Indian Artist’s Painting At Korea: साउथ कोरिया अंतर्राष्ट्रीय कला पर्व में भारतीय कलाकार बृजमोहन आर्य की पेंटिंग प्रदर्शित
ग्वालियर: साउथ कोरिया अंतरराष्ट्रीय कला पर्व अंतर्गत तीसरे गिमही बिनाले में भारतीय कलाकार बृजमोहन आर्य की ‘इमोशन का नेचर’ पेंटिंग प्रदर्शित की गई है। जल रंग की इस पेंटिंग का आकार 56×76 सेंटीमीटर है। उल्लेखनीय है कि कला गुरु बृजमोहन आर्य वर्तमान में फाइन आर्ट कॉलेज, मध्य प्रदेश में कला अध्यापक हैं।
अपनी पेंटिंग के संबंध में चर्चा करते हुए उन्होने बताया कि मेरी इस पेंटिंग ‘इमोशन ऑफ नेचर’में
प्रकृति और मानवीय संवेदनाओं के संगम को दर्शाया गया है। मेरी पेंटिंग्स अमूमन दैनिक जीवन की छोटी-छोटी घटनाओं को व्यक्त करती हैं, जो मेरे जीवन की सच्चाई को छूने की कोशिश करती हैं। मैं रंगों को शास्त्रीय ढंग से चुनता हूं ताकि वे मेरे चित्रों में जीवंतता और गहराई की भावना जोड़ें।
अपनी पेंटिंग में पारदर्शिता के लिए मैं परत-दर-परत रंग लगाता हूं, जिससे पेंटिंग में गहराई और आकर्षण जुड़ जाता है। मेरा लक्ष्य हमेशा मानवीय चेहरों के माध्यम से भावनाओं की गहराई तक पहुंचना है। प्रकृति में मौजूद भावनाएँ लगातार बदलती रहती हैं और मैं इस बदलती भावना को चित्रित करने का प्रयास करता हूँ।
मेरे चित्रों में पक्षियों, जानवरों, पतंगों, विभिन्न फूलों, पत्तियों, संगीत वाद्ययंत्रों आदि के चित्र शामिल हैं जो प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाते हैं। मेरी पेंटिंग्स के विषय मेरे निजी जीवन की खट्टी-मीठी घटनाओं पर आधारित हैं, जो मुझे याद दिलाते हैं कि मैं अपने जीवन के हर दौर में क्या-क्या झेल चुका हूं। मेरे चित्रों की रंग योजना मेरी तात्कालिक भावनाओं और मनोदशा पर निर्भर करती है, जिसके कारण वे दर्शकों के दिलों को छू जाती हैं।
इस प्रकार, मेरी पेंटिंग्स मेरी भावनाओं की गहराई, प्रकृति के साथ मेरे संबंध को छूने की कोशिश करती हैं, एक नया दृष्टिकोण और भावनाओं की यात्रा पेश करती हैं। मैं अपने चित्रों में खुद को प्रकृति की विशिष्टता और मानवीय संवेदनाओं के प्रति समर्पित करता हूं और अपने चित्रों में चित्रांकन और अमूर्तता के बीच के अंतर को मुक्त रखता हूं। इस वॉटर कलर पेंटिंग में मैंने प्रकृति के बदलते भावों को भी दर्शाया है। इस अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में भारतीय कलाकार की तरह शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है ।