दिसंबर 2023 में रामलला अपने गर्भगृह में विराजित हो जाएंगे 

बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक सोहन सोलंकी ने अयोध्या मंदिर के बारे में जानकारी दी  

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मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट

Manawar (Dhar) :  1989 में विहिप के आह्वान पर देशभर में ‘राम शिलाओं’ का पूजन किया गया था। वे पूजित शिलाए अयोध्या में कार्यशाला स्थल, जहां पर 1992 से राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को तराशने का काम चल रहा है, वहां पर रखी गई थी। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन शिलाओं का पूजन कर उन्हें अयोध्या के राम जन्मभूमि स्थित मंदिर निर्माण स्थल पर रवाना किया। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 में रामलला अयोध्या के राम मंदिर में अपने गर्भगृह में विराजित हो जाएंगे।

मंदिर निर्माण के लिए IIT दिल्ली के पूर्व निदेशक, NIT सूरत के वर्तमान निदेशक, CBRI रुड़की के वर्तमान निदेशक और उनकी टीम, L&T तथा TATA के इंजीनियर, हैदराबाद स्थित भारतीय भूगर्भ अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक आदि सामूहिक रूप से इस कार्य में सहयोग दे रहे हैं।

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यह जानकारी बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक सोहन सोलंकी ने अयोध्या में आयोजित बजरंग दल कार्यकर्ताओं के अखिल भारतीय शारीरिक वर्ग से लौटने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए यह जानकारी दी। राष्ट्रीय संयोजक ने बताया कि राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का कार्य 30% काम पूरा हो चुका है। दिसंबर 2023 में रामलला इस मंदिर के अपने गर्भगृह में विराजित हो जाएंगे।

प्रतिदिन 2 लाख श्रद्धालु 24 घंटे राम मंदिर का दर्शन करने सकें, ऐसी यहां व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए जो नींव बनाई गई है, वह 45 फीट ऊंची है। इसमें किसी भी प्रकार के लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। नींव का भराव पूरा हो चुका है, और उस पर 21 फीट के कर्नाटक से लाए गए मकराना मार्बल के पिलर खड़े किए जाएंगे। निर्माण कार्य पूरी श्रद्धा के साथ युद्ध स्तर पर जारी है।