे हैं, इसलिए फाइल साइन नहीं कर रहे?’

आशीष मोरे को चार दिन पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। तब उनसे अपना पद छोड़ने के लिए कहा गया था। सर्विसेज मिनिस्टर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, मोरे ने अप्रत्याशित रूप से सचिवालय छोड़ दिया और अपना फोन बंद कर दिया। बयान में कहा गया कि, मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सेवा सचिव आशीष मोरे को सेवा विभाग के सचिव के पद पर एक नए अधिकारी के स्थानांतरण के लिए फाइल पेश करने का निर्देश दिया। हालांकि, आशीष मोरे ने अप्रत्याशित रूप से मंत्री के दफ्तर को सूचित किए बिना सचिवालय छोड़ दिया। वे पहुंच से बाहर हो गए और उनका फोन भी स्विच ऑफ रहा! मोरे पर मंत्रालय की तरफ से ‘राजनीतिक रूप से तटस्थ’ नहीं होने का भी आरोप लगाया।