India-Pak: इस युद्ध विराम के निहितार्थ…

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India-Pak: इस युद्ध विराम के निहितार्थ…

 

डॉ. सुशीम पगारे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता के चलते भारत और पाकिस्तान ने पिछले तीन दिनों से अपने बीच छिड़े युद्ध को उस समय रोकने का निर्णय ले लिया जब भारत को पाकिस्तान पर जबरदस्त बढ़त हासिल हो गई थी और यदि ये लड़ाई 4 दिन और खिंच जाती तो पाकिस्तान का पटिया हमेशा के लिए उलाल हो जाता।देश की आम जनता इस युद्ध विराम से इसलिए खुश नज़र नहीं आ रही क्योंकि सभी के मन मे यह बात थी कि इस बार तो भारत, पाकिस्तान रूपी बुराई को जड़ से उखाड़ फेंक कर ही चैन लेगा।ऐसे में भारत क्यों अमेरिका की बात मान बैठा?अमेरिका क्यों बीच मे आ गया?

आइए हम इस युद्ध और युद्ध विराम के निहितार्थ समझने का प्रयास करते हैं।युद्ध के दो, भारत और पाकिस्तान तथा युद्ध विराम के तीन पक्ष -भारत,पाकिस्तान और अमेरिका हैं। इस निर्णय से इन्हें क्या हासिल हुआ क्या नहीं देखते हैं…

*भारत-*

1-पाकिस्तान की सेना को हर मोर्चे पर पीटा और उसकी सेना को पूरे विश्व के सामने नँगा कर दिया।

2-भारत ने बताया कि वह परमाणु हथियार सम्पन्न देश से युद्ध करने से नहीं घबराता।विश्व के आधुनिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुवा है जब किसी राष्ट्र ने दूसरी परमाणु शक्ति से खुल कर युद्ध किया हो।

3-भारत ने बताया कि पाकिस्तान के हर बड़े शहर मसलन इस्लामाबाद,लाहौर,कराची,बहावलपुर,स्यालकोट,रावलपिंडी,पेशावर ही नहीं उसके परमाणु ठिकाने सरगोधा और कहुटा पर भी भाले की नोंक जैसी सटीक स्ट्राइक करने की उसमें क्षमता है और उसने अपनी इस मारक क्षमता पूरे विश्व को दिखाई भी।सूचना यहां तक है कि भारत ने पाकिस्तान द्वारा जिस पहाड़ी खोह में परमाणु मिसाइल छुपा रखी थी, उसके मुंह पर मिसाइल गिराकर उसे पहाड़ी में ही हाल फिलहाल दफन कर दिया है।

4- युद्ध विराम से भारत को हासिल क्या हुवा? तात्कालिक रूप से ज्यादा कुछ नहीं क्यों कि हम तो निर्णायक जीत की तरफ बढ़ रहे थे।दूरगामी परिणाम यह कि हमारी अर्थव्यवस्था की मजबूती बनी रहेगी ।युद्ध ज्यादा चलता तो आम आदमी पर महंगाई की मार पड़ती।देश की अर्थव्यवस्था डावांडोल होती।

5- युद्ध विराम से विदेशी निवेशक भारत में बने रहेंगे,नए निवेशकों का रास्ता साफ हुआ।

6-अनुत्तरित प्रश्न हमारी आतंकवाद के खिलाफ छेड़ी गई लड़ाई का क्या होगा?

7-मसूद अज़हर, हफ़ीज़ सईद और दाऊद इब्राहिम से बदला या उन्हें सबक सिखाए बगैर हम कैसे और क्यों रुक गए?

*पाकिस्तान*

1-युद्ध विराम से पाकिस्तान को फायदा ही फायदा।देश को भारत के हाथों मिल रही निर्णायक हार से बचा लिया।

2-सम्हलने और पुनः संगठित होने का मौका भी मिला।

3-आतंकवादी भी हाल फिलहाल तो बचा ही लिए।

4-एक बार फिर अमेरिकी पाले में घुसने का अवसर मिल गया।

5-सेना और लीडरशिप देश की जनता के सम्भावित विद्रोह से हाल फिलहाल तो बची।

6-सबसे बड़ा फायदा भारत की शक्ति देख ली अब वह अपने बचाव की तैयारी उस हिसाब से करेगा।

*अमेरिका*

1-इस युद्ध विराम से अमेरिका ने पाकिस्तान को एक बार फिर इसी शर्त पर बचाया है कि वह अब चीन का साथ छोड़े और उसके पाले में आए।

2-अमेरिका को चीन को निपटना है।ऐसे में भारत तो उसके साथ था ही पर अब पाकिस्तान भी साथ में आ गया।

3-अमेरिका को चीन के खिलाफ शक्तिशाली भारत चाहिए न कि पाकिस्तान से लड़ कर कमजोर हो चुका भारत।

4-इस युद्ध विराम से चीन ने जो अरबों-खरबों डॉलर गत वर्षों में पाकिस्तान को दिए हैं वो अमेरिका ने एक झटके में शून्य कर दिए।अतः भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम, चीन को अमेरिका का तगड़ा झटका ही माना जाए।

5-इस युद्ध विराम से ट्रम्प का नोबल शांति पुरस्कार प्राप्त करने का दावा भी खड़ा हो गया है।

अभी भले ही भारत के ड्रोन और मिसाइलें खमोश हो गई हों,पाकिस्तान बिल्कुल भी भरोसे लायक नहीं है।कहीं ऐसा न हो की यह युद्ध विराम अस्थाई सिद्ध हो जाए..

(लेखक इतिहास के प्रोफेसर हो कर सम-सामयिक मामलों के जानकार हैं)