India’s Soybean Production: मौसम की मार और वायरस से सोयाबीन उत्पादन में 16% गिरावट की आशंका! सोपा ने जारी की वार्षिक रिपोर्ट

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India’s Soybean Production: मौसम की मार और वायरस से सोयाबीन उत्पादन में 16% गिरावट की आशंका! सोपा ने जारी की वार्षिक रिपोर्ट

के के झा की रिपोर्ट 

इंदौर: किसानों के बीच ‘पीला सोना’ कहलाने वाली सोयाबीन फसल का उत्पादन इस वर्ष देश में लगभग 20.5 लाख टन घटकर 105.36 लाख टन रहने का अनुमान है। यह जानकारी सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट में दी गई है।

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एसोसिएशन ने उत्पादन में इस गिरावट के लिए खेती के क्षेत्रफल में कमी, उत्पादकता में गिरावट, अनियमित मानसूनी बारिश और पीली मोज़ेक वायरस बीमारी को प्रमुख कारण बताया है।

इंटरनेशनल सोया कॉन्क्लेव 2025 के दौरान, सैकड़ों उद्योग प्रतिनिधियों, प्रसंस्करणकर्ताओं और व्यापारियों की उपस्थिति में गुरुवार को इंदौर में यह रिपोर्ट जारी की गई।

रिपोर्ट के अनुसार, चालू खरीफ सीजन (2025) में देश में 11.456 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुवाई हुई है, जिससे 105.36 लाख टन उत्पादन और प्रति हेक्टेयर 920 किलोग्राम की औसत उत्पादकता का अनुमान है। जबकि 2024 के खरीफ सीजन में यह क्षेत्रफल 11.832 मिलियन हेक्टेयर, उत्पादन 125.82 लाख टन और औसत उत्पादकता 1,063 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी।

सोपा चेयरमैन डॉ डेविश जैन ने कहा कि “विशेष रूप से राजस्थान में अत्यधिक वर्षा के कारण कई क्षेत्रों में सोयाबीन उत्पादन आधा रह गया है।” सोपा के कार्यकारी निदेशक डी. एन. पाठक ने बताया कि पीली मोज़ेक वायरस के प्रकोप ने भी कई इलाकों में फसल को गंभीर नुकसान पहुंचाया।

मध्यप्रदेश, जो देश का प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य है, में भारी वर्षा से फसल को व्यापक नुकसान हुआ। इसके बाद राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए मूल्य अंतर भुगतान योजना लागू की है। इस योजना के तहत यदि व्यापारी किसानों से मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दर पर सोयाबीन खरीदते हैं, तो सरकार किसानों को मूल्य अंतर की राशि अदा करेगी।

सोपा की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपनी कुल खाद्य तेल आवश्यकता का 60 प्रतिशत से अधिक आयात करता है, जिस पर हर वर्ष लगभग ₹1.7 लाख करोड़ का विदेशी मुद्रा व्यय होता है। आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सोपा ने देश में बेहतर गुणवत्ता वाले उच्च उत्पादकता वाले बीजों के विकास और वितरण को प्राथमिकता देने तथा तकनीकी व सतत कृषि पद्धतियों को अपनाने का आह्वान किया है।

केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 के लिए सोयाबीन का एमएसपी ₹5,328 प्रति क्विंटल तय किया है, जो पिछले वर्ष के ₹4,892 प्रति क्विंटल की तुलना में ₹436 अधिक है।