मोहन युग में विंध्य में आठ दिन पहले ही आ गई दीपावली…
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आज का दिन विंध्य और रीवा को समर्पित है।मध्यप्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से 23 अक्टूबर 2024 को रीवा में प्रदेश की पांचवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होने जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य विंध्य क्षेत्र को निवेश और औद्योगिक अवसरों के केंद्र के रूप में स्थापित करना है। अगर माना जाए तो मोहन युग में विंध्य को आठ दिन पहले ही दीपावली की सौगात और लक्ष्मी का आशीर्वाद मिल रहा है। उद्योंगों के जरिए लक्ष्मी विंध्य को फलित होगी, इसमें कोई संशय नहीं है। कितना फलित होंगी, यह आकलन होता रहेगा।
वाइब्रेंट विंध्य के नाम से रीवा में प्रदेश की 5वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वर्ष 2025 को ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ घोषित किया गया है।रीवा स्थित कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में होने वाली कॉन्क्लेव में 4 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है, जिसमें 50 से अधिक प्रमुख निवेशक और 3 हजार से अधिक एमएसएमई उद्यमी शामिल होंगे। सम्मेलन का मुख्य फोकस राज्य के प्रमुख क्षेत्रों— ऊर्जा, खनन, कृषि, डेयरी, खाद्य प्र-संस्करण, पर्यटन एवं हस्तशिल्प में निवेश को प्रोत्साहित करने पर होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की इस पहल का उद्देश्य राज्य में निवेशकों और उद्यमियों के बीच एक सार्थक संवाद स्थापित करना है, जिससे औद्योगिक विकास के नए द्वार खुल सकें।
उम्मीद है कि रीवा में होने वाली कॉन्क्लेव विंध्य क्षेत्र के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी। मुख्यमंत्री डॉ.यादव की पहल पर आयोजित इस कांक्लेव का उद्देश्य न केवल स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित करना है, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश को एक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। माना जा रहा है कि ‘इन्वेस्ट मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025’ के लिए जारी किए गए विशेष आमंत्रण के साथ, यह सम्मेलन राज्य के आर्थिक विकास और निवेश के लिए नए अवसरों का द्वार खोलने में सहायक सिद्ध होगा। उम्मीद की जा सकती है कि वाइब्रेंट विंध्य का यह आयोजन न केवल विंध्य क्षेत्र, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को एक नई दिशा देने का कार्य करेगा।
मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि विन्ध्य क्षेत्र में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएँ हैं और इसे साकार करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव जैसे आयोजन आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक हैं, क्योंकि यह क्षेत्रीय विशेषताओं के आधार पर निवेश संभावनाओं को प्रस्तुत कर औद्योगिक विकास में संतुलन लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विजनरी नेतृत्व में यह पहल प्रदेश के समग्र विकास को एक नई दिशा प्रदान कर रही है। उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में सफलतापूर्वक कॉन्क्लेव आयोजित किए जा चुके हैं। विन्ध्य क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए आधुनिक और सशक्त इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क, रेलवे और हवाई मार्ग का निरंतर विस्तार किया जा रहा है, जिससे यह क्षेत्र निवेशकों के लिए एक आदर्श गंतव्य बन गया है। क्षेत्र में सीमेंट, खनिज और सरप्लस पॉवर जैसी प्राकृतिक संपदाओं की प्रचुरता इसे औद्योगिक गतिविधियों के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाती हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस”, “सिंगल विंडो क्लीयरेंस” और औद्योगिक सहयोगी पहलों से निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण बना है। विन्ध्य क्षेत्र में उद्योगों के लिए 9,000 हेक्टेयर से अधिक का भूमि बैंक उपलब्ध है। इस कॉन्क्लेव में आईटी, पर्यटन, माइनिंग, एमएसएमई, कुटीर उद्योग, और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। विन्ध्य क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं, जिनका विकास प्रदेश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
तो मुख्यमंत्री डॉ. यादव का संकल्प है कि विंध्य क्षेत्र को निवेश और औद्योगिक केन्द्र के रूप में स्थापित करेंगे। वहीं उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने विश्वास जताया कि यह कॉन्क्लेव विन्ध्य क्षेत्र के विकास में एक नया अध्याय लिखेगी। कांक्लेव के फलित होने की कामना के साथ यही माना जा सकता है कि मोहन युग में विंध्य में आठ दिन पहले ही दीपावली आ गई है…जो विंध्यवासियों को बड़ी सौगात देकर जाएगी…।