शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: सेल्फ असेसमेंट में कई दिलचस्प रिपोर्ट सामने आई,77 स्कूलों को नोटिस

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बैतूल– बैतूल में शैक्षणिक व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लाने के शुरू की गई रैंकिंग के साथ शुरू करवाये गए सेल्फ असेसमेंट में कई दिलचस्प रिपोर्ट सामने आई है।  यहाँ कई स्कूलों में स्टाफ के बावजूद स्कूली बच्चे पढ़ाई में फिसड्डी पाए जाने की रिपोर्ट भेजी गई है।

जबकि कम टीचर्स वाले स्कूलों ने खुद का असेसमेन्ट में बेहतर बताया गया है।

कलेक्टर अब इन स्कूलों की जिला स्तरीय कमेटी से जांच करवाएंगे। इस बीच 77 स्कूलों को रिपोर्ट न भेजे जाने पर नोटिस जारी किए गए है।

कलेक्टर अमनबीरसिंह बैस ने स्कूलों की रैंकिंग के अलावा 286 स्कूलों से सेल्फ असेसमेन्ट की रिपोर्ट बुलवाई है। जिंसमे 7 बिंदुओं पर खुद की पढ़ाई,बच्चो की समझ ,शिक्षा का गुणात्मक स्तर व अन्य बिंदुओं पर जानकारी 5 नवम्बर तक मांगी

गई थी। इनमे से 209 स्कूलों ने अपनी रिपोर्ट जिला स्तर को भेज दी है।जबकि 77 की रिपोर्ट न प्रस्तुत किये जाने पर इसे अनुशासनहीनता मानते हुए प्राचार्यो को नोटिस जारी कर 8 नवम्बर तक जवाब तलब किया गया है।

**दिलचस्प रिपोर्ट**

जानकारी मिली है कि सेल्फ असेसमेंट में 7 स्कूलों ने जो रिपोर्ट भेजी है।उसमें स्कूलों में शिक्षक पर्याप्त होने के बावजूद यहां पढ़ने वाले छात्रों की समझ को शून्य अंक दिए गए है। जबकि कई स्कूलों में स्टाफ की कमी के बावजूद 25 में से दस नम्बर दिए गए है।

कलेक्टर अमनबीरसिंह बैंस ने बताया कि ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट को क्रॉस चैक कराने जिला स्तर से दल भेजा जाएगा। जो रिपोर्ट की तस्दीक करेगा।

कलेक्टर ने इसके अलावा सभी बीईओ से भी सेल्फ असेसमेंट की रिपोर्ट बुलवाई गयी है। इसके बाद 7 व 8 नवम्बर से पुनः स्कूलों का निरीक्षण करवाया जाएगा।                                    IMG 20211106 WA0017

बैतूल कलेक्टर कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस  ने शैक्षणिक व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लाने के उद्देश्य से जिले में शिक्षा एवं जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थाओं के कार्यों की रैंकिंग प्रणाली के तहत 30 शैक्षणिक संस्थाओं का चयन करवाया था। अक्टूबर के पहले सप्ताह में  रैंकिंग के लिए जिला स्तर के 30 अधिकारियों को स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गयी थी।  अधिकारियों को संस्थाओं का निरीक्षण कर निर्धारित बिंदुओं पर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करना था।

इसके अलावा स्कूलों को सेल्फ असेसमेंट  करने को भी कहा गया था।

*इन बिंदुओं पर हुई थी रैंकिंग* 

इसके पहले  अधिकारियों को आवंटित शाला में कार्य योजना अनुसार पाठ्यक्रम की पूर्णता, पाठ्यक्रम पूर्णता उपरांत उसकी विषय-वस्तु के संबंध में छात्र की समझ, शिक्षक उपस्थिति की नियमितता, छात्रों की ऑफ लाइन उपस्थिति, प्रायोगिक कक्षाओं का संचालन, स्कूल भवन परिसर का रखरखाव एवं स्कूलों में शौचालय सफाई की स्थिति पर तय मूल्यांकन अंक में से रैंकिंग करवाई गई थी। रैंकिंग के बाद जिले में प्रथम स्थान पाने वाली तीन शालाओं को 1 नवम्बर को पुरस्कृत किया गया था ।