नेशनल लोक अदालत में 1187 प्रकरणों का राजीनामा से हुआ समाधान ।

*अलग रह रहे पति-पत्नी का हुआ पुर्नमिलन, चेहरों पर छायी खुशी"* *'पक्षकारों को राष्ट्रीय ध्वज “तिरंगा" एवं न्याय वृक्षों का निःशुल्क वितरण*

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नेशनल लोक अदालत में 1187 प्रकरणों का राजीनामा से हुआ समाधान।

उज्जैन से अजेंद्र त्रिवेदी की रिपोर्ट

उज्जैन:- “लोक अदालत विवाद के पक्षकारों को समझौते के आधार पर सहज एवं सुलभ न्याय दिलाने का सरल एवं निःशुल्क माध्यम है। लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण से पक्षकारों के समय एवं धन की बचत होती है तथा आपसी भाईचारा एवं सदभाव भी बना रहता है।” उक्त बात शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश श्री आर के वाणी ने कही। जिला न्यायालय भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी) एवं संयोजक नेशनल लोक अदालत श्री अश्वाक अहमद खान, राज्य अधिवक्ता परिषद के उपाध्यक्ष श्री प्रताप मेहता, अध्यक्ष मंडल अभिभाषक संघ श्री रवींद्र त्रिवेदी, सचिव जिविसेप्रा श्री अरविंद कुमार जैन, न्यायाधीशगण एवं विभिन्न विभागों से पधारे अतिथिगण द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ कर प्रधान जिला न्यायाधीश महोदय ने समस्त न्यायिक खण्डपीठों को नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में प्रकरणों का समाधानपूर्वक निराकरण करने हेतु शुभकामनाएं दीं।

शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में सैकड़ों की संख्या में पक्षकारगण, आम नागरिक लाभांवित हुयें। विशेषकर पारिवारिक प्रकृति के साथ ही क्लेम, विद्युत चोरी, चेक बाउंस, आपराधिक एवं दीवानी प्रकरणों का काफी संख्या में समझौता आधार पर निराकरण हुआ। पारिवारिक प्रकरणों में अनेक बिछड़े हुये परिवारों को मिलाया गया एवं मोटर दुर्घटना क्लेम प्रकरणों में पीड़ित व्यक्तियों को लाखों रुपए की क्षतिपूर्ति राशि के अवार्ड पारित हुये।

प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय श्री विवेक कुमार गुप्ता के न्यायालय में लंबित प्रकरणों में से पिता निर्भय सिंह के द्वारा उनके पुत्रों के विरुद्ध भरण-पोषण का प्रकरण अक्टूबर 2021 को पेश किया था, जिसमें समझौते के आधार पर दोनों के मध्य नेशनल लोक अदालत में समाधान हुआ। खण्डपीठ ने पिता-पुत्र को खुशी-खुशी जीवन यापन करने हेतु घर विदा किया।

 

द्वितीय जिला न्यायाधीश श्री आदेश कुमार जैन के न्यायालय में जिला होमगार्ड कार्यालय में पदस्थ मृतक विष्णुप्रसाद की दुर्घटना में मृत्यु होने से उनके वैधानिक उत्तराधिकारियों को 31 लाख रुपये का अवार्ड एच.डी.एफ.सी. इंश्योरेंस कंपनी की ओर से दिलाया गया। आवेदक की ओर से श्री संजय सक्सेना एवं बीमा कंपनी की ओर से श्री राजेंद्र जैन एडवोकेट के द्वारा पैरवी की गयी।

परिवार न्यायालय की उप प्रधान न्यायाधीश श्रीमती उषा गेडाम के न्यायालय में कालियादेह निवासी पूजा का विवाह धार के निवासी दशरथ के साथ 28 अप्रैल 2018 को हुआ। दंपत्ति विवाह के कुछ समय पश्चात से दोनों अलग हो गए। पति ने अपनी पत्नी को घर वापस लाने का प्रकरण न्यायालय में लगाया। न्यायाधीश द्वारा उक्त दंपत्ति को आपसी समझाईश दी जाकर उनके सफल वैवाहिक जीवन की कामनाओं के साथ उन्हें खुशी-खुशी घर विदा किया।

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माधवनगर थाने की पुलिस ने लोक अदालत के दिन मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री राजेंद्र सिंह सिंगर के न्यायालय में एक चालान पेश किया जो कि सुजल राजपूत के विरुद्ध प्रज्ज्वलसिंह के साथ मारपीट का प्रकरण था। उक्त प्रकरण में फरियादी पक्ष ने समझौता पेश किया। प्रकरण का निराकरण एक ही दिन में हो गया।इस अवसर खण्ड पीठ सदस्यगण श्री अजेंद्र त्रिवेदी व श्री संतोष सिसोदिया अधिवक्ता की उपस्थित थे। पैरवी बेस्ट मीडिएटर श्री हरदयालसिंह ठाकुर ने की।

