Inaugural run of Vande Bharat Express Train: भारत एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा

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Inaugural run of Vande Bharat Express Trainभारत एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा।

Inaugural run of Vande Bharat Express Train from Gandhinagar Capital /Ahmedabad to Mumbai Central on September 30, 2022.
भारतीय रेलवे की नयी पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेन अधिकतम 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार वंदे भारत एक्सप्रेस का नया रैक पहले से हल्का है और नयी आधुनिक बोगी डिजायन के कारण यात्रियों को 180 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से बिना कोई झटका या कंपन के दौड़ने में सक्षम है। पहली वंदे भारत 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने के अनुकूल है।
वंदेभारत एक्सप्रेस के 75 रैकों का निर्माण अगले माह से चेन्नई में इंटीग्रल कोच कारखाने में शुरू हो जाएगा और हर माह दो तीन से शुरू हो कर आठ दस रैक प्रतिमाह तक बनने लगेंगे। वंदे भारत के भविष्य में बनने वाले 400 रैक 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चलने में सक्षम होंगे जिन्हें विकसित देशों में निर्यात भी किया जाएगा। वंदे भारत के पहले संस्करण एवं इस नये संस्करण के बीच अंतर की बात करें तो नयी वंदे भारत ट्रेन शून्य से सौ किलोमीटर प्रतिघंटा की गति मात्र 52 सेकेंड में पार कर लेती है जबकि पहले संस्करण वाली वंदे भारत को 54.6 सेकेण्ड लगते हैं। बुलेट ट्रेन को इस गति सीमा को पार करने में 55 सेकेंड लगते हैं।
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पहली वंदे भारत का एक्सल लोड 17 टन था जो नयी गाड़ी में 15.3 टन है। पहली गाड़ी का वजन 430 टन था लेकिन नयी गाड़ी का वजन 392 टन है यानी 38 टन कम है। बाढ़ की दशा में यदि पटरियों पर दो फुट तक पानी भरा है तो भी वंदे भारत ट्रेन को आराम से चलाया जा सकता है, पहले संस्करण का केवल 40 सेंट मीटर यानी सवा फुट से कुछ अधिक तक भरे पानी में ही चलाया जा सकता है। पहली वंदे भारत ट्रेन की लागत 97 करोड़ रुपये थी जबकि नयी वंदे भारत की लागत करीब 107 करोड़ रुपये है।
नये एसी सिस्टम में ऊर्जा की खपत 15 प्रतिशत कम होगी। नयी गाड़ी में वायु प्रशीतन (एसी) प्रणाली को भी उन्नत बनाया गया है और अब इसमें एक फोटो कैटलिटिक एयर प्यूरीफायर सिस्टम लगाया गया जो वातावरण में कोरोना सहित किसी भी वायरस को खत्म कर देता है। नये एसी सिस्टम में ऊर्जा की खपत 15 प्रतिशत कम होगी। नयी गाड़ी में बेहद आरामदायक रिक्लाइनिंग सीटें लगायीं गयीं हैं। पहले संस्करण में बैटरी बैक अप एक घंटे है जबकि नये संस्करण में तीन घंटे का बैटरी बैक अप है।
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नये रैक में टक्कररोधी तकनीक ‘कवच’ लगायी गयी है। गाड़ी में आग लगने की स्थिति में इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों को बचाने के लिए स्वचालित प्रणाली लगायी गयी है। आपात निकास भी बढ़ाए गये हैं। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन की बोगी की डिजायन में कुछ अहम बदलाव किये गये हैं। एयर सस्पेंशन के कारण पटरियों से झटके नहीं लगते हैं जबकि साइड डैम्पर्स के कारण कोच में तेज गति के कारण दायें बायें होने से बचाव होता है। इसी कारण 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति पर पानी के गिलास में एक बूंद भी नहीं छलकती है।
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रेलगाड़ियों में यात्रा के आरामदेह होने को राइडिंग इंडेक्स से आंका जाता है। वंदे भारत ट्रेन के नये संस्करण का राइडिंग इंडेक्स 3.2 है जबकि विश्व के विकसित देशों में प्रमुख लग्जरी गाड़ियों का राइडिंग इंडेक्स 2.8 से 3 तक है। वंदे भारत को यदि विदेशों में बिछी पटरियों के स्तर वाले ट्रैक पर चलाया जाये तो राइडिंग इंडेक्स 2.8 तक आसानी में आ जाएगा।
वंदे भारत के उन्नत संस्करण को विश्व बाजार में निर्यात के लिए पेश किया जा सकता है। दूसरे लग्जरी रेल रैकों की तुलना में कम लागत वाले और अंतरराष्ट्रीय स्तर के राइडिंग इंडेक्स वाले रैक को बाजार में अच्छी प्रतिक्रिया मिलने की आशा है। चीन की रेलवे कंपनियों और जापान की शिन्कानसेन के प्रतिनिधियों ने भी वंदे भारत एक्सप्रेस को देखने परखने की इच्छा व्यक्त की है।
वंदे भारत एक्सप्रेस में 16 कोच रहेंगे। दोनों छोर पर ड्राइवर केबिन वाले सी-1 और सी-14 कोच में 44-44 सीटें, सामान्य चेयरकार में 78-78 सीटें और दो एग्जीक्यूटिव कोचों में 52-52 सीटें हैं। इस तरह से गाड़ी में कुल 1128 यात्री सवार हो सकते हैं।
 
(फेसबुक वाल से साभार)
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सचिन बुधौलिया

विशेष संवाददाता, यूनीवार्ता, नयी दिल्ली ।