India’s First Pilot Training Organisation At Khajuraho: पायलट प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में होगी खजुराहो की पहचान
राजेश चौरसिया की रिपोर्ट
छतरपुर: जिले का खजुराहो अब तक अपनी विरासत एवं प्राचीन मंदिरों के लिए विख्यात खजुराहो की पहचान अब भारत के पहले एफटीओ (फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन) के रूप में भी होगी।
दरअसल खजुराहो एयरपोर्ट पर एफटीओ फ्लाईओला एवियशन एकेडमी द्वारा सी-98 सुपरकिंग्स, बी-200 एयरक्राफ्ट जैसे विमानों से प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिस कारण से खजुराहो को यह नई पहचान मिली है।
फ्लाई ओला के प्रबंध निदेशक एस राम ओला ने बताया कि वर्तमान में पूरे एशिया में ऐसा कोई संगठन नहीं है जो इन विमानों का प्रशिक्षण प्रदान करता हो। भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र को बढ़ावा देने और प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत की कल्पना के दृष्टिगत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने विभिन्न हवाई अड्डों पर उड़ान प्रशिक्षण संगठनों की स्थापना करने का निर्णय लिया। अब तक भारत के सभी छात्रों को जिन्हें हाई परफॉरमेंस एयरक्राफ्ट पर प्रशिक्षण लेने की आवश्यकता होती थी, जिसके लिए उन्हें देश से बाहर जाना पड़ता था लेकिन अब खजुराहो में फ्लाईओला एविएशन एकेडमी के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि खजुराहो में जल्द एशिया का पहला हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग सेंटर भी शुरु किया जा रहा है जो समूचे बुंदेलखंड सहित खजुराहो के लिए गौरव की बात है। उन्होंने बताया कि डायरेक्टर मोनिका तिवारी, कैप्टन बुद्धि राजा, टैक्निकल इंजीनियर विवेक यादव और राकेश मिश्रा की मौजूदगी में प्रशिक्षण दिया जा रहा है
*पायलट बनने के यह हैं मापदंड*
पायलट के रूप में अपना करियर बनाने के लिय छात्र का 12वीं कक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ विषय के साथ अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसके बाद छात्र को एलियंस कोर्सेज में एडमिशन मिल जायगा। जब छात्र स्टूडेंट पायलट लाइसेंस प्राप्त कर रहा हो, तब उसकी न्यूनतम 17 वर्ष और कमर्शियल लाइसेंस के वक्त न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। इसके साथ ही छात्र का फिजिकल और मेंटल रूप से स्वस्थ होना भी जरूरी है।