
IAS Santosh Verma’s Controversial Statement: हर घर में संतोष वर्मा पैदा होगा: नया वीडियो सामने के आने बाद विवाद फिर गरमाया
14 दिसंबर को CM बंगले घेराव का अल्टीमेटम
Bhopal: मध्यप्रदेश में IAS संतोष वर्मा एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गए हैं। उनका नया वीडियो सामने आया है जिसमें वह कहते दिख रहे हैं कि “हर घर में संतोष वर्मा पैदा होगा।” यह बयान सामने आते ही प्रदेशभर में आक्रोश भडका और कई सामाजिक संगठनों ने इसे बेटियों की सुरक्षा और सामाजिक माहौल के लिए खतरा बताया है।
▪️पुराने आरोपों की गर्मी में नया विवाद
▫️संतोष वर्मा लंबे समय से विवादों में घिरे रहे हैं। उन पर पूर्व में महिला उत्पीडन का एक प्रकरण इंदौर कोर्ट में लंबित है और इस केस में नियमित सुनवाई भी हो रही है। इसी बीच उनके इस नए बयान ने पुराने मुद्दों को और उभार दिया है। कई संगठनों का कहना है कि जिस अधिकारी पर पहले से महिला उत्पीडन का मामला चल रहा हो, उसके ऐसे बयान समाज में गलत संदेश फैलाते हैं।
▪️“हर घर में संतोष वर्मा” बयान पर सामाजिक संगठनों का रोष
▫️बयान सामने आने के बाद कई ब्राह्मण संगठनों, सपाक्स और अन्य सामाजिक समूहों ने इसे बेहद असंवेदनशील बताते हुए तीखी आपत्ति दर्ज की है। उनका कहना है कि यदि ऐसे लोग आदर्श बनाए जाएंगे तो समाज की बेटियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खडे हो जाएंगे। संगठनों ने पूछा कि आखिर ऐसे अधिकारी को अब तक निलंबित क्यों नहीं किया गया और उसके खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं हो रही है।
▪️14 दिसंबर को मुख्यमंत्री बंगले घेराव की चेतावनी
▫️सपाक्स सहित कई सामाजिक संगठनों ने स्पष्ट कहा है कि यदि 13 दिसंबर तक संतोष वर्मा के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई या विभागीय निलंबन नहीं किया गया, तो 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा। संगठनों ने इसे सम्मान और सुरक्षा का सवाल बताते हुए शांतिपूर्ण लेकिन बडे पैमाने पर विरोध की तैयारी शुरू कर दी है।
सपाक्स के राष्ट्रिय संयोजक हीरालाल त्रिवेदी
▪️प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
▫️अब तक न तो निलंबन हुआ है और न ही किसी तरह की ठोस दंडात्मक कार्रवाई। प्रशासन की चुप्पी ने पूरे विवाद को और तूल दे दिया है। सामाजिक समूहों का कहना है कि यदि कोई आम व्यक्ति ऐसा बयान देता तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो जाती, लेकिन एक आईएएस अधिकारी पर सरकार कार्रवाई से बचती दिख रही है।
▪️मामले का व्यापक असर और अगले कुछ दिन बेहद अहम
▫️संतोष वर्मा का विवाद अब केवल एक बयान का मामला नहीं रहा। यह सामाजिक सम्मान, संवेदनशीलता, प्रशासनिक जवाबदेही और महिला सुरक्षा जैसे कई बडे सवालों से जुड चुका है। अदालत में पहले से लंबित मामलों, पुराने आरोपों और नए विवादित बयान ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है।
सभी की निगाहें अब 13 दिसंबर पर टिकी हैं। यदि सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया, तो 14 दिसंबर को बडा विरोध तय माना जा रहा है।
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