
Indore-Dewas Highway : इंदौर-देवास हाईवे पर हाईकोर्ट सख्त, 68 करोड़ का ठेका, काम अभी भी अधूरा!
एनएचएआई और सड़क निर्माण कंपनी को एक सप्ताह में उत्तर प्रस्तुत करने का अंतिम अवसर दिया!
Indore : इंदौर-देवास राष्ट्रीय राजमार्ग की बदहाल स्थिति को लेकर हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और ठेका प्राप्त कंपनी डीजी बहिलकर से एक सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता तनिष्क पटेल की ओर से अधिवक्ता श्री नवनीत किशोर ने पैरवी की।
यह उल्लेखनीय है की एनएचएआई द्वारा जुलाई 2023 में एक एग्रीमेंट के तहत 68 करोड़ की लागत से दिए गए मेंटेनेंस व इम्प्रूवमेंट का काम डीजी बहिलकर कंपनी को सौंपा गया था। इस परियोजना में सर्विस रोड का निर्माण, सडक़ मरम्मत और अन्य संरचनात्मक सुधार शामिल थे। हालांकि, लगभग एक वर्ष बीत जाने के बावजूद न तो सर्विस रोड तैयार हुई है और न सडक़ की हालत में कोई विशेष सुधार दिखाई दे रहा है।

गंभीर बात यह कि इस क्षतिग्रस्त राजमार्ग के चलते अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद एनएचएआई की ओर से अब तक कोई ठोस जवाब या कार्रवाई सामने नहीं आई। न्यायालय ने इस निष्क्रियता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि प्राधिकरण की ओर से न तो संतोषजनक उत्तर दिया गया है और न यह बताया गया कि जवाब कब तक प्रस्तुत किया जाएगा।
याचिकाकर्ता तनिष्क पटेल स्वयं अदालत में उपस्थित हुए, जिनकी ओर से अधिवक्ता श्री नवनीत किशोर ने पैरवी की। न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि शासन द्वारा भारी वाहनों के प्रवेश पर लगाया गया प्रतिबंध अगले आदेश तक लागू रहेगा। उल्लेखनीय है कि 14 नवम्बर 2024 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश द्वारा देवास-राऊ रोड की मरम्मत कार्य चार सप्ताह में पूर्ण करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया था। किंतु, आदेश का पालन न किए जाने से यह स्पष्ट होता है कि यह अदालती आदेश की अवमानना है।
एनएचएआई की ओर से सुनवाई के दौरान यह तर्क बार-बार दोहराया गया कि कुछ संबंधित पक्षों को याचिका में पक्षकार नहीं बनाया गया है। अदालत ने इस रुख को सुनवाई टालने की कोशिश मानते हुए गंभीरता से लिया और कहा कि यह रवैया न केवल न्यायिक प्रक्रिया में बाधा है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही को भी दर्शाता है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि एनएचएआई को समयबद्ध उत्तर देने के लिए बाध्य किया जाए और साथ ही ठेका कंपनी की जवाबदेही भी निर्धारित की जाए। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई अगले सप्ताह निर्धारित की है।
तीन व्यक्तियों की मृत्यु होने की खबरें भ्रामक
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक सोमेश बांझल ने बताया कि अर्जुन बरोदा क्षेत्र में बनाए गए डायवर्सन मार्ग की मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया गया। अब यहां से वाहन सामान्य रूप से गुजर रहे हैं। साथ ही बाईपास के अन्य हिस्सों में भी ट्रैफिक सुचारू रूप से संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जांच में स्पष्ट हुआ कि अर्जुन बरोदा बायपास क्षेत्र में जाम के कारण तीन व्यक्तियों की मृत्यु होने की खबर पूरी तरह भ्रामक हैं।
बताया गया कि एक व्यक्ति की मृत्यु शाजापुर से इंदौर आते हुई थी। जबकि, दूसरी घटना लसूड़िया क्षेत्र की है। इन दोनों मामलों का अर्जुन बरोदा क्षेत्र के जाम से कोई संबंध नहीं है। साथ ही अपील की गई है कि नागरिक अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल अधिकृत स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करें।





