IAS Service Meet : सीनियर और जूनियर IAS के बीच अजब सामंजस्य और तालमेल! 

CM और IAS के बीच अच्छा 'रेपो' दिखा, CM ने कहा 'आप मेरी टीम नहीं परिवार हो!'  

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Bhopal : भोपाल में आयोजित इस बार की IAS Service Meet कई मायनों में अनोखी रही। नए और पुराने IAS अधिकारियों के सम्मिश्रण वाली इस ‘मीट’ में सम्मान और सहयोग की भावना साफ़ दिखाई दी।

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भोपाल में 20 से 22 जनवरी तक हुई ये ‘मीट’ कोरोनाकाल के दौरान नहीं हुई थी, इसलिए इस बार इसे लेकर उत्साह भी ज्यादा दिखाई दिया।

इस मीट की सबसे खास बात यह रही कि युवाओं के हाथ में कमान ज्यादा देखी गई और उन्हें ज्यादा मौका दिया गया। इसका एक उदाहरण यह है कि समापन समारोह में भारतीय प्रशासनिक सेवा में 2021 बैच के शिवम् प्रजापति मंच पर आसीन थे तो एंकरिंग की जिम्मेदारी 2018 बैच की नेहा जैन ने संभाली।

बता दें कि आयोजन से पहले ही ‘मीडियावाला’ ने इस बात के उल्लेख किया था कि इस बार इस मीट की कमान युवा आईएएस अधिकारियों के हाथों में होगी और पूरी मीट के दौरान वैसे दृश्य दिखाई भी दिए।

इस आयोजन का यही सबसे सकारात्मक पक्ष रहा समापन समारोह में वर्ष 22 में हुए 3 रिटायर आईएएस अधिकारियों का सम्मान। मंच पर शैलेंद्र सिंह, राजीव दुबे और नरेश पाल सिंह को सम्मानित किया गया। लेकिन इस बार की मीट में एक बात यह देखने में आई कि जिला कलेक्टरों ने इसमें कम भागीदारी निभाई।

कई जिलों के कलेक्टर दिखाई नहीं दिए जबकि सामान्य प्रशासन विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर सभी कमिश्नर और कलेक्टर को इसमें भाग लेने की छूट दी थी। कुछ कलेक्टर उद्घाटन समारोह में शक्ल दिखा कर वापस चले गए।

इस मीट की एक खूबी के रूप में यह देखा गया कि सीनियर अधिकारियों द्वारा जूनियर अधिकारियों के साथ अलग समूहों में चर्चा की गई और उन्हें प्रशासन की नई टिप्स दी गई।

इस बार की ‘आईएएस सर्विस मीट’ में एक और अच्छी बात ये रही कि मुख्यमंत्री ने इसमें दो बार शिरकत की। उद्घाटन तो उन्होंने किया, बाद में सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी सपत्नीक शामिल हुए। कहा जा रहा है कि ये पहली बार हुआ जब मुख्यमंत्री सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी आए। इसे उनके आईएएस अधिकारियों से अच्छे ‘रेपो’ के रूप में भी देखा जा रहा है।

उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आईएएस से अपना जुड़ाव भी बताया और कहा कि आप मेरी टीम नहीं, परिवार के सदस्य हैं। हम सब एक मिशन और लक्ष्य के लिए काम कर रहे हैं। हमने कोरोना काल में जिन चुनौतियों और कठिनाइयों में काम किया, वह अकल्पनीय है। प्रदेश में दूसरे राज्यों से आए मजदूरों को हमने जिस तरह मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई, वो तारीफ के काबिल है।

मुख्यमंत्री ने मुक्त कंठ से ‘टीम मध्य प्रदेश’ की प्रशंसा की। उन्होंने योग अपनाने के लिए भी प्रेरित किया। अधिकारियों से कहा कि व्यस्तता के बीच समय निकालकर परिवार को भी समय दें। खेलें कूदें और योग अवश्य करें।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे पारदर्शी, तकनीकी समझ से परिपूर्ण, सृजनशील दृष्टिकोण से युक्त, कल्पनाशील और नवाचारी हों। वे सक्रिय, विनम्र, व्यावसायिक रूप से दक्ष, प्रगतिशील, सक्षम और ऊर्जावान और संवेदनशील रहें। सुशासन के क्षेत्र में प्रदेश, देश में सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में उभर रहा है।

उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री ने कवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियां ‘मरणोपरान्त जीने की है यदि चाह तुझे, तो सुन, बतलाता हूं मैं सीधी-सी राह तुझे। लिख ऐसी कोई चीज कि दुनिया डोल उठे या कर कुछ ऐसा काम, जमाना बोल उठे।’ सुनाकर जो उत्साह भरा था उसका असर आयोजन के तीनों दिन दिखाई दिया।