सावन में दिखा ‘शिव’ का रौद्र-सौम्य रूप साथ-साथ

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कौशल किशोर चतुर्वेदी की विशेष रिपोर्ट

‘विष्णु’ बोले जुट जाओ पीड़ितों की सेवा में
‘नाथ’ ने दी नसीहत, खाली कानून से न चलेगा काम, कांग्रेस भी है बाढ़ पीड़ितों के साथ

मानसून अब मध्यप्रदेश को तरबतर कर रहा है। नदियां उफान पर हैं। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के जिलों में लोग बाढ़ के चलते हलाकान हैं। श्योपुर, शिवपुरी, दतिया जिलों में स्थितियां गंभीर हैं। बचाव कार्य जारी है। ऐसे में मध्यप्रदेश के मुखिया ‘शिव’ का रौद्र-सौम्य रूप सामने है। तो ‘विष्णु’ ने भी कार्यकर्त्ताओं से कंधे से कंधा मिलाकर पीड़ितों की मदद करने की अपील की है। तो नेता प्रतिपक्ष ‘नाथ’ ने शिव के रौद्र-सौम्य रूपी फैसलों पर निशाना भी साधा और नसीहत भी दी है। नाथ ने गोवंश की तकलीफ भी बयां की, तो यह भी याद दिलाया कि खाली कानून बनाने से काम नहीं चलेगा और बाढ़ पीड़ितों की भी सुध ली।

शिव को संहार का प्रतीक माना जाता है। तो कल्याण करने में भी शिव की बराबरी नहीं की जा सकती है। शिव के रौद्र-सौम्य रूप दोनों ही कल्याणकारी हैं। यह बात हो रही कैलाशवासी शिव की। पर भोपालवासी शिव भी मध्यप्रदेश के मुखिया के बतौर मंगलवार को रौद्र-सौम्य दोनों रूपों में नजर आए। जहां हाल ही में जहरीली शराब से हुई मौतों से खफा शिव ने कठोरतम रवैया अपनाते हुए जहरीली शराब बेचने वालों को आजन्म कारावास एवं मृत्युदण्ड के प्रावधान की स्वीकृति कैबिनेट बैठक में दी। इसमें अधिकतम 10 वर्ष की सजा को बढ़ाकर आजीवन कारावास करने पर कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति दी गई है। इससे संबंधित बिल सरकार विधानसभा के मानसून सत्र में ला रही है। ताकि बेकसूरों की जान लेने वालों को सलाखों के पीछे ही नहीं बल्कि जान से भी हाथ धोना पड़े। एक तरफ जहां शिव का यह रौद्र रूप दिखा तो दूसरी तरफ सौम्य रूप में वह बाढ़ पीड़ितों की मदद और बचाव कार्य पर हर समय निगाह रखे रहे। आयुष्मान-2 का शुभारंभ करते हुए उन्होंने भरोसा दिलाया कि गरीब के इलाज की व्यवस्था की जाएगी।

आयुष्मान भारत योजना के ढाई करोड़ कार्ड मध्यप्रदेश में बन गये। मध्यप्रदेश में गरीब की जिंदगी सुरक्षित करेंगे। कोई मजबूर, कोई लाचार, और परेशान न रहे। लोगों का दुख दूर करना हमारी जिम्मेदारी है। यही नहीं शिव ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का संकट है, मैं कल रात से ही उसी में लगा हुआ था।हम लगातार कोशिश कर रहे हैं, सेना भी हमने बुलाई है।सरकार औऱ मुख्यमंत्री इसलिए होते हैं कि वह व्यवस्था बनाएं, कानून-व्यवस्थाएं बनाएं।

ऐसे प्रयत्न करते रहें जिससे जनता की जिंदगी आसान हो जाए। जनता के कष्टों को कम करना, संकट के समय जनता के साथ खड़े होना, यही मुख्यमंत्री होने का मतलब है। तो यह है प्रदेश के मुखिया का सौम्य और कल्याणकारी भाव। जो जनता के बीच पहुंचकर खुद उनकी जुबां पर भी आ ही जाती है।

इसके आगे भी उनका न्यायपरक दृष्टिकोण सामने आया। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय क्या है- जो धन कमाए उनसे टैक्स लो, जिनके पास पैसे नहीं है उन्हें सुविधाएं दो। उन्होंने बताया कि 1 करोड़ 15 लाख परिवार 4 करोड़ 90 लाख लोगों को मुफ्त राशन देने का काम हम कर रहे हैं। नवंबर तक प्रधानमंत्री जी निशुल्क राशन दे रहे हैं, राज्य सरकार अलग राशन दे रही है।

