चार’ दिन में ‘लाचार’ हो गिड़गिड़ाया, ‘चार’ घंटे बाद ही साबित हुआ ना’पाक’…

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चार’ दिन में ‘लाचार’ हो गिड़गिड़ाया, ‘चार’ घंटे बाद ही साबित हुआ ना’पाक’…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

आखिरकार चार दिन में नापाक हरकतें करने वाले पाकिस्तान की कमर टूट गई। ‘पाक’ चार दिन में ही पूरी तरह से लाचार हो गया। घुटनों पर बैठ गया। अकल ठिकाने आ गई। आखिर पाकिस्तान के डीजीएमओ ने फोन कर भारत के डीजीएमओ से रहम की भीख मांग ली। और 10 मई 2025 को शाम 5 बजे सीजफायर यानि युद्ध विराम की घोषणा की गई। 6-7 मई 2025 की रात को भारतीय सेनाओं ने मिलकर पाक के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर तबाह कर दिया था। और तब से पाक अपनी नापाक हरकतों के जरिए पूरी दुनिया को तमाशा दिखा रहा था। पर चार दिन में ही पूरा पाक ढेर हो गया। पर इस युद्ध विराम में यह शर्त चस्पा है कि अगली कायराना हरकत तक की ही सिर्फ मोहलत है। भारत ने अपनी शर्तों पर सीजफायर की सहमति दी है। और कोई भी आतंकी वारदात अब ‘एक्ट ऑफ वार’ यानि भाव यही कि ‘युद्ध की शुरुआत’ होगी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तब फिर अस्तित्व में आ जाएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बस फिलहाल अस्थायी तौर पर स्थगित किया गया है। सेना तैयार है और अगले 40 घंटे यानि 12 मई 2025 को अगली बात होने तक हालातों पर नजर रखे है। आतंक के प्रति भारत जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल करता रहेगा। पर यह ना’पाक’ अपने दोगलेपन से बाज नहीं आ सकता और चार घंटे बाद ही सीजफायर तोड़ दिया है।

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को और सख्त करते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। भविष्य में किसी भी आतंकी कार्रवाई को भारत के खिलाफ युद्ध माना जाएगा और उसका जवाब उसी ताकत और तेजी से दिया जाएगा। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर पूरी दुनिया को भारत की ताकत का अहसास करा दिया है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूमों की जान गई थी। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। भारत ने इसका जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 6-7 मई की रात दिया, जब भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। बहावलपुर, मुरीदके, कोटली और मुजफ्फराबाद में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के अड्डों पर सटीक हमले किए गए, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी ढेर हुए। भारतीय सेना ने ड्रोन, मिसाइल और लोइटरिंग हथियारों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान को दिखा दिया कि भारत अब चुप नहीं रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ रखा, जो उन महिलाओं के सम्मान का प्रतीक है जिनके पति पहलगाम हमले में शहीद हुए थे। पीएम मोदी ने बिहार की एक रैली में वादा किया था कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा, और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने उनके इस वादे की सच्चाई और दृढ संकल्प पर पक्की मुहर लगा दी है। पाक के कई एयरबेस मिट्टी में मिले, साथ ही आतंकी और उनके आकाओं को मिट्टी में मिला दिया गया है। तब जाकर परमाणु बम की भभकी देने वाले पाक का अहंकार चूर-चूर हो गया। पर पाकिस्तानी सेना ने सत्ता के सीजफायर को मानने से इंकार करते हुए चार घंटे बाद ही फिर से ड्रोन अटैक करना शुरु कर दिया है। पाक सेना के चीफ जनरल आसिफ मुनीर ने साबित कर दिया है कि अब तो मिट्टी में मिले बिना पाक की नापाक हरकतें खाक नहीं होंगी।

तो भारतीय सेनाओं के हौसले को सेल्यूट और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनका साथ देने के लिए हर भारतवासी को पाक को सबक सिखाने वाले फैसलों को लेने के लिए आभार। भारत ने मुंह तोड़ जवाब दिया और पाक का मुंह इस तरह कुचला कि वह फुफकारने लायक नहीं बचा। दुम दबाकर जान की भीख मांगने वाले पाकिस्तान ने अगर अब दुस्साहस किया तब वह कब्रिस्तान में मिल जाएगा…यह बात वह ‘नापाक’ भी जानता है और पूरी दुनिया को भी इसका भरोसा हो गया है। धर्म पूछकर घृणित हरकतें करने वाले पाक के आतंकी पिल्ले अब या तो पूंछ हिलाते रहेंगे या फिर जमीन में दफन होने कफन ओढकर अपनी-अपनी बारी का इंतजार करेंगे…। पर पाक ने सीजफायर तोड़कर अटल बिहारी वाजपेयी की इस कविता को शब्दश: सच साबित कर दिया है…।

पंद्रह अगस्त का दिन कहता…

आज़ादी अभी अधूरी है।

सपने सच होने बाकी है,

रावी की शपथ न पूरी है॥

जिनकी लाशों पर पग धरकर

आज़ादी भारत में आई,

वे अब तक हैं खानाबदोश

ग़म की काली बदली छाई॥

कलकत्ते के फुटपाथों पर

जो आंधी-पानी सहते हैं।

उनसे पूछो, पंद्रह अगस्त के

बारे में क्या कहते हैं॥

हिंदू के नाते उनका दु:ख

सुनते यदि तुम्हें लाज आती।

तो सीमा के उस पार चलो

सभ्यता जहां कुचली जाती॥

इंसान जहां बेचा जाता,

ईमान ख़रीदा जाता है।

इस्लाम सिसकियां भरता है,

डालर मन में मुस्काता है॥

भूखों को गोली नंगों को

हथियार पिन्हाए जाते हैं।

सूखे कंठों से जेहादी

नारे लगवाए जाते हैं॥

लाहौर, कराची, ढाका पर

मातम की है काली छाया।

पख्तूनों पर, गिलगित पर है

ग़मगीन गुलामी का साया॥

बस इसीलिए तो कहता हूं

आज़ादी अभी अधूरी है।

कैसे उल्लास मनाऊं मैं?

थोड़े दिन की मजबूरी है॥

दिन दूर नहीं खंडित भारत को

पुन: अखंड बनाएंगे।

गिलगित से गारो पर्वत तक

आज़ादी पर्व मनाएंगे॥

उस स्वर्ण दिवस के लिए आज से

कमर कसें बलिदान करें।

जो पाया उसमें खो न जाएं,

जो खोया उसका ध्यान करें

तो ऑपरेशन सिंदूर के चार दिन बाद पाक गिड़गिड़ाया। 10 मई 2025 को उसके डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) ने भारत के डीजीएमओ को फोन कर शाम पांच बजे से सीजफायर पर सहमति दी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर का ट्वीट एक्स पर किया। और चार घंटे बाद ही रात 9 बजे पाक की सेना नापाक साबित हुई। अब आगे भारत स्वतंत्र है और लग यही रहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सोच के सच होने और ना’पाक’ के मिट्टी में मिलने का समय आ गया है…।