Pachmarhi नहीं तो दीनदयाल परिसर ही सही, पर लक्ष्य वही
भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक वैसे तो पचमढ़ी के सुहाने मौसम में होने वाली थी, लेकिन इंद्रदेव को यह मंजूर नहीं था। उन दिनों तेज बारिश ने पूरे प्रदेश में हलचल मचाई तो 24 अगस्त को होने वाली कार्यसमिति भी स्थगित करनी पड़ी। फिर क्या 4 सितंबर को प्रदेश भाजपा कार्यालय दीनदयाल परिसर में यह कार्यसमिति संपन्न हुई।
कार्यसमिति का लब्बोलुआब यही कि आगामी समय में सरकार के साथ संगठन की भूमिका अधिक प्रभावी होने वाली है। वही समय आने वाला है, जब सिर्फ सरकारी प्रयास लोगों की समस्याओं के समाधान करने में नाकाफी रहेंगे। तब संगठन और सेवाभावी कार्यकर्ताओं की समाज सेवा ही समस्याओं के समाधान का मार्ग प्रशस्त करेगी। ऐसे में संगठन का दायरा बढ़ने वाला है। तो पार्टी का परिवार अब कार्यकर्ताओं के साथ ही समाज तक विस्तारित होने वाला है। तब यदि प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो उसमें भाजपा संगठन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। और शायद मध्यप्रदेश का दस मंजिला भाजपा कार्यालय तब संगठन की विस्तृत भूमिका का सारथी बनकर खुद के विस्तार की अनिवार्यता सिद्ध करेगा।
कोर कमेटी की बैठक में शामिल होने दिल्ली से भोपाल पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्वागत प्रदेश कार्यालय के बाहर उनके समर्थकों ने शाही अंदाज में किया। पर भाजपा की कार्यशैली समझ चुके सिंधिया ने कोई उत्साह दिखाए बगैर गाड़ी में बैठना ही बेहतर समझा। प्रदेश कार्यालय में भी वह सामान्य तौर पर प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा से मिले और बैठक में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश कार्यसमिति और कोर कमेटी के साथ शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी शामिल हुए। कहें तो शांत भाव से प्रदेश कार्यसमिति होकर गुजर गई। सितंबर का महीना भाजपा के लिए खास है। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है तो 25 सितंबर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती है। और फिर 2 अक्टूबर महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री की जयंती है। तो पार्टी ने इस पखवाड़े को ही समाज सेवा को समर्पित कर दिया।
कार्यसमिति भले ही पचमढ़ी की जगह भोपाल में हुई हो पर लक्ष्य वही हैं। पहला लक्ष्य है कि पार्टी की वोट शेयरिंग को बढ़ाना, जैसा कि विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि हाल ही में संपन्न हुए नगर एवं ग्रामीण निकाय के चुनावों में पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली है।
हमारा लक्ष्य 51 प्रतिशत वोट शेयर रहा है, लेकिन हमने नगर निगमों में 53 प्रतिशत, नगर पालिकाओं में 49.78 प्रतिशत और नगर परिषदों में लगभग 50 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया है। यह सब पार्टी नेतृत्व के प्रति जनता के विश्वास, गरीब कल्याण की योजनाओं तथा बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है। शर्मा ने दावा किया कि इसी आधार पर हम 46 नगर पालिकाओं और परिषदों के चुनाव भी ऐतिहासिक बहुमत से जीतेंगे। तो राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन 17 सितम्बर से बापू के जन्मदिन 02 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाने जा रहे हैं।
लेकिन किसी का जन्मदिन मनाना उसकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा के लिए नहीं होता, बल्कि इसका उद्देश्य यह है कि हमारा विचार बढ़े, संगठन बढ़े। संकेत साफ है कि व्यक्तिगत होने की कोशिश करने की सोच से भी परहेज करें। पार्टी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने कहा कि बूथ विस्तारक अभियान के माध्यम से 65 में से 62 हजार बूथों को डिजिटल बनाकर प्रदेश संगठन ने देश भर में अलग पहचान बनायी है।
डिजिटल बूथों का हमें टेक्नालॉजी के साथ भरपूर उपयोग करना है, ताकि हमारी मजबूती और बढ़े। तो शिवराज ने साफ किया कि 17 सितंबर से प्रदेश सरकार केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं के पात्र हितग्राहियों को लाभ दिलाने के लिए अभियान चलाएगी। इसके अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में शिविर आयोजित किए जाएंगे। 26 अक्टूबर से मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस 01 नवंबर तक म.प्र.दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान सांस्कृतिक, खेलकूद सहित बच्चों के लिए अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। 01 नवंबर को प्रदेश का स्थापना दिवस एक जनउत्सव के रूप में मनाया जाएगा। तो नगरीय निकाय मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ओबीसी हितों को लेकर सरकार-शिवराज की सजगता और उपलब्धियां गिनाकर यह साबित किया कि शिवराज सरकार पूरी तरह से ओबीसी हितैषी है। पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में ऐतिहासिक सफलता इस का प्रतिबिंब है।
मतलब यही है कि पहले 2023 फतह कर लो, फिर 2024 में जुटे। तो भाव यही कि सेवा करो और मेवा के रूप में सेवक बन सत्ता का उपभोग करो। अहंकार और व्यक्तिगत भाव अगर हैं तो खत्म करो। राष्ट्रवाद और अंत्योदय के भाव संग विकास और गरीब उत्थान के मूलमंत्र संग चरैवेति चरैवेति कर कदम बढ़ाते रहो।