
Incomplete Sterilization of Dogs : 15 साल में 20 करोड़ खर्च, फिर भी एक लाख कुत्तों की नसबंदी अधूरी!
Indore : शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और डॉग बाइट की घटनाओं के बीच नगर निगम द्वारा किए जा रहे श्वान नियंत्रण प्रयासों की असफलता अब सवालों के घेरे में है। 15 वर्षों से अधिक समय से चल रहे नसबंदी कार्यक्रम पर नगर निगम 20 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुका है, बावजूद इसके शहर में 1 लाख से अधिक कुत्तों की नसबंदी अब भी बाकी है।
नगर निगम के अनुसार अब तक लगभग 2 लाख कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है, पर जमीनी हकीकत में डॉग बाइट और दुर्घटनाओं के मामले थम नहीं रहे। निगम हर महीने दो एनजीओ को करीब 25 लाख रुपये का भुगतान कर रहा है। एक ऑपरेशन पर 925 रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं हैं। वर्ष 2010 से जारी इस योजना में भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आ चुके हैं। पहले एनजीओ को एकमुश्त भुगतान किया जाता था, लेकिन अनियमितताओं के चलते प्रति ऑपरेशन भुगतान की व्यवस्था लागू की गई। फिर भी संसाधनों की कमी का हवाला देकर एनजीओ लक्ष्य पूरे नहीं कर पा रहे हैं और नगर निगम ने कभी सख्त कार्रवाई नहीं की।
वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 40-50 कुत्तों की नसबंदी की जा रही है। वेटनरी एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस प्रक्रिया को अनंतकाल तक चलाने के बजाय, समयबद्ध योजना बनाकर इसे समाप्त किया जाना चाहिए। अनुमान है कि अगले 5 से 6 वर्षों में भी केवल 50 हजार कुत्तों की नसबंदी हो पाएगी। यानी नगर निगम की नीति और क्रियान्वयन दोनों सवालों के घेरे में हैं।





