विरोध हुआ तो कमलनाथ सरकार में बने कर्मचारी आयोग का कार्यकाल एक साल बढ़ाया

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भोपाल
कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में दिसंबर 2019 में बने कर्मचारी आयोग कोई अनुशंसा ही नहीं कर पाया और उसका कार्यकाल पिछले माह समाप्त हो गया। अब जब कर्मचारियों ने इसका विरोध किया तो सरकार ने एक बार फिर आयोग का कार्यकाल एक साल बढ़ा दिया है। वित्त विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए है।
पिछली कमलनाथ सरकार द्वारा बारह दिसंबर 2019 को प्रदेश के कर्मचारियों की समस्याएं सुलझाने और शासन को सिफारिशें देने के लिए राज्य कर्मचारी आयोग का गठन किया था। इसका कार्यकाल एक साल था। मार्च 2020 में शिवराज सरकार के आने के बाद 17 दिसंबर 2020 को कर्मचारी आयोग का कार्यकाल एक वर्ष और बढ़ा दिया गया लेकिन आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 11 दिसंबर 2020 तक ही रखा गया था और उस समय कहा गया था कि आयोग के पुनर्गठन और अध्यक्षों के नये मनोनयन की कार्यवाही अलग से की जाएगी। एक साल तक राज्य सरकार ने आयोग का पुनर्गठन भी नहीं किया और  न ही इसमें नये अध्यक्ष तथा सदस्यों का मनोनयन किया। आयोग का बढ़ाया गया कार्यकाल भी 11 दिसंबर 2021 को खत्म हो गया।
कर्मचारी आयोग को विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की समस्याओं को सुलझाने के संबंध में अपने प्रतिवेदन भेजे थे लेकिन इस आयोग ने इनमें से एक परभी विचार कर कोई अनुशंसा नहीं की और बिना अनुशंसा दिए ही आयोग का कार्यकाल खत्म हो गया।
मंत्रालय के कर्मचारियों ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस से मिलकर आयोग का कार्यकाल बढ़ाने या कर्मचारी कल्याण समिति बनाने की मांग की थी। सरकार ने एक बार फिर कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 12 दिसंबर 2021 से एक साल के लिए बढ़ा दिया है। अब एक साल में आयोग कर्मचारियों की समस्याओं को सुलझाने और शासन को सिफारिशें देने का काम करेगा।