IAS SUCCESS STORY: जुझारूपन और संघर्ष ने दिलाई सफलता

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UPSC के नतीजों का इंतजार ख़त्म हुआ। देश की इस सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में 761 उम्मीदवार पास हुए। इनमें 545 पुरुष और 216 महिलाएं हैं। इस बार टॉप फाइव में लड़कियों ने बाजी मारी। चुने गए सभी टॉपर्स की कहानी कुछ अलग है। लेकिन, एक बात सामान्य है कि मेहनत, लगन और लक्ष्य के प्रति समर्पण सभी में देखा गया।

24 साल की ममता यादव अपने गांव में IAS बनने वाली पहली लड़की हैं। ममता को UPSC में 5वीं रैंक मिली है। ममता की सफलता इसलिए खास है कि उन्होंने 2020 में भी यह परीक्षा दी थी। उस वक्त उन्होंने 556 रैंक हासिल की। सिलेक्ट होने के बाद वे IRS (भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा) के लिए प्रशिक्षण लेने लगीं। लेकिन, वे इतने से ही संतुष्ट नहीं थी। उन्होंने फिर प्रयास किया और इस बार सफलता हासिल की।

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के बसई गांव की ममता यादव के पिता अशोक यादव एक निजी कंपनी में काम करते हैं। उनकी मां सरोज यादव गृहिणी है। ममता ने अपनी पूरी पढ़ाई दिल्ली से पूरी की। वे दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से पढ़ी हैं। ममता की मां सरोज का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनकी बेटी इतना आगे जाएगी। उनके पिता अशोक अपनी बेटी की सफलता का श्रेय ममता की मां को देते हैं। पिता बताते हैं कि ममता ने उनका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया.