एजेंसी के राडार पर आईएएस का बेटा

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एजेंसी के राडार पर आईएएस का बेटा

मप्र के एक रिटायर आईएएस का बेटा केन्द्रीय जांच एजेंसी के राडार पर है। दरअसल दैनिक भास्कर ने 18 नवम्बर 2019 को वेबसाईट पर खबर दी थी कि मप्र के एक आईएएस के निकट रिश्तेदार को शैल कंपनियों के जरिए बड़ी राशि फ्रांस भेजी गई है। भास्कर ने ईओडब्ल्यु के सूत्रों के हवाले से बताया था कि ई टेंडर घोटाले की जांच में यह तथ्य सामने आया है।

Case Registered Against An IAS Officer

जांच एजेंसियों को पता चला है कि मप्र के एक वरिष्ठ आईएएस (अब रिटायर) ने अपने बेटे को फ्रांस की नागरिकता दिला दी है। मजेदार बात यह है उनका यह बेटा लंदन में सेवर्न कोर्ट क्लाइड स्क्वायर क्षेत्र की एक कंपनी में डायरेक्टर भी बन गया है। बताते हैं कि मप्र की जांच एजेंसी ने कथित दबाव में पड़ताल बंद कर दी है, लेकिन केन्द्रीय जांच एजेंसियों को कुछ सुराग लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि मप्र के बहुचर्चित ई टेंडर घोटाले की राशि आस्ट्रेलिया व फ्रांस होते हुए लंदन पहुंची है।

 

*हरियाली के दुश्मन बने आईएएस अफसर!*

मप्र के कुछ आईएएस अफसरों को भोपाल की हरियाली कतई पसंद नहीं है। शहर के बीचोंबीच हरियाली मिटाने और अपनी जेब भरने यह अफसर कोई न कोई बहाना खोजते रहते हैं। पिछले 15 वर्ष में इन अफसरों ने नये भोपाल की हरियाली को कसाई की तरह साफ किया है और जमकर नोट छापे हैं। सबसे पहले इन अफसरों ने साऊथ टीटी नगर की लगभग 15 एकड भूमि से मकान हटाये और पेड़ काटकर यह भूमि गैमन इंडिया को सौंप दी। यह प्रोजेक्ट बुरी तरह फ्लाप हो गया है। इसके बाद अफसरों ने स्मार्ट सिटी के नाम पर पूरा साऊथ टीटी नगर और नार्थ टीटी नगर के मकान तोड़े हजारों हरे भरे पेड़ निर्ममता से काटे। स्मार्ट सिटी तो आजतक बन नहीं पाई, लेकिन सुना है बजट पूरा खत्म हो चुका है। अब अफसरों की नजर प्रोफेसर काॅलोनी पर लग गई है। इस छोटी सी हरी भरी काॅलोनी में कलेक्टर कमिश्नर कार्यालय के नाम पर छोटे व बड़े तालाब के बीच की हरियाली को बर्वाद करने की तैयारी कर ली गई है।

*रिटायरमेंट के बाद भी कमाऊ अफसर का जलवा कायम*

सहकारिता विभाग में एक कमाऊ अफसर का रिटायरमेंट के बाद भी जलवा कायम है। मंत्रालय और मंत्री के साथ लगभग सभी बैठकों में इस अधिकारी को देखा जा सकता है। विभाग में चर्चा है कि इस अफसर को विभाग की कोई जानकारी हो या न हो, लेकिन सहकारिता में माल कैसे कमाया जा सकता है वह सारे रास्ते इस अफसर को पता हैं। रिटायरमेंट के पहले इस अफसर ने विभाग में अपनी कुर्सी कायम रखने के लिए नियमों को बदलने का प्रस्ताव पारित करा लिया था। रिटायरमेंट के अगले दिन कुर्सी पर भी बैठ गये, लेकिन अपर मुख्य सचिव ने इन्हें बमुश्किल वहां से हटवाया। खास बात यह है कि विभाग के आईएएस अफसरों ने इस अधिकारी की अपने चेम्बरों में इंट्री रोक दी है, लेकिन वह मंत्री जी के साथ बैठकों में पहुंचने लगे हैं।

