IAS P Narhari Overwhelmed : अपने शिष्य को पद्मश्री मिलने पर IAS पी नरहरी अभिभूत!
New Delhi : मध्यप्रदेश के सीनियर आईएएस अधिकारी पी नरहरी ने आज सोशल मीडिया पर अपने एक शिष्य सत्येंद्र सिंह लोहिया को पद्मश्री दिए जाने पर एक पोस्ट की। उन्होंने पोस्ट के साथ पद्मश्री समारोह का आमंत्रण पत्र भी संलग्न करते हुए दिव्यांग तैराक सत्येंद्र की उपलब्धियों को सराहा है।
पी नरहरी ने अपनी पोस्ट में लिखा है ‘मुझे बेहद खुशी है कि आज मैं एक अलंकरण समारोह में भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा पद्म पुरस्कार प्रदान किए जाने के समारोह में भाग ले रहा हूं। मेरे शिष्य सत्येंद्र सिंह लोहिया को आज पद्मश्री पुरस्कार मिल रहा है, इससे मेरा हृदय अभिभूत हो गया है। हमारा जुड़ाव 2012 से है, जब मैं ग्वालियर जिले का कलेक्टर था। सत्येंद्र ने अपनी उपलब्धियों से मिली सहायता के रूप में जो शुरुआत की, उसने बाद में उसके प्रयासों को सफल बनाने के लिए एक मजबूत टीम बनाई। सत्येंद्र सिंह लोहिया ने जो भी मुकाम हासिल किया वह उनका अपना है। यह उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति ही है जिसने उन्हें यह पुरस्कार हासिल कराया।
यह कितना रोमांचकारी अवसर है जब हमारे परिवार के सदस्यों और दोस्तों को हमारी उपस्थिति में ऐसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलते हैं! ऐसे शानदार अवसरों का हिस्सा बनने के लिए कई और लोगों का इंतजार है।
कौन है सत्येंद्र सिंह लोहिया
ग्वालियर निवासी इंटरनेशनल पैरा स्विमर सत्येंद्र सिंह लोहिया को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री मिल रहा है। लोहिया इंग्लिश चैनल पार करने वाले एशिया के पहले पैरा स्विमर हैं। वे मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले हैं। फिलहाल वह इंदौर में जीएसटी विभाग में पदस्थ हैं।
उन्होंने सिंह ने 2007 में तैराकी शुरू की थी, तब से लेकर आज तक उन्होंने 7 राष्ट्रीय और 3 अंतर्राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप में भाग लिया है और राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 20 पदक जीते हैं, जिसमें 5 स्वर्ण पदक शामिल हैं। पैरा तैराक सत्येन्द्र अपने दोनों पैर खराब होने के बावजूद इंग्लिश चैनल पार करने वाले एशिया के पहले पैरा स्विमर हैं। 24 जून 2018 को उन्होंने लंदन में 36 किलोमीटर इंग्लिश चैनल को 12 घंटे 26 मिनट में पार किया। सत्येन्द्र ने यह सफलता अपने तीन दोस्तों के साथ हासिल की थी। उनके साथ बंगाल से रेमो शाह, महाराष्ट्र से चैतन राउत और राजस्थान से जगदीश सैंड्रा थे। जिन्होंने इंग्लिश चैनल पार करने वाले एशिया के पहले पैरा तैराक का खिताब भी हासिल किया।
इंग्लिश चैनल रिले को पार करने के बाद, उन्होंने 2019 में यूएसए में कैटलिना चैनल को पार करके एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। उन्होंने 11 घंटे 34 मिनट के समय के साथ कैटलिना चैनल को सफलतापूर्वक पार करके एक एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया। 2022 में लोहिया ने 14 घंटे 39 मिनट तक 12 डिग्री तापमान पर ठंडे पानी में 36 किलोमीटर नॉर्थ चैनल तैरकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने कहा कि यह एशिया की पहली टीम है, जिसने ठंडे नॉर्थ चैनल को पार किया है। नॉर्थ चैनल का पानी इंग्लिश चैनल की तुलना में ठंडा है।
लोहिया ने निषाद नेशनल पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में भाग लेकर देश के लिए 24 पदक जीते हैं। जिसके बाद उन्हें 2020 में राष्ट्रपति द्वारा तेनजिंग नोर्गे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सत्येन्द्र के मुताबिक वह यह पुरस्कार पाने वाले भारत के पहले दिव्यांग खिलाड़ी हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुलाकर सम्मानित किया था। 2014 में मध्य प्रदेश का विक्रम पुरस्कार प्राप्त करने के बाद उन्हें 2016 में वाणिज्यिक कर विभाग में शासकीय सेवा में पदस्थ किया गया।