IAS Suspend: पूर्व डीसी गिरफ्तार और निलंबित, ED अब पूछताछ करेगी! 

गिरफ़्तारी के बाद छवि रंजन को केंद्रीय कारागार भेज दिया गया!

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IAS Suspend: पूर्व डीसी गिरफ्तार और निलंबित, ED अब पूछताछ करेगी! 

Ranchi : झारखंड कैडर के आईएएस छवि रंजन को जमीन घोटाला मामले में ED ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई। उनको 4 मई को ED की टीम ने घंटों पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल छवि रंजन न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार रांची में हैं। एड ने उनको 7 मई से 12 मई तक विशेष कोर्ट से रिमांड पर भी लिया है। अब ईडी छवि रंजन से पूछताछ शुरू करेगी।

कार्मिक विभाग की अधिसूचना में बताया गया है कि रांची में मौजूद ED के क्षेत्रीय कार्यालय की टीम ने धन शोधन निरोधक अधिनियम 2002 की धारा 19 के तहत IAS छवि रंजन को गिरफ्तार किया। इसके बाद अखिल भारतीय सेवाएं अनुशासन एवं अपील नियमावली 1969 के नियम 3 (3) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।

अधिसूचना में इस बात का भी जिक्र है कि निलंबित दिन की अवधि में हिरासत से मुक्त होने के बाद छवि रंजन को कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के मुख्यालय में योगदान देना होगा। इस दौरान अखिल भारतीय सेवाएं अनुशासन एवं अपील नियमावली 1969 के नियम 4 (i) के तहत जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।

छवि रंजन को करीब 10 घंटों की पूछताछ के बाद गत गुरुवार देर रात ED ने गिरफ्तार किया था। विशेष अदालत ने शुक्रवार को रंजन को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में भेज दिया था। इस मामले के जांच अधिकारी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत रंजन का बयान दर्ज किया। ईडी ने 24 अप्रैल को भी कथित अवैध भूमि सौदों से जुड़े धन शोधन जांच को लेकर उनसे करीब 10 घंटों तक पूछताछ की थी।

जमीन घोटाला मामले में रांची के पूर्व DC छवि रंजन से ईडी पूछताछ करेगी। अदालत ने 6 दिन का रिमांड देने का निर्देश दिया है। जमीन का पूरा घोटाला तब हुआ जब छवि रंजन रांची उपायुक्त के पद पर थे। 24 अप्रैल को भी ED ने उनसे पूछताछ की थी। इसी मामले में 8 मई को न्यूक्लियस मॉल के मालिक और झारखंड के बड़े कारोबारी विष्णु अग्रवाल से भी पूछताछ होनी है। वर्तमान में छवि रंजन समाज कल्याण विभाग में निदेशक के पद पर थे, उनके पास सामाजिक सुरक्षा के निदेशक और निःशक्तता आयुक्त का भी अतिरिक्त प्रभार था।

ये है पूरा गड़बड़ घोटाला
छवि रंजन ने कई लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाकर पैसे भी वसूले। उन्हें धोखाधड़ी करने में मदद की और तथ्यों को छिपाया। छवि रंजन 15 जुलाई 2020 से 10 जुलाई 2022 तक रांची के डिप्टी कमिश्नर (DC) थे। PMLA कोर्ट में रिमांड के लिए दाखिल आवेदन पर बहस करते हुए ED के वकील ने कहा बड़े पैमाने पर जालसाजी हुई है। छवि रंजन ही इसके मास्टरमाइंड हैं। रांची DC के पद पर रहते हुए उन्होंने साजिश रचकर सेना के कब्जे वाली जमीन फर्जीवाड़ा कर बिकवा दी। यह जमीन वह स्व बीएम लक्ष्मण राव की है, जो 417 रुपए मासिक किराए पर सेना को दी गई थी, लेकिन प्रदीप बागची को फर्जी मालिक बनाकर उसे बेच दिया गया।

बिक्री पट्‌टा में उस जमीन की कीमत सिर्फ 7 करोड़ रुपए दिखाई गई। जांच में पता चला कि बड़गाईं CEO के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के साथ-साथ रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता कार्यालय के रिकॉर्ड में भी छेड़छाड़ की गई। चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री मामले में ईडी ने 8 मई को विष्णु अग्रवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है। ED ने छवि रंजन के कस्टडी पिटीशन में कोर्ट को बताया है कि विष्णु अग्रवाल ने छवि के गोवा टू्र का पूरा खर्च उठाया था। इस संबंध में भी पूछताछ की जाएगी।