*फायरिंग करने वाले विधायक पुत्र को गिरफ्तार करने से डर रही है पुलिस!*

यह गजब मामला है। एक सरकारी कर्मचारी को जमकर पीटने और फिर फायरिंग करने वाले भाजपा विधायक के बेटे के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन उसे गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं कर पा रही है। विधायक पुत्र थाने के सामने से निकल जाए तो भी पुलिस उसे पकड़ने की हिम्मत नहीं कर पाती। मामला सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैश्य के बेटे विनय वैश्य का है। विनय पर आरोप है कि उसने 20 जुलाई को एक वन चौकी पर वनकर्मी की जमकर पिटाई की और फायरिंग भी की। वनकर्मी का दोष सिर्फ इतना था कि उसने चोरी का कोयला ले जाने वाले एक ट्रक की जांच की थी। पुलिस ने विनय और उसके साथियों के खिलाफ धारा 294, 353, 332, 336, 427 एवं 34 के तहत एफआईआर तो कर ली। वनकर्मी की मेडीकल रिपोर्ट आए हुए भी 45 दिन हो गये हैं, लेकिन पुलिस विधायक पुत्र के सामने समर्पित दिखाई दे रही है।

*आम आदमी पार्टी की बल्ले बल्ले!*

मप्र में अगले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा व कांग्रेस से ज्यादा उत्साह आम आदमी पार्टी में दिखाई दे रहा है। मप्र में एक महापौर और लगभग 42 पार्षद जिताने के बाद आम आदमी पार्टी का जोश उफान पर है। जबलपुर के जानेमाने डॉक्टर मुकेश जायसवाल डॉक्टरी का पेशा छोड़कर फुलटाइम आम आदमी पार्टी की रणनीति बनाने में लगे हैं। पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री जायसवाल का दावा है कि मप्र में आप की स्वीकारिता तेजी से बढ़ी है।

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पिछले विधानसभा चुनाव में आप को मात्र 0.6 फीसदी वोट मिले थे। जबकि पिछले महीने हुए नगरीय निकाय चुनाव में आप का वोट प्रतिशत 6.30 प्रतिशत पहुंच गया है। जायसवाल ने दावा किया कि एक महापौर व 42 पार्षदों के अलावा आप पार्टी के 22 जिला पंचायत सदस्य, 32 जनपद सदस्य, 100 सरपंच और करीब 400 से अधिक पंच चुनाव जीते हैं। आम आदमी पार्टी अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।


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*डीजे की आवाज से पुलिस वाले हो रहे बूढ़े और बीमार*

डीजे की तेज आवाज से वहां ड्यूटी करने वाले पुलिस वालों पर गंभीर असर हो रहा है। ऐसे माहौल में पुलिस वाले बूढे और बीमार हो रहे हैं। इसलिए डीजे पर तत्काल और शक्ति से रोक लगाई जाना चाहिए। यह मामला सोशल मीडिया के जरिये मप्र पुलिस के डीएसपी चौधरी मदन मोहन समर ने उठाया है। समर देश के जानेमाने ओज के कवि हैं और इस समय होशंगाबाद जिले के सोहागपुर में एसडीओपी हैं। उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि – डीजे पर कानून बना कर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। यह न संगीत है न वाद्य। केवल हुड़दंग, शराबियों और मवालियों का हथियार है। लोग बीमार हो रहे हैं इसके आसपास से गुजरने पर भी। अभी एक सर्वे यह भी आया है पुलिस के लोग इस तरह के माहौल में काम करते हुए जल्दी बूढ़े और बीमार हो रहे हैं।मोबाइल और डीजे दोनों मिलकर इल्लियों की तरह युवाशक्ति को चट कर रहे हैं।

*और अंत में…!*

कथावाचकों को कोई अच्छा कहे या बुरा, लेकिन यह तय है कि कथा वाचकों के कारण रोजगार के अवसर तेजी बढ़ रहे हैं। बागेश्वर धाम पर लाखों की भीड़ पहुंचने से स्थानीय हजारों लोगों को रोजगार मिल गया है। इस रूट पर चलने वाली रेल की कमाई भी बढ़ी है। लगभग यही हाल भोपाल के समीप सीहोर का है। यहां कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में रोज ही 3 से 5 हजार लोग पहुंच रहे हैं। इससे सीहोर के लगभग सभी होटलों, ऑटो वालों को रोजगार तो मिला ही है। धाम के आसपास के ग्रामीणों ने अपने घरों में यात्रियों को ठहराना शुरु कर दिया है। इससे इनकी अच्छी खासी आमदनी हो रही है। कुबेरेश्वर धाम के बाहर लगभग 50 अस्थाई दुकानदारों को भी रोजगार मिल गया है।