पोलेंड बार्डर पर भारतीयों को प्रवेश नहीं

लड़के लावारिस हुए तो लड़कियों को मिला शेल्टर रूम

1992

दिनेश सोलंकी की खास खबर

भोपाल: बीते 48 घंटों से भारत के अधिकांश विद्यार्थी जो रूमानिया के बजाय भारतीय दूतावास के आदेश से पोलेंड बार्डर पर भेजे गए थे, उन्हें पोलेंड भीतर नहीं घुसने दे रहा है जबकि वह यूक्रैनियों को ज़रूर शरण दे रहा है।

IMG 20220227 WA0003

महू के दो विद्यार्थी के पालकों के अनुसार अभी भी भारतीय बच्चों को बद से बदतर हालत से गुज़रना पड़ रहा है और भारतीय दूतावास ने इनकी अब तक कोई खैर खबर नहीं ली है।

ताज़ा जानकारी के अनुसार पोलेंड बॉर्डर पर केवल भारतीय लोगों को जिनमें ज़्यादातर स्टूडेंट हैं, को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। जबकि भारतीय दूतावास ने सैकड़ों विद्यार्थियों को पोलैंड के लिए ही भेजा था।

अब ताज़ा हालात ये हैं की दो दिन से भयानक ठण्ड में पैदल भटकने के बाद कुछ लड़कियों को शेलटर रूम मिल गया है लेकिन लड़कों को मैदान और सड़कों पर ही आश्रय लेना पड़ रहा है। कई बच्चे बीमार हो रहे हैं। बर्फ और बर्फीली हवाओं से उनके मौजे जूते गीले होकर और भी शारीरिक कष्ट दे रहे हैं। सबकी आँखें तरस रहीं हैं की कब भारतीय दूतावास से सहायता मिल सकेगी।