IAS ने बैंक से एक करोड़ कैश निकाला

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आईएएस ने बैंक से एक करोड़ कैश निकाला

मप्र की एक जांच एजेंसी मप्र के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के बैंक खाते की गोपनीय जांच कर रही है। लंबे समय तक मलाईदार पद पर रहकर कुछ माह पहले रिटायर हुए आईएएस के बैंक खाते में 2016 में दो अलग अलग एकाउंट से लगभग एक करोड़ रूपये आए। आईएएस ने एक करोड़, चार लाख रूपये नगद निकाले हैं। एजेंसी ने इस आईएएस के बैंक खाते के एक लाख से अधिक के सभी लेन देन की जानकारी निकाल ली है। इसकी बारीकी से जांच की जा रही है। बैंक से एक करोड़ से अधिक कैश निकालने पर एजेंसी के कान खड़े हो गये हैं। यह पता लगाने की कोशिश चल रही है कि आईएएस ने आखिर इतनी बड़ी राशि कैश क्यों निकाली?

रिटायर अफसर विदेश में अर्दली बंगले पर
मप्र में पुलिस अर्दलियों का कितना दुरूपयोग हो रहा है, इसकी बानगी देखिए। मप्र केडर के एक आईपीएस को रिटायर हुए 24 साल हो गये। यह अफसर बीते 5 साल से विदेश में हैं, लेकिन इनके भोपाल स्थित निजी बंगले पर आज भी पुलिस का अर्दली तैनात है। एसीएस होम राजेश राजौरा की रिपोर्ट और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सख्ती के बाद ऐसे लगभग 4000 अर्दलियों को वापस बुलाया जा रहा है। मप्र के रिटायर आईपीएस इस कार्यवाई से तिलमिलाए हुए हैं। कुछ रिटायर आईपीएस बड़ी बेशर्मी से अपने अर्दलियों को बचाने पुलिस मुख्यालय में भटकते देखे जा रहे हैं।

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जांच हुई तो फंस सकते हैं पूर्व मुख्यसचिव!
मप्र बीज विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बीज निगम के अभी तक के भ्रष्टाचार की जांच कराने और दोषी अफसरों पर शिकंजा कसने की मांग कर डाली है। इधर मंत्रालय में चर्चा है कि बीज निगम के भ्रष्टाचार की जांच हुई तो पूर्व मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी लपेटे में आ सकते हैं। बीज निगम में भ्रष्टाचार को लेकर ईओडब्ल्यु ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। रेड्डी ने अपने प्रभाव का उपयोग कर एफआईआर में आरोपियों की सूची में से अपना नाम हटवा लिया था। यह मामला ठंडा भी पड़ गया था। लेकिन अब बीज निगम के भ्रष्टाचार का जिन्न फिर से बाहर आया तो रेड्डी का बचना मुश्किल है।

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सांसद-मंत्री में तू तू मैं मैं, अनुशासन तार तार!
मप्र का भाजपा संगठन सबसे मजबूत और अनुशासित माना जाता है, लेकिन गुना के दो दिग्गज नेताओं के झगड़े ने पार्टी अनुशासन को तार तार कर दिया है। पिछले लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले भाजपा सांसद केपी यादव का सीधा टकराव सिंधिया समर्थक मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया से हो गया है। मंत्री ने बयान दिया कि 2019 में केपी यादव को जिताना बड़ी भूल थी, तो जबाव में केपी यादव ने अपनी पार्टी के मंत्री को मूर्ख बता दिया। दोनों दिग्गजों को झगड़ा प्रदेश कार्यालय पहुंच गया है। देखना है कि संगठन इस समस्या से कैसे निपटता है!


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कमलनाथ के सबसे खास बने अरूण यादव!
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपनी रणनीति में जबरदस्त बदलाव किया है। उन्होंने अपने खास समर्थक सज्जन सिंह वर्मा, एनपी प्रजापति और रवि जोशी से दूरी बनाते हुए अरूण यादव को सबसे खास बना लिया है। बहुत कम लोगों को पता है कि डॉ. गोविन्द सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनवाने में अरूण यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कमलनाथ ने सज्जन सिंह वर्मा और रवि जोशी की सलाह को दरकिनार कर बुरहानपुर और खंडवा में अरूण यादव समर्थक कांग्रेस जिलाध्यक्षों को बहाल कर दिया गया है। कांग्रेस के उदयपुर चिन्तन शिविर में अरूण यादव को साथ लेकर गये। चर्चा है कि भाजपा के ओबीसी एजेंडे का मुकाबला करने कमलनाथ ने अरूण यादव को आगे बढ़ाया है। इधर अरूण यादव भी आजकल कमलनाथ का झंडा थामे प्रदेश भर में सक्रिय हो गये हैं।

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बुरी तरह फंसते नजर आ रहे आईपीएस राजीव मिश्रा
गुना पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं। गुना के जंगलों में शिकारियों द्वारा तीन पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद मिश्रा ने तीन आरोपियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। दो आरोपियों का शार्ट एनकाउंटर हुआ, उनके पैरों में गोली लगी। इसके बाद भी वे अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए। उल्टे उनके इन एनकाउंटर का मामला कोर्ट पहुंच गया है। एनकाउंटर को लेकर कोर्ट की सख्ती को देखते हुए लगता है कि आईपीएस राजीव मिश्रा को भी जबाव देना मुश्किल होगा। इधर भोपाल पहुंच रही खबरों पर भरोसा किया जाए तो मिश्रा को गुना से संबंधित एक मंत्री के इशारे पर जिला चलाने की शिकायतों के कारण हटाया गया है। उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार बढ़ने की भी बहुत शिकायतें आ रही थीं।


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और अंत में…
मप्र में पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिलाने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी अमेरिका यात्रा रद्द कर दी। इसी तरह प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर डीजीपी सुधीर सक्सेना ने अपनी हैदराबाद यात्रा रद्द कर दी। हैदराबाद में 1987 बैच के देशभर के सभी आईपीएस अफसरों की सपरिवार मीट आयोजित की गई थी। आईपीएस बने 35 साल पूरे होने पर हैदराबाद पुलिस अकादमी में तीन दिवसीय आयोजन के लिए डीजीपी ने पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन पिछले 15 दिन में कानून व्यवस्था की घटनाओं को देखते हुए डीजीपी ने ऐनवक्त पर यात्रा रद्द करने का फैसला किया।


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