मध्यप्रदेश की धरती पर किसी गरीब को बिना छत के नहीं रहने देंगे। सभी गरीबों के लिए बिना भेदभाव के बच्चों की व्यवस्था संबल योजना के तहत सरकार करेगी। संबल योजना में जितने गरीब भाई बहन आते हैं और सस्ता राशन पाने वाले जितने परिवार हैं, सबको आयुष्मान भारत योजना में जोड़ने का काम हमने किया। कल्याणकारी भाव यह भी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जब ऑक्सीजन का संकट हुआ तो सात-सात दिन तक सोए नहीं। आज कोरोना मध्यप्रदेश में नियंत्रण में है। उन्होंने अपील की कि अभी भी सावधानी हमें रखनी हैं। हम पूरी व्यवस्थाएं कर रहे हैं, अस्पतालों में बिस्तर बढ़ा रहे हैं, ऑक्सीजन और दवाइओं की व्यवस्था कर रहे हैं।

दूसरी तरफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ‘विष्णु’ दत्त शर्मा ने बाढ़ और राहत के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं से अपील की। उन्होंने आह्वान किया कि संकट की इस घड़ी में बीजेपी के कार्यकर्ता जनता की मदद करें।हर संभव मदद के लिए आपदा प्रभावित लोगों के लिए कार्यकर्ता आगे आएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार, एनडीआरएफ,एसडीआरएफ और सेना लोगों की मदद में लगी है। बीजेपी संगठन भी सरकार और बचाव दल के साथ मिलकर काम कर रहा है।

तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष कमल’नाथ’ ने नसीहत दी कि केवल कानून बनाने से माफिया कभी खत्म नही होगा। कानून का क्रियान्वयन बेहद आवश्यक है। सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति नज़र आना चाहिये ? उन्होंने आइना दिखाया कि कड़े क़ानून की बात तो बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर भी सरकार द्वारा वर्षों से की जा रही है लेकिन प्रदेश में आज भी बहन-बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं ?

गौवंश की सुरक्षा को लेकर भी सरकार को नसीहत दी कि प्रदेश में हमारी सरकार ने गौ माता के संरक्षण व संवर्धन के लिये सतत काम किया,सैकड़ों गौशालाओं का निर्माण करवाया। वहीं शिवराज सरकार में गौ केबिनेट बनाने के बाद भी आज गोवंश की स्थिति बेहद दयनीय है ? आज फिर गोवंश सड़कों पर नज़र आ रहा है ?भूख- प्यास से व चारे के अभाव में रोज़ गायें दम तोड़ रही है?

ख़ुद मुख्यमंत्री व मंत्रियो के क्षेत्रों की यह स्थिति है ? ख़ुद को सच्चा गौभक्त बताने वालों की यह है वास्तविकता?

तो नाथ ने भी बाढ़ की सुध लेते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के ग्वालियर- चम्बल संभाग सहित टीकमगढ़, निवाड़ी व कई ज़िले भारी बाढ़ की चपेट में है।मैं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से भी सतत सम्पर्क में हूँ।राहत व बचाव कार्यों में तेज़ी लायी जावे ताकि जनहानि रोकी जा सके। पीड़ित परिवारों को भोजन सामग्री ,आर्थिक मदद से लेकर उनकी हरसंभव मदद की जावे।

संकट की इस घड़ी में कांग्रेस पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। मैंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी अपील की है कि संकट की इस घड़ी में प्रदेश भर में पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद करें।

बारिश के बीच जहां शिव रौद्र के साथ-साथ सौम्य रूप में नजर आए तो विष्णु ने भी पालनहार सा भाव दिखाते हुए कार्यकर्ताओं से मदद के हाथ आगे बढ़ाने का आह्वान किया तो नाथ ने भी प्रदेश के हितकारी की भूमिका में सरकार को कानून बनाने के मामले में नसीहत दी, तो बाढ़ पीड़ितों और गौवंश की सुध भी ली। ‘शिव’, ‘विष्णु’ और ‘नाथ’ के अलग-अलग रूप भी प्रदेश के हित में बेहतर रंग भरेंगे, यह उम्मीद तो की ही जा सकती है। RB