इस लोक अदालत में माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय श्रीमान आर. के वाणी की खंडपीठ में 31 प्रकरण एवं विद्युत अधिनियम संबंधी विशेष न्यायाधीश (शहरी क्षेत्र) श्री जितेंद्र सिंह कुशवाह द्वारा 122 एवं विद्युत अधि विशेष न्यायाधीश (ग्रामीण क्षेत्र) श्री आदेश कुमार जैन द्वारा 104 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिनमें काफी प्रकरण 05 साल की लंबी अवधि से न्यायालय में लंबित थे।

 

जन उपयोगी सेवाओं की लोक अदालत में जिला न्यायाधीश सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अरविंद जैन के द्वारा फसल बीमा के 04 प्रकरणों का निराकरण करते हुए किसान भाइयों को उनकी फसल बीमा की राशि रु.3.25,000/- की क्षतिपूर्ति राशि का अवार्ड पारित किये। इसके अतिरिक्त 03 प्रीलिटिगेशन प्रकरण भी निराकृत हुये । इस अवसर पर पंजाब नेशनल बैंक के 105 कर्जदारों के प्रकरणों का निराकरण भी उन्हें विशेष छूट प्रदान करते हुये किया गया।

*लोक अदालत की विशेष झलकियाँ*

1. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारीगण द्वारा लोक अदालत में समझौता करने वाले विवादों के पक्षकारों को स्मृति स्वरूप पौधे प्रदान किये गये।

2. प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्री आर के वाणी साहब द्वारा विभिन्न विभागों के समझौता स्टॉलों का निरीक्षण कर पक्षकारों एवं बैंक अधिकारियों को हर घर तिरंगा अभियान अंतर्गत निःशुल्क तिरंगा झंडा प्रदान किये गये।

लोक अदालत के संयोजक एवं विशेष न्यायाधीश श्री अश्वाक एहमद खान एवं परिवार न्यायालय के न्यायाधीश श्री वी.के गुप्ता, जिला न्यायाधीशगण श्री संतोष प्रसाद शुक्ला, श्री जितेन्द्र कुशवाह, श्री शशिकांत वर्मा, श्री संजय राज ठाकुर, श्री सुनील कुमार शोक, श्री आदेश कुमार जैन, श्रीमती किर्ती कश्यप, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री राजेंद्र सिंह सिंगर व न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी श्री वीरेन्द्र जोशी श्री अतुल यादव, श्री राजेश जैन, श्री विनायक गुप्ता, सुश्री शिवांगी श्रीवास्तव, श्री वीरेन्द्र वर्मा, सुश्री अंकिता प्लास सहित समस्त न्यायिक अधिकारीगण, राज्य अधिवक्ता परिषद के उपाध्यक्ष श्री प्रताप मेहता जी एवं मंडल अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री रवींद्र त्रिवेदी, पूर्व अध्यक्ष श्री योगेश व्यास, श्री हरदयाल सिंह ठाकुर, पं. श्री राजेश जोशी, श्रीमती किरण जुनेजा सहित अन्य अधिवक्तागण तथा प्राधिकरण के सचिव श्री अरविंद कुमार जैन, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेश मण्डलोई,सदस्य श्री अजेंद्र त्रिवेदी,श्री सन्तोष सिसोदिया, अभियोजन अधिकारीगण, लीड बैंक मैनेजर श्री संदीप अग्रवाल एवं विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधकगण, फाईनेंस कंपनियों एवं विद्युत विभाग के अधिकारीगण, समस्त न्यायालयीन कर्मचारीगण, पैरालीगल वॉलंटियर्स, विधि छात्र श्री क्षितिज वाणी एवं सुश्री सिद्धि राठी एवं काफी संख्या में पक्षकारगण उपस्थित रहें।

उक्त लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन के 7452 रखे गए प्रकरणों में से 1132 प्रकरण तथा न्यायालय में लंबित 6829 रखे गए प्रकरणों में से 1187 प्रकरण निराकृत हुयें। लोक अदालत में कुल 2319 प्रकरणों का निराकरण हुआ और कुल 117891417 करोड़ की राशि के अवॉर्ड पारित हुये, जिसमें मोटर दुर्घटना के 134 क्लेम प्रकरणों में पीडित व्यक्तियों को रु.4,45,14000 /- के अवार्ड पारित हुए।

*(चन्द्रेश मण्डलोई)*

*जिला विधिक सहायता अधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उज्जैन (म०प्र०) मो.नं. 9479999888*