प्रसंगवश – श्रावण मास महात्म्य: 72 साल बाद इस बार श्रावण पंच महायोग के साथ आरम्भ हो रहा – शुभाशुभ योग विशेष रहेगा  

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प्रसंगवश – श्रावण मास महात्म्य: 72 साल बाद इस बार श्रावण पंच महायोग के साथ आरम्भ हो रहा – शुभाशुभ योग विशेष रहेगा 

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🍁 ज्योतिर्विद पंडित राघवेंद्र रविश राय गौड़ , मंदसौर

जानिए ज्योतिर्विद पंडित राघवेंद्र रविशराय गौड़ से श्रावण मास की महिमा,वैदिक पौराणिक महत्व श्रावण मास में कैसे करें शिव आराधना

(प्रस्तुति डॉ घनश्याम बटवाल मंदसौर )

सोमवार से आरंभ होरहे श्रावण मास की विशेष महत्ता गणना में सामने आई है । लम्बे अंतराल के बाद इस बार पंच महायोग यथा – शश राजयोग , सर्वार्थ सिद्धि योग , आयुष्मान योग , प्रीति योग , और नवम -पंचम योग का आना सौभाग्य का सूचक आंका गया है ।

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भगवान शिवजी का सावन माह 22 जुलाई से प्रारंभ होकर 19 अगस्त 2024 को समाप्त हो रहा है। ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार 72 साल बाद श्रावण मास बहुत ही शुभ योग-योग में प्रारंभ हो रहा है।

🍁22 जुलाई के दुर्लभ योग संयोग :-

1. सोमवार का संयोग : श्रावण मास इस बार सोमवार से ही प्रारंभ हो रहा है। यह शिवजी का ही वार है।

2. प्रीति योग : प्रीति योग सदा मंगल करने वाला और भाग्य को बढ़ाने वाला होता है। इस योग में सभी कार्य पूर्ण होते हैं।

3. आयुष्मान योग : सावन के पहले सोमवार को यह योग रहेगा। इस योग में किया गया कार्य लंबे समय तक शुभ फलदायक होता है या जीवन भर सुख देने वाला होता है।

4. नवम पंचम योग : चंद्रमा और मंगल एक दूसरे से नौवें और पांचवे भाव में मौजूद रहेंगे, जिसके चलते नवम पंचम राजयोग का निर्माण हो रहा है। इस योग में शिव पूजा करने से कुंडली के सभी ग्रह दोष दूर होते हैं।

5. शश राजयोग : इस दिन शनिदेव अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे जिसके चलते शश नामक राजयोग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से शनि दोष दूर होते हैं।

6. सर्वार्थ सिद्धि योग : सावन के पहले सोमवार को सर्वार्थ सिद्ध नामक शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है। इस योग में शिव पूजा या अन्य कोई कार्य करने से वह सफल और सिद्ध होता है।

सनातन धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है। मान्यता है कि सावन मास भगवान शिव का सबसे प्रिय मास है और इस पूरे महीने हर तरफ हरियाली खिल उठती है। इस मास में भगवान शिव की आराधना करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सावन मास में शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने का भी विशेष महत्व है।

भगवान शिव ने स्वयं सावन के महत्व के बारे में बताया है। माना जाता है कि सावन माह में भगवान शिव की पूजा करने से तुरंत फलों की प्राप्ति होती है।

द्वादशस्वपि मासेषु श्रावणो मेऽतिवल्लभ: । श्रवणार्हं यन्माहात्म्यं तेनासौ श्रवणो मत: ।।

श्रवणर्क्षं पौर्णमास्यां ततोऽपि श्रावण: स्मृत:। यस्य श्रवणमात्रेण सिद्धिद: श्रावणोऽप्यत: ।।

सावन 2024 सोमवार की तिथियां

1. पहला सावन सोमवार व्रत – 22 जुलाई को रहेगा।

2. दूसरा सावन सोमवार व्रत – 29 जुलाई को रहेगा।

3. तीसरा सावन सोमवार व्रत – 5 अगस्त को रहेगा।

4. चौथा सावन सोमवार व्रत – 12 अगस्त को रहेगा।

5. पांचवां सावन सोमवार व्रत – 19 अगस्त को रहेगा।

🍁जानिए सावन में कब, कौन-सा त्योहार मनाया जाएगा

22 जुलाई 2024, सोमवार – पहला सावन सोमवार व्रत

23 जुलाई 2024, मंगलवार – पहला मंगला गौरी व्रत

24 जुलाई 2024, बुधवार – गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत

27 जुलाई 2024, शनिवार – कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

29 जुलाई 2024, सोमवार – दूसरा सावन सोमवार व्रत

30 जुलाई 2024, मंगलवार – दूसरा मंगला गौरी व्रत

31 जुलाई 2024, बुधवार – कामिका एकादशी

05 अगस्त 2024, सोमवार – तीसरा सावन सोमवार व्रत

06 अगस्त 2024, मंगलवार – तीसरा मंगला गौरी व्रत, मासिक दुर्गाष्टमी

08 अगस्त, 2024, गुरुवार – विनायक चतुर्थी

09 अगस्त 2024, शुक्रवार – नाग पंचमी

12 अगस्त 2024, सोमवार – चौथा सावन सोमवार व्रत

13 अगस्त 2024, मंगलवार – चौथा मंगला गौरी व्रत, मासिक दुर्गाष्टमी

16 अगस्त, 2024, शुक्रवार – पुत्रदा एकादशी

19 अगस्त 2024, सोमवार – रक्षा बंधन, पांचवां सावन सोमवार व्रत,

🍁श्रावण मॉस में दिन अनुसार शिव पूजा का फल-

* रविवार- पाप नाशक

* सोमवार- धन लाभ

* मंगलवार- स्वास्थ्य लाभ, रोग निवारण

* बुधवार- पुत्र प्राप्ति

* गुरूवार- आयु कारक

* शुक्रवार- इन्द्रिय सुख

* शनिवार- सर्व सुखकारी

🍁श्रावण मास में शिव पूजा हेतु शास्त्रोक्त उत्तम स्थान-

तुलसी, पीपल व वट वृक्ष के समीप नदी, सरोवर का तट, पर्वत की चोटी, सागर तीर
मंदिर, आश्रम, तीर्थ अथवा धार्मिक स्थल, पावन धाम, गुरु की शरण

🍁भगवान शिव को चढ़ाएं ये चीजें और पाए विशेष फल –

बिल्वपत्र- जन्म जन्मान्तर के पापो से मुक्ति कमल- मुक्ति, धन, शांति प्रदायक कुशा- मुक्ति प्रदायक दूर्वा- आयु प्रदायक धतूरा- पुत्र सुख प्रदायक आक- प्रताप वृद्धि कनेर- रोग निवारक श्रंघार पुष्प-संपदा वर्धक शमी पत्र- पाप नाशक शिव अभिषेक व पूजा में प्रयुक्त द्रव्य विशेष के फल- मधु- सिद्धि प्रद दुग्ध से- समृद्धि दायक कुषा जल- रोग नाशक ईख रस- मंगल कारक गंगा जल- सर्व सिद्धि दायक ऋतू फल के रस- धन लाभ

सावन मास में न करें ये काम-

सावन महीने में शरीर पर तेल लगाने की मनाही होती है। शास्त्रों के अनुसार, इस महीने में दिन के समय नहीं सोना चाहिए। इस महीने बैंगन का सेवन करने की मनाही होती है। बैंगन को अशुद्ध माना जाता है। भगवान शिव को केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए।

भवानी शंकरौ वन्दे,श्रद्धा विश्वास रुपिणौ. याभ्यां बिना न पश्यन्ति,सिद्धा: स्वन्तस्थमीश्वरं.

शिवार्पण मस्तु

सर्वेभवन्तु सुखिनः