इंदौर ने फिर गौरव से भर दिया है…

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इंदौर ने फिर गौरव से भर दिया है…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत इंदौर ने विश्व रिकॉर्ड बनाकर हर प्रदेशवासी को गौरवान्वित किया है। बढ़ते तापमान से बिगड़ते हालातों को नियंत्रित करने का अब एक ही विकल्प बचा है और वह है अधिक से अधिक पौधारोपण और ‘स्वच्छ दुनिया और हरी-भरी दुनिया’। और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी है कि दुनिया के सभी देश स्वच्छ और हरे-भरे हों और यह तभी संभव है, जब देश का हर शहर ‘स्वच्छ और हरा-भरा’ हो। और इसी कड़ी में मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी और दुनिया में चर्चित देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर ने एक दिन में सर्वाधिक पौधारोपण का रिकॉर्ड बनाकर हर नागरिक का सीना 56 इंच का कर दिया है। शाम करीब पांच बजे 12 लाख 42 हजार पौधे के साथ पौधारोपण का विश्व रिकॉर्ड इंदौर के नाम हो गया। इससे पहले एक दिन में सबसे ज्यादा पौधे लगाने का रिकॉर्ड असम सरकार के नाम पर था।
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वहां एक दिन में 9 लाख 26 हजार पौधे लगाए गए थे। वास्तव में पौधारोपण का विश्व रिकॉर्ड मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को समर्पित है।इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भी मां के नाम पौधरोपण किया। इंदौर के रेवती रेंज में 11 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसको पार कर इंदौरवासियों ने जता दिया कि जज्बे में उनके सामने सब बौने हैं। रिकॉर्ड बनते ही इंदौरवासी खूब नाचे, झूमे, इनमें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और मेयर पुष्यमित्र भार्गव भी शामिल थे। वास्तव में 14 जुलाई 2024 का यह दिन हर मध्यप्रदेशवासी के नाचने और झूमने का दिन था। पर अब वास्तव में इंदौर ने यह चुनौती प्रदेश के सभी शहरों को दी है कि कम से कम स्वच्छता में उसकी बराबरी नहीं कर पा रहे हो, तो पौधारोपण में करके ही दिखा दो। और यह ऐसी चुनौती है कि इसे स्वीकार भी किया जा सकता है और हर शहर इंदौर और एक-दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ भी कर सकता है।
मंत्री अमित शाह ने तारीफ की और सही ही कहा है कि इंदौर सफाई, स्वाद, सहभागिता के लिए जाना जाता है। अब इंदौर हरियाली के नाम से भी जाना जाएगा। इंदौर स्मार्ट, मेट्रो सिटी बन चुका है। अब ग्रीन सिटी के नाम से जाना जाएगा। शाह ने कहा कि ये अभियान सरकारी समारोह नहीं है। समाज इस अभियान से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ के नारे को देशवासियों से जन आंदोलन बना दिया।पर्यावरण की चिंता विश्व को है। ओजोन लेयर में बड़े-बड़े छेद हो गए हैं। मध्य प्रदेश देश का फेफड़ा है।यह देश को आक्सीजन देता है। इस प्रदेश में 30 परसेंट वन क्षेत्र है। पूरे देश का 12 परसेंट ग्रीन कवरेज इस प्रदेश में है। तो शाह मध्यप्रदेश के मुरीद इसलिए भी हैं, क्योंकि इस प्रदेश की जनता ने सभी 29 सीटें मोदी की झोली में डाली हैं। इसलिए भी चुनाव के बाद पहली बार मध्यप्रदेश आकर शाह के चेहरे पर शाही खुशी नजर आई। तो मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उम्मीद जताई कि ‘मालव माटी गहन गंभीर, पग पग रोटी डग डग नीर’ कहावत को चरितार्थ करने इंदौर ने मालवा का पुराना स्वरूप लौटने की ठानी है। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विश्वास दिलाया ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा कर इंदौर ग्रीन सिटी के रूप में उभरेगा। हम साल में 51 लाख पेड़ इंदौर में लगाएंगे।इंदौर ग्रीन कवरेज में 17 वें नम्बर पर है। पांच साल में हम पहले नंबर पर होंगे।
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वैसे कैलाश विजयवर्गीय की यह भावनाएं हर नेता के मन को प्रेरणा से भरनी चाहिए। और हर शहर और हर जिले को इंदौर से होड़ करनी चाहिए। हर शहर-जिले के नागरिकों को बढ़-चढ़कर पौधारोपण में सहभागिता करनी चाहिए। ताकि मां के नाम का एक-एक पेड़ देश को हरियाली में दुनिया का सबसे अव्वल बनाकर ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को चरितार्थ कर दे। वहीं भारत जल्दी ‘विश्व गुरू’ बनेगा, यह दुनिया को जता दे।इंदौर ने फिर गौरव से भर दिया है, अब बाकी सबकी बारी है…।