इंदौर परचम फहराता है और प्रदेश गौरव से भर जाता है…

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इंदौर परचम फहराता है और प्रदेश गौरव से भर जाता है...

इंदौर परचम फहराता है और प्रदेश गौरव से भर जाता है…

गीले कचरे से बनी गैस से बस चलाने पर इंदौर को ‘द बेस्ट ग्रीन ट्रांसपोर्ट इनोवेटिव’ कैटेगरी में अवार्ड ऑफ एक्सिलेंस मिला है। भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा कोच्चि में अवार्ड दिया गया। नगर निगम इंदौर द्वारा संचालित गोबर गैस प्लांट देवगुराडिया से निर्मित बायो सीएनजी गैस से इंदौर एआईसीटीएसएल द्वारा 400 से अधिक लोकपरिवहन सीएनजी सिटी बसों का संचालन सीएनजी गैस से किया जा रहा है। इसीलिए इंदौर की एआईसीटीएसएल को बेस्ट ग्रीन अर्बन मोबिलिटी ईनीशिएटिव अवार्ड ऑफ एक्सिलेंस से नवाजा गया। स्वच्छता में लगातार सालों से देश के नंबर एक शहर इंदौर ने अब ग्रीन नवाचार की दिशा में बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है। इंदौर का नवाचार मॉडल देश का पहला ऐसा नवाचार माॅडल है, जिसके जरिए बहुआयामी ऊर्जा संरक्षण किया जा रहा है। इस मॉडल का बड़ा योगदान पर्यावरण से कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी देखा गया है। जिसके तहत इंदौर में लोक परिवहन बसों में गीले कचरे से बनाई जा रही बायो सीएनजी गैस के उपयोग करने पर भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा इंदौर के लोक परिवहन एआईसीटीएसएल को सम्मानित किया गया।
निश्चित तौर से इंदौर उपलब्धियों की दौड़ में हमेशा अव्वल रहा है। स्वच्छता में इंदौर के अव्वल रहने का सिलसिला जारी है। तो नए-नए क्षेत्रों में पहले पायदान पर बने रहने की आदत भी इंदौर की बनती जा रही है। निश्चित तौर पर जब भी इंदौर उपलब्धि हासिल करता है, तो पूरे प्रदेशवासी गौरव से भर जाते हैं। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह को लेकर हमेशा यह बातें सामने आती हैं कि जिले के सभी विभागों के अफसर त्रस्त हैं। पर जब उपलब्धियां हासिल होती हैं, तो मनीष सिंह का चेहरा ही सामने आ जाता है। जब स्वच्छता में इंदौर पहली बार देश में अव्वल आया था, तब मनीष सिंह नगर निगम कमिश्नर थे और तब से यह सिलसिला जारी है। इंदौर कलेक्टर की लंबी पारी में भी वह बिना थके अटूट परिश्रम करते जा रहे हैं। और इंदौर अलग-अलग क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करता जा रहा है। निश्चित तौर पर इंदौर का यह जज्बा तारीफ के काबिल है और तