इस चुनाव में नगरीय निकायों और मतदाताओं की कड़ी परीक्षा…

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बारिश होने पर नगरीय निकायों की खबरें अक्सर ही छपती रहती हैं। पहली बारिश में सड़कों पर पानी जमा, कॉलोनी के घरों में भरा पानी…वगैरह वगैरह। और अभी तक अव्यवस्थाओं से बचने के लिए ही अक्सर मानसूनी सीजन में चुनावों से परहेज किया जाता था। वजह यही थी कि बारिश के चलते अव्यवस्थाओं का शिकार न होना पड़े। वजह यह भी थी कि बारिश में अपेक्षित मतदाताओं ने मतदान करने में रुचि नहीं ली, तो जीत-हार के समीकरण में फेरबदल संभव है। पर इस साल नगरीय निकाय चुनाव ठीक उसी समय हो रहे हैं, जब मानसून अपने पूरे शबाब पर है। अभी तक बार चुनाव शांति से होने के बाद महापौर और पार्षद पांच साल जनता की शिकायतों के समाधान में जुटे रहते थे।
पर फिलहाल न पार्षद हैं, न महापौर और मानसून के बीच चुनाव में नगरीय निकाय परीक्षा देने पर मजबूर हो गए हैं। इंदौर में मतदान दल रवाना होने से पहले इसकी झलक मिल चुकी है। इंदौर में मानसून की पहली झमाझम.. तेज बारिश शुरु…बिजली गुल…पानी भरना शुरू…प्रत्याशियों की बढ़ी चिंता।एक और कमेंट…चुनावी झमाझम..ये पानी ऐसे ही जमा रहा तो.. पता नहीं कौन-कौन जमा हो जाएगा…। एक और जानकारी …इंदौर के पिपलिहाना में अग्रवाल पब्लिक स्कूल के सामने जोरदार बारिश से बड़ा जाम, कई बसें हुई बंद। निगम का अमला उतरा सड़कों पर … आयुक्त ने कंट्रोल रूम पहुंच कर संभाला मोर्चा…। तो भोपाल से भी खबर आई कि राज्य निर्वाचन आयोग की बिजली गुल हो गई और अव्यवस्था की स्थिति बन गई। दूसरे नगरों से भी बारिश-जलभराव की जानकारियां आती रहीं।
इस तरह के हालात निश्चित तौर से प्रत्याशियों के दिलों की धड़कनें तेज कर रहे होंगे। सबसे ज्यादा चिंता तो उन उम्मीदवारों को होगी, जिन्होंने अपनी जीत तय मान रखी हैं। इस मौसम ने अगर मतदाताओं का वोट डालने का मन खराब कर दिया, तो हालात पांच साल के लिए ही खराब हो जाएंगे। तो जीत-हार के दोराहे पर अटके प्रत्याशियों का मजा ही मजा। यदि जीत गए तो बल्ले-बल्ले और हार गए तो मानसून के माथे ठीकरा फोड़ने का पूरा रजिस्टर्ड हक तो मिल ही गया। पर यह मानसून का कहर न केवल बहुत सारे प्रत्याशियों का हाल खराब करेगा, बल्कि उसके बाद बहुत कुछ प्रतिकूल हो सकता है।
मौसम विभाग की मानें तो 5 जुलाई को प्रदेश में बहुत स्थानों पर बारिश का प्रभाव रहा है। तो 6 जुलाई की प्रात: तक धार, इंदौर, खंडवा, खरगौन, अलीराजपुर,झाबुआ, बड़वानी, बुरहानपुर, उज्जैन, नीमच, रतलाम, शाजापुर, देवास,मंदसौर, आगर जिलों में कहीं-कहीं भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। नर्मदापुरम संभाग के जिलों, भोपाल, राजगढ़, सीहोर, छिंदवाड़ा, मंडला, सिवनी जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है। इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, भोपाल, सागर,जबलपुर, शहडोल संभागों में तथा गुना, अशोकनगर जिले में कहीं कहीं गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की संभावना है। सावधानियां बरतने के निर्देश हैं कि इलेक्ट्रानिक और बिजली के उपकरण उपयोग करने से बचें, अनप्लग कर दें। दोपहिया वाहन के उपयोग से बचें और पेड़ों के नीचे आश्रय न लें। भारी वर्षा के दौरान रेनकोट और छाते का उपयोग करें। 5 जुलाई 2022 को इंदौर,खंडवा, पचमढ़ी, उज्जैन, रतलाम, धार, खरगौन, बैतूल, नर्मदापुरम, भोपाल, छिंदवाड़ा, मंडला, राजगढ़ में बारिश दर्ज की गई है। तो 6 जुलाई 2022 को प्रदेश के 11 नगर निगम सहित प्रदेश के अनेक नगर पंचायत-नगर पालिका में मतदान के लिए मतदाताओं की कड़ी परीक्षा है। क्योंकि बारिश होने की पूरी संभावना है।
पर मतदाताओं को यह जरूर याद रखना है कि यह मतदान पांच साल के नगरीय विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण और निर्णायक है। हर एक मत की बड़ी महत्ता है। पानी बरसे, धीमा या तेज…लेकिन रेनकोट पहनकर निकलें, छाता लगाकर निकलें और पूरी सावधानी बरतकर मतदान जरूर करें। प्रत्याशियों के नाम पर विचार करें और नगर के विकास के लिए उपयुक्त चेहरे का पहले मन में चुनाव कर लें और फिर मतदान स्थल पर जाकर अपने मत का दान कर अपने संकल्प को पूरा जरूर करें। चाहे इंदौर, भोपाल हो, ग्वालियर, जबलपुर हो या फिर प्रदेश के दूसरे नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत…हम हर बार सूखे में चुनते थे महापौर, वार्ड पार्षदों को और अब इस बार झमाझम बारिश में भी चुनाव करना पड़े, तब भी हम पूरे उत्साह से खुशी-खुशी हमारे नगरीय निकायों में सेवाभावी जनप्रतिनिधियों को चुनने के कर्तव्य को पूर्ण निष्ठा से संपन्न करेंगे। इस चुनाव में जितनी नगरीय निकायों की परीक्षा है, उससे ज्यादा मतदाताओं का इम्तिहान है।जिसमें उत्कृष्टता के साथ उत्तीर्ण होकर हमें खुद को प्रदेश का उत्कृष्ट नागरिक साबित होकर दिखाना है।