Indore Air Quality To Be Improved:
Indore : देश में स्वच्छता के बाद अब इंदौर शहरी क्षेत्र की वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में नगर निगम ने कई नए नियम बनाने की कवायद शुरू कर दी। इसके तहत नगर निगम औद्योगिक इकाइयों, वाहनों और होटलों की ईंट भट्टे पर नजर रख रही है। इन्हें शहरी वायु प्रदूषण (Urban Air Pollution) का कारण बताया जाता है। आने वाले दिनों में शहर के व्यावसायिक इलाकों में निगम घासलेट या पेट्रोल-डीजल से चले वाली लोडिंग रिक्शा पर प्रतिबंध लगाएगी। सभी को ई-रिक्शा चलाने के आदेश दिए जाएंगे।
शहर में वायु प्रदूषण कम करने को लेकर अब निगम सख्ती करते हुए तैयारी में है। इस कड़ी में नगर निगम द्वारा कराए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि सियागंज, हाथी पाला सरवटे बस स्टैंड, जवाहर मार्ग, छावनी और इससे लगे हुए क्षेत्रों में लगभग 1000 लोडिंग रिक्शा चलते हैं। यह लोडिंग रिक्शा से सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण (Highest Air Pollution from Loading Rickshaw) कर रहे हैं। कई लोडिंग रिक्शा तो घासलेट से चलाई जा रहे हैं। अब निगम प्रशासन ने इन लोडिंग रिक्शा को ई-लोडिंग रिक्शा या सीएनजी से चलित लोडिंग रिक्शा में कन्वर्ट कराने की योजना तैयार की है।
लोडिंग रिक्शा बनाने वाली कंपनियों और लोडिंग रिक्शा एसोसिएशन के साथ नगर निगम की प्रारंभिक बैठक की। नगर निगम के अपर आयुक्त संदीप सोनी ने बताया कि निगम प्रशासन के निर्देश पर सभी लोडिंग रिक्शा संचालकों को ई-रिक्शा या सीएनजी चलित रिक्शा से होने वाले वित्तीय फायदे समझाएं गए। इन लोडिंग रिक्शा चालकों को बैंकों से लोन भी दिलाया जाएगा।
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ई-रिक्शा या अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए शहर में लगभग 300 स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे और 2 वर्ष तक इन चार्जिंग स्टेशन से वाहनों के चार्ज करने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। साथ ही शहर के भोजनालयों पर इस्तेमाल की जाने वाली ईटभट्टी पर भी रोक लगा दी गई है,जिसके बाद रेस्टोरेंट संचालकों को गैस भट्टी का ही इस्तेमाल करना पड़ रहा है।