
Game of Illegal Colonies: भोपाल में 48 करोड़ की डायवर्जन फीस वसूली, फिर भी नहीं थम रहा अवैध कॉलोनियों का खेल
भोपाल। राजधानी भोपाल में अवैध कॉलोनियों का गोरखधंधा लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रशासन ने बीते वर्षों में डायवर्जन के नाम पर करीब 48 करोड़ रुपए की बड़ी रकम वसूली है। जिले में अब तक 16 हजार डायवर्जन किए जा चुके हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा करीब साढ़े 11 हजार आवासीय डायवर्जन हैं।
राजधानी में अवैध कॉलोनियों को लेकर सबसे ज्यादा लापरवाही नगर निगम प्रशासन और जिला प्रशासन के निचले कर्मचारियों की देखने को मिल रही है। इसके बावजूद खेतों और कृषि भूमि पर बिना अनुमति कॉलोनियां काटने और प्लॉट बेचने का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
जानकारी के अनुसार, डायवर्जन शुल्क वसूलने के बावजूद प्रशासन अवैध प्लॉटिंग और कॉलोनी विकास को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। हालात यह हैं कि शहर और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में कई स्थानों पर जमीन मालिक बिना किसी अनुमति के खेतों को काटकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बेच रहे हैं। इससे न केवल खरीदारों को भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि अवैध कॉलोनियों के कारण शहर की सड़कों, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं पर भी दबाव बढ़ रहा है।
*जिला प्रशासन चलाए अभियान, तो रुकेगा यह गोरखधंधा*
विशेषज्ञ मानते हैं कि जिला प्रशासन केवल डायवर्जन फीस वसूली कर राजस्व बढ़ाने पर जोर दे रहा है, लेकिन नियमानुसार विकास कार्य और कॉलोनियों की अनुमति की सख्ती से जांच नहीं की जा रही है। यही कारण है कि अवैध कॉलोनी माफिया बेखौफ होकर नई बस्तियां खड़ी कर रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन को अभियान चलाकर खेती की जमीनों पर काम करने वाले लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए, तो अवैध कॉलोनियों के काम में रोक लगेगी।
प्रशासन की लापरवाही से आम जनता हो रही परेशान
खरीदारों की मुश्किल यह है कि उन्हें अक्सर यह पता ही नहीं चलता कि जिस प्लॉट को वे खरीद रहे हैं, वह विधिवत स्वीकृत कॉलोनी का हिस्सा है या अवैध प्लॉटिंग का। कई मामलों में लोग अपनी जिंदगी भर की कमाई लगाकर ऐसे प्लॉट खरीद लेते हैं, जो बाद में न तो रजिस्ट्री योग्य होते हैं और न ही वहां मूलभूत सुविधाएं मिल पाती हैं। जिले में अब तक हुए 16 हजार डायवर्जन में आवासीय, व्यावसायिक और अन्य श्रेणियां शामिल हैं, लेकिन आवासीय डायवर्जन की संख्या सबसे ज्यादा है। इसके बावजूद प्रशासन की सख्ती का अभाव कॉलोनी माफिया के लिए खुली छूट साबित हो रहा है।
*राजस्व वसूली तक सीमित ना रहे प्रशासन का अभियान*
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक प्रशासन अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर बड़ी कार्रवाई नहीं करेगा, तब तक यह गोरखधंधा चलता रहेगा। लोगों की मांग है कि नगर निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग मिलकर ऐसे माफियाओं पर कठोर कार्रवाई करें और केवल राजस्व वसूली तक सीमित न रहें। अवैध कॉलोनियों का बढ़ता दायरा न केवल शहर के संतुलित विकास को बाधित कर रहा है बल्कि आने वाले समय में बड़ी अव्यवस्था का कारण भी बन सकता है।





