Indore Gaurav Diwas : ‘गौरव दिवस’ 31 मई को ही, लगातार 7 दिन मनाया जाएगा

'ताई' ने 20 जनवरी को मनाने का सुझाव दिया, नहीं माना गया

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Indore Gaurav Diwas : ‘गौरव दिवस’ 31 मई को ही, लगातार सात दिन मनाया जाएगा

‘ताई’ ने 20 जनवरी को मनाने का सुझाव दिया, नहीं माना गया

Indore : देवी अहिल्याबाई होलकर के जन्मदिन के अवसर पर इंदौर में 25 मई से 31 मई तक लगातार सात दिन इंदौर में ‘गौरव उत्सव’ मनाया जाएगा। यह जानकारी कलेक्टर मनीष सिंह ने मीडिया को दी। पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन ने 20 जनवरी को ‘गौरव दिवस’ मनाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, पर उनका सुझाव नहीं माना गया।
कलेक्टर ने बताया कि 25 मई से देवी अहिल्याबाई होलकर के जन्मदिन 31 मई तक लगातार सात दिन इंदौर में गौरव उत्सव मनाया जाएगा। अंतिम दिन ‘गौरव दिवस’ मनेगा। उन्होंने बताया कि जन प्रतिनिधियों ने तय किया है कि गौरव उत्सव के तहत अलग-अलग दिन अलग-अलग विधाओं के शहर भर में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 31 मई को इंदौर गौरव दिवस के मौके पर ऐसे लोगों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने देश या विदेश में इंदौर का नाम गौरवान्वित किया है। उनको भी सम्मानित किया गया है! अभी इसकी डिटेलिंग होना है! हर दिन की थीम पर कार्यक्रम तय किए जाना है!

समिति ने तय किया

12 फरवरी को इस मामले में गठित समिति की चेयरमैन सुमित्रा महाजन की अगुआई में शहर के जनप्रतिनिधियों, प्रबुद्धजनों, धर्मगुरुओं व संस्थाओं के प्रमुखों की बैठक हुई थी। इसमें जनप्रतिनिधियों ने इंदौर गौरव अहिल्याबाई होलकर के जन्मदिन 31 मई को मनाने की बात कही थी। अधिकांश लोगों का तर्क था कि अहिल्या माता शहर का गौरव है। इसलिए यही दिन उचित है। कुछ लोगों ने अन्य तारीखों के सुझाव दिए थे।

‘ताई’ का सुझाव नहीं माना

पूर्व सांसद और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को एक पत्र लिखकर 20 जनवरी को इंदौर का जन्म दिवस मनाने का सुझाव दिया था। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में महाजन ने लिखा था कि छत्रपति साहू की अनुशंसा पर पेशवा ने 1734 ई में 20 जनवरी को दौलत शाही परगनों की नई सनद लिखी थी। इसमें मालवा सहित इंदौर (इंदूर) की खासगी जागीर सूबेदार मल्हारराव होल्कर की पत्नी गौतमा बाई के नाम पर कर दी थी। यह ऐतिहासिक दिन था, जब इंदौर मुगलिया सल्तनत के आधिपत्य से मुक्त होकर होल्करों के पास आ गया था। इसका महत्व वैसा ही है, जैसा 15 अगस्त 1947 का है। ताई ने शहर के कई इतिहासकारों व साहित्यकारों से लंबी चर्चा के आधार पर ही यह तारीख तय की थी। उन्होंने जिस दिन राजबाडा की नींव रखी गई थी, उस दिन भी जन्म दिवस मनाने का सुझाव दिया था! लेकिन, शासन ने पहले से तय दिन ही इंदौर गौरव दिवस मनाने की सहमति दी है।