IAS vs Judge: “हाईकोर्ट दोनों को टांग देगा” जैसे बयान न्यायिक गरिमा के खिलाफ,विकास दिव्यकीर्ति को कोर्ट ने किया तलब 

4387

IAS vs Judge: “हाईकोर्ट दोनों को टांग देगा” जैसे बयान न्यायिक गरिमा के खिलाफ,विकास दिव्यकीर्ति को कोर्ट ने किया तलब 

 

 

अजमेर: देश की सुप्रसिद्ध IAS कोचिंग संस्थान दृष्टि के संस्थापक और चर्चित शिक्षक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह उनकी कोई क्लास या मोटिवेशनल स्पीच नहीं, बल्कि “IAS vs Judge: कौन ज्यादा ताकतवर?” वीडियो है। इस वीडियो में न्यायपालिका पर की गई कथित टिप्पणी अब न्यायालय पहुंच गई है और कोर्ट ने उन्हें तलब कर लिया है।

अजमेर कोर्ट ने उनके यूट्यूब वीडियो “IAS vs Judge: कौन ज्यादा ताकतवर?” में न्यायपालिका को लेकर की गई अपमानजनक और व्यंग्यात्मक टिप्पणियों पर संज्ञान लेते हुए उन्हें 22 जुलाई 2025 को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मानना है कि दिव्यकीर्ति ने लोकप्रियता के लिए जानबूझकर न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाई, जो भारतीय न्याय संहिता (BNS) और IT एक्ट के तहत अपराध है।

 

*क्या है पूरा मामला..?*

वीडियो में डॉ. दिव्यकीर्ति ने IAS और Judge की शक्तियों की तुलना करते हुए कहा था कि “हाईकोर्ट बहुत ताकतवर होता है, मुख्यमंत्री भी कोर्ट की अवमानना करे तो नप सकता है।” साथ ही, कॉलेजियम सिस्टम, न्यायिक नियुक्तियों और जिला जज बनाम जिला मजिस्ट्रेट की शक्तियों पर भी टिप्पणी की, जिन्हें कोर्ट ने न्यायपालिका का उपहास माना। वीडियो डिलीट हो चुका है, लेकिन वायरल होने के कारण कई लोगों तक पहुंच गया था।

 

शिकायत अजमेर के वकील कमलेश मंडोलिया ने की, जिनका कहना है कि “हाईकोर्ट दोनों को टांग देगा” जैसे बयान न्यायिक गरिमा के खिलाफ हैं। कोर्ट ने दिव्यकीर्ति के तर्क कि वीडियो किसी तीसरे पक्ष ने एडिट कर अपलोड किया और उनकी बात अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में थी—को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि एक शिक्षक और संस्थान प्रमुख को पता होना चाहिए कि उनका भाषण रिकॉर्ड और सार्वजनिक हो सकता है।

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के चर्चित फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी टिप्पणियां न्यायपालिका की छवि और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे जनता में अविश्वास पैदा हो सकता है। अजमेर पुलिस को मामले की जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

 

*पूरा मामला एक नजर में*

1. डॉ. विकास दिव्यकीर्ति पर अजमेर कोर्ट में मानहानि का मामला

2. वीडियो में न्यायपालिका पर कथित अपमानजनक टिप्पणी

3. कोर्ट ने BNS और IT एक्ट के तहत मामला दर्ज कर 22 जुलाई को पेशी के आदेश दिए

4. दिव्यकीर्ति ने वीडियो से पल्ला झाड़ने की कोशिश, कोर्ट ने तर्क खारिज किए

5. कोर्ट ने माना—ऐसी टिप्पणियां न्यायपालिका की छवि को धूमिल करती हैं

6. अजमेर पुलिस को जांच के निर्देश

 

अब देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट में डॉ. दिव्यकीर्ति क्या सफाई देते हैं और यह मामला किस दिशा में जाता है!