

Illegal Alcoholic Drinks Dens : इंदौर में फिर शुरू अहातों का अवैध धंधा, सरकार ने बंद किए पर फिर खुले, भाजपा नेता भी नाराज़!
Indore : दो साल पहले मध्यप्रदेश सरकार ने शराब के अहातों को बंद कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के दबाव में तत्कालीन शिवराज सिंह सरकार ने सख्ती से इन्हें बंद करवा दिया था। सरकार ने अहाते बंद करके यह संदेश दिया गया था कि अब शराब केवल दुकान से खरीदने के लिए होगी, पीने की सार्वजनिक व्यवस्था नहीं चलेगी। लेकिन, इंदौर में यह सारी व्यवस्थाएं अब केवल कागज़ों में ही सिमटकर रह गई हैं। कुछ समय तो ये बंद रहे, पर अब फिर शराब दुकानों के पास अवैध अहाते खुल गए, जिनसे अव्यवस्था शुरू हो गई।
शहर में आबकारी विभाग की ढील और पुलिस की अनदेखी के कारण शराब दुकानों के अंदर, बाहर और आसपास अवैध रूप से पीने की खुली व्यवस्था फिर से पनप गई। कई जगह तो शराब दुकानों से सटकर ही ठिये खुल गए। आसपास भी गुमटियों ,अंडे वालों, ठेले वालों के सहारे खुलेआम शराबखोरी जारी है। शाम होते ही देशी और विदेशी शराब की दुकानों के सामने लोग बोतलें खोलकर खुलेआम पैग बनाते नजर आते हैं। सड़कों, चौराहों और फुटपाथों को ‘ओपन बार’ में तब्दील कर दिया गया।
इस माहौल में नशे में होने वाले अपराध भी बढ़ रहे हैं। चेन स्नैचिंग, झगड़े, महिलाओं से छेड़छाड़ जैसी घटनाएं आम हो चली। प्रशासन केवल खानापूर्ति कर रहा है। कुछ दिन पहले आबकारी विभाग ने दुकानों के पास लगी गुमटियों और पानी बेचने वालों पर कार्रवाई कर अपनी वाहवाही लूटी थी। जबकि, मामले ठेकेदार पर होना चाहिए, पर फंसते बेचारे ठेलेवाले हैं। लेकिन, जिनके माध्यम से असल में अवैध अहाते संचालित हो रहे हैं, उन्हें छोड़ दिया गया। बंगाली चौराहे पर तो रेड लाइट के पास ही शराब दुकान होने से रास्ता जाम होता रहता है। आसपास कई ठिये खुले हैं, जहां सुबह से देर रात तक शराबखोरी चलती है। यही स्थिति 140 स्कीम में भी है जहां दिनभर भीड़ लगी रहती है। शहर में ऐसे दर्जनों ठिकाने हैं। पर न तो पुलिस कभी कार्रवाई करती है न आबकारी विभाग सख्त है।
भाजपा नेता भी इसके खिलाफ मुहिम में जुटे
इस मुद्दे को लेकर भाजपा नेता व एमआईसी सदस्य मनीष मामा भी सामने आए। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। मामा ने वीडियो में कहा कि शराबी सड़कों पर उत्पात मचाते हैं, छेड़छाड़ करते हैं और रोड पर वाहन खड़े होने से ट्रैफिक जाम होता है। उन्होंने सवाल किया कि जब अहाते बंद कर दिए गए, तो शराब दुकानों के आसपास यह अवैध ‘ओपन बार’ क्यों और कैसे चल रहे हैं? क्या विभाग जानबूझकर आंखें मूंदे बैठा है या फिर इन गतिविधियों को अंदरूनी संरक्षण प्राप्त है?