
आपराधिक प्रकरण में घायल व्यक्ति की चोट के फोटो भी लेना अनिवार्य, चार्जशीट में इन्हें करना होगा प्रस्तुत
भोपाल : प्रदेश में अब किसी भी आपराधिक घटना में घायल व्यक्ति की चोटों के फोटो लेना अनिवार्य कर दिया गया है। यह निर्देश सीआईडी के स्पेशल डीजी पवन श्रीवास्तव ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों के साथ ही भोपाल और इंदौर के पुलिस कमिश्नर को दिए हैं। ऐसा नहीं करने वाले विवेचना अधिकारी पर एक्शन लेने की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षकों की होगी।
बताया गया है कि आमतौर पर पुलिस आपराधिक घटना में घायल व्यक्ति की चोटों का जिक्र विस्तार से करती है, लेकिन इनके फोटो ग्राफ नहीं लेती है। इससे चलते कई बार अदालतों में पुलिस आरोपी को सजा नहीं दिला पाती है। इस संबंध में इंदौर हाईकोर्ट ने एक याचिका पर पुलिसकर्मी और डॉक्टर्स द्वारा घायल व्यक्तियों के फोटोग्राफ नहीं लेने पर आपत्ति व्यक्त की है। हाईकोर्ट ने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को पिछले महीने लिखा था। जिसमें एक मामले का हवाला देकर कहा गया था। आपराधिक प्रकरणों में जिसमें कोई व्यक्ति घायल होता है तो उसकी चोटों की फोटो पुलिसकर्मी और डॉक्टर्स यह सुनिश्चित करें कि चोटों के फोटोग्राफ लिए जाएं और चोटों को हाईलाइट करें। कोर्ट के इस आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि न्यायालय को जरुरत होने पर ये फोटोग्राफ प्रस्तुत किए जाएं। सभी पुलिस अधीक्षकों को इस पर विशेष रूप से गौर करने को कहा गया है, ताकि अदालत से इस तरह की आपित्त फिर से न आए।





