इम्तियाज यानि महान कर्म का साधक …

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इम्तियाज यानि महान कर्म का साधक …

हम बात कर रहे हैं भोपाल निवासी पर्यावरणविद इम्तियाज अली की। कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहे इम्तियाज सहज, सरल और विनम्रता के साथ चरैवेति-चरैवेति के मंत्र पर अमल करते हुए लक्ष्य तक पहुंचने की लंबी दूरी तय कर चुके हैं। भोपाल से शुरू हुआ सफर अब पूरे देश की दो फीसदी जनसंख्या के जीवन को सार्थक करने तक पहुंच गया है। सार्थक सामुदायिक विकास एवं जनकल्याण संस्था के जरिए ‘वेस्ट मैनेजमेंट’ की राह पर चले तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब डिक्की (दलित इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज) के साथ एमओयू किया है। इसके तहत दोनों मिलकर देश में कचरा प्रबंधन के जरिए देश की दो फीसदी जनसंख्या का जीवन संवारने का काम करेंगे।
इम्तियाज बताते हैं कि अब डिक्की के साथ मिलकर एक मंच पर काम करेंगे।देश के सभी राज्यों में सरकार की मांग के अनुरूप प्रोजेक्ट तैयार करेंगे। उद्देश्य है कचरा प्रबंधन कर एससी-एसटी लक्षित वर्ग को रोजगार दिलाना। तरल और ठोस अपशिष्ट आधारित प्रोजेक्ट के जरिए यह लक्ष्य पूर्ण किया जाएगा। अब पंचायतों के अंदर घर-घर जाकर कचरा एकत्र होना है। इसकी ट्रेनिंग देकर कचरे का रोजगारमूलक प्रबंधन किया जाएगा। गीले कचरे से खाद बनाकर रोजगार सृजन होगा। सूखे कचरे से प्रोसेसिंग के जरिए उपयोगी वस्तुओं का उत्पादन होगा। 19 तरह का कचरा एकत्र कर जिला स्तर पर रोजगारमूलक प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा। ‘सार्थक संस्था’ युवाओं को प्रशिक्षण देगी और विभिन्न स्तर पर अनुमतियां दिलाने में मददगार बनेगी। शासन की योजनाओं का लाभ दिलाएगी, तो तैयार सामान की मार्केटिंग में भी सहयोग करेगी। सफलतम लोगों से रूबरू कराएगी और एक सर्विलांस सेल बनाएगी, जहां ऐसे युवाओं की हर समस्या का समाधान संभव होगा।
इम्तियाज का मानना है कि कचरा प्रबंधन में देश की दो फीसदी जनसंख्या जुड़ी है। यह आबादी एससी-एसटी वर्ग की है। इस दो फीसदी जनसंख्या को कचरा प्रबंधन से स्वरोजगार देने का लक्ष्य है। तो स्वच्छ भारत मिशन के जरिए शहर, कस्बा और गांवों को स्वच्छ रखना भी है। इस योजना के जरिए तीन लक्ष्य हासिल होंगे। पहला देश में एससी-एसटी उद्यमी तैयार होंगे। दूसरा कचरा निष्पादन और स्वच्छता रैंकिंग बेहतर होगी। तीसरा 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य तक लाना है, क्योंकि कचरा जलने से मुक्ति मिलेगी और कचरे से जलीय-थलीय संरचना प्रदूषित नहीं होगी।
तो है न महान लक्ष्य पाने की यह कठिन साधना। इम्तियाज सहजता और सरलता से इस लक्ष्य पर संधान कर रहे हैं। इसी साल इम्तियाज को पांचजन्य और आर्गनाइजर संस्था द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए प्रोफेसर यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार से नवाजा गया है। इसकी भी अलग कहानी। एक दिन पहले फोन आया और इम्तियाज दिल्ली पहुंच गए। पूछा तो वहां फाइव स्टार होटल आने को कहा गया। ऑटो से जब होटल पहुंचे तो बाहर उतरकर अंदर दाखिल हो गए और जाकर स्वागत करने वालों के बीच खड़े हो गए। जब उन्हें पता चला कि इम्तियाज उनके बीच खड़े हैं, तो स्वागत कर मंच पर ले गए। वहां केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें सम्मानित किया। है न रोचक वाकया। यही इम्तियाज हैं, जिनके काम को 13 अंतर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय अवार्डों से  सम्मानित किया जा चुका है। जून 2019 में वॉशिंगटन विश्व बैंक में भोपाल मॉडल प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन रेगपिकर्स उत्थान परियोजना का प्रदर्शन किया था। भोपाल मॉडल को विश्व का दूसरा बेस्ट प्रोजेक्ट का पुरस्कार मिला। भोपाल मॉडल को 42 देशों ने अपनाया और साथ ही देश के 258 नगर निगम में लागू किया गया है। प्लास्टिक से 4252  किलोमीटर सड़क भी बनी है इम्तियाज के प्रयास से। इम्तियाज वर्तमान में मध्य प्रदेश, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में राज्य स्तरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सलाहकार समिति के सदस्य हैं तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली में यूनिवर्सिटी कोर्ट मेंबर हैं। इसके अतिरिक्त मिनिस्ट्री आफ एचआरडी में एनएमसीएम सदस्य हैं। पूर्व में आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में वरिष्ठ शोध अधिकारी के पद पर भी कार्यरत रह चुके हैं। भोपाल में रैगपिकर्स का काम पांच वार्ड से शुरू कर पूरे विश्व में परचम फहराने वाले इम्तियाज यानि महान कर्म के साधक… खूब आगे बढ़ो और देश का नाम रोशन करो।