Indore Again Number One in Cleanliness : स्वच्छता में 7वीं बार इंदौर नंबर-वन, सूरत भी साझेदार बना!
Indore : लगातार 7वीं बार इंदौर ने देश में स्वच्छता का ताज अपने पास रखा। लेकिन, इस बार सूरत शहर को भी साझा रूप पहले पुरस्कार का हक़दार माना गया। सबसे ज्यादा अंकों के साथ रैंकिंग में इंदौर सबसे आगे रहा, जबकि इस बार सर्वेक्षण की टीम इंदौर बारिश के दिनों में आई थी। ऐसे समय में भी उन्हें शहर में सफाई दिखाई दी। मप्र के महू को सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड का अवॉर्ड मिला। ये अवार्ड डायरेक्टर जनरल जीएस राजेश्वरन ने प्राप्त किया।
दिल्ली में हुए समारोह में जब सबसे साफ शहर के लिए इंदौर का नाम पुकारा गया, तो इंदौर के लोग झूम उठे। नगर निगम मुख्यालय पर सीधा प्रसारण देख रहे जनप्रतिनिधि, अफसर और कर्मचारी झूम उठे। इंदौर के लोगों को एक बार फिर गर्व करने का मौका मिला। लेकिन, इस बार ख़ुशी आधी रही। क्योंकि, सूरत उसका साझेदार हो गया। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की थीम ‘वेस्ट टू वेल्थ’ थी। 4477 शहरों में 9500 अंकों में सबसे ज्यादा अंक इंदौर और सूरत को ही मिले। तीसरे स्थान पर नवी मुंबई रहा।
सुबह 11 बजे आयोजित समारोह में केंद्रीय शहरी व आवास मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि आज भारत में सभी नगरीय निकाय खुले में शौच से मुक्त है, क्योकि स्वच्छता मिशन एक जन आंदोलन बन गया। स्वच्छता सर्वेक्षण ने हमारे शहरों को स्वच्छ बनाने के लिए सख्त प्रक्रिया और अनुशासन प्रदान किया। स्वच्छ भारत मिशन के कारण स्वास्थ्य, शिक्षा, जीवन स्तर में बदलाव हुए है। स्वच्छता केवल एक बार का प्रयास नहीं है, बल्कि जीवन जीने का सतत तरीका है। स्वच्छता ने जीवन में बदलाव लाया है। सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक बालू रेत से स्वच्छता थीम पर पेंटिंग बनाई। इसके अलावा गायक कैलाश खेर ने स्वच्छता का एंथम सुनाया।
दिल्ली से पुरस्कार वितरण समारोह में शिरकत करने का आमंत्रण जब से निगम को मिला है, तबसे बधाई देने का सिलसिला चल रहा है। बुधवार को महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित 79 लोग दिल्ली रवाना होने एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पर टीम को नंबर वन आने की खुशी में एडवांस बधाई दी।
विभिन्न श्रेणियों में प्रदेश सम्मानित
– स्वच्छता में अव्वल शहर : 1. इंदौर।
– स्वच्छता में अव्वल प्रदेश : 1. मध्य प्रदेश, 2. महाराष्ट्र।
– कैंटोनमेंट बोर्ड श्रेणी : महू।
– पश्चिम जोन में 50 हजार आबादी वाले शहरों में : बुधनी (मप्र)।
– स्वच्छ राजधानी : भोपाल
– अन्य पुरस्कार : अमरकंटक शहर
इंदौर को इसलिए ज्यादा नंबर मिले
– जीरो वेस्ट वार्ड बनाए गए। थ्री आर (रिड्यूज, रिसायकल और रियूज) को अपनाकर नए गार्डन, चौराहे और कलाकृतियां बनाई गई।
– इंदौर में छह अलग-अलग कचरा संग्रहित होकर सीधे ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंच रहा है। इस कारण कचरे का निपटान आसानी से हो रहा है।
– शहर की आबोहवा को साफ करने पर जोर दिया गया। दूसरे शहरों की अपेक्षा इंदौर में कम प्रदूषण रहा।
– इंदौर शहर के सौंदर्यीकरण पर ज्यादा जोर दिया। बैकलेन की सफाई करके वहां पोहा पार्टियां आयोजित की गई।
अब आगे यह है इंदौर की चुनौतियां
– नदियों का प्रदूषण इंदौर के लिए चुनौती है। 500 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद कान्ह नदी पूरी तरह प्रदूषण से मुक्त नहीं हो पाई।
– इंदौर अभी भी एक ही ट्रेंचिंग ग्राउंड पर निर्भर है। वहां तक कचरा पहुंचाने में काफी समय लगता है।
– घरों में गीले कचरे से खाद बनाने में कमी आई है। बैकलेन को लगातार साफ रखना आसान नहीं। इसके लिए प्रयास करना होंगे।
यहां किया गया प्रसारण
दिल्ली में आयोजित होने वाले इस पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का इंदौर में छह स्थानों पर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से सीधा प्रसारण किया जाएगा। इनमें राजबाडा, 56 दुकान परिसर, मेघदूत उपवन, रणजीत हनुमान मंदिर परिसर, बड़ा गणपति चौराहा शामिल है। नंबर वन का पुरस्कार मिलते ही इन स्थानों के साथ ही सम्पूर्ण शहर में उत्सव मनाया जाएगा।