Illegal Weapons : अवैध हथियार बेचने वाले सिकलीगर परिवार पर दबिश

सिंघाना इलाका अवैध हथियारों के मामले में पहले से निशाने पर

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मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट

Manawar : पुलिस ने आज एसडीओपी धीरज बब्बर के नेतृत्व में ग्राम सिंघाना में दानसिंह पिता गुलजार सिंह, पवन पिता गुलजार सिंह, जगत पिता गुलजार सिंह आदि सिकलीगरों के घरों पर अवैध हथियार पकड़ने के संबंध में दबिश दी!

थाना प्रभारी नीरज बिरथरे, चौकी प्रभारी नारायण सिंह कटारा के साथ महिला और पुरुष फोर्स के साथ छापेमारी की। लेकिन, पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा! समझा जा रहा है कि उन्हें पुलिस कार्रवाई का पता चल गया होगा।

पुलिस को जानकारी मिली थी, कि सिंघाना से विभिन्न प्रांतों में अवैध हथियार सप्लाय किए जा रहे हैं। इसके बाद ही पुलिस ने वहां दबिश दी। यह सिकलीगर परिवार अवैध हथियार बनाने में लिप्त रहा है।

इस परिवार पर दबिश की कार्रवाई लगातार जारी है। इस क्षेत्र में पूर्व में भी अवैध हथियार बनाने का कारखाना पकड़ा गया था। बताया जाता है कि कुछ दिनों की खामोशी के बाद ये लोग फिर से अवैध हथियार बनाकर दूसरे प्रांतों में बिक्री करना शुरू कर देते हैं।

अवैध हथियार का पुराना इतिहास

सालभर पहले पुलिस ने 51 अवैध हथियारों के साथ सिंघाना, गंधवानी, लालबाग, शाहपुरा, खरमाबाद और नवलपुरा के जंगलों में दबिश दी थी। चार जगह तो कुछ नहीं मिला, लेकिन नवलपुरा और सिंघाना के जंगलों में अवैध हथियार बनाने की भट्‌टी और सामान मिला था। पुलिस ने हथियार जब्त करते हुए सभी अड्‌डों को नष्ट कर दिया।

पकड़े गए आरोपियों ने कबूला कि वे 12 बोर कट्‌टे की नाल बनाने के लिए साइकिल का डंडे का इस्तेमाल करते थे। साथ ही 12 एमएम के कट्‌टे के लिए सरिए का उपयोग करते थे। कबाड़ में बिकने वाले फ्रिज को भी खरीदकर ये उसकी पीतल की नली कारतूस बनाने के लिए उपयोग में लाते थे।

कारतूस बनाने के लिए माचिस की तीली का मसाला और पटाखों की बारूद इस्तेमाल कर उसे तरह-तरह के मटेरियल्स से ठोस बनाकर तैयार कर लेते हैं। हथियार तैयार होने के बाद फॉइल व रेगमाल से फिनिशिंग देते थे।

अवैध हथियार बनाने वाला परिवार

छह साल पहले भी कार्बाइन बनाने में माहिर सिंघाना के जगतसिंह पिता गुलजारसिंह सिकलीगर को स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने पकड़ा था।

टीम ने यहां हथियार बनाने के कारखाने पर छापामार बड़ी तादाद में अवैध पिस्टल व मैगजीन बनाने का जखीरा बरामद किया था। अवैध हथियारों के गढ़ के रूप में प्रसिद्ध मुंगेर से भी मालवा-निमाड़ के लिंक पाए गए थे।

पुणे के गेस्टर ने भी जगतसिंह से हथियार खरीदने की बात कबूली थी। महाराष्ट्र एसटीएफ को भी दो मामलों में जगतसिंह की तलाश थी। जीआरपी इंदौर में आरोपी को पकड़ने के लिए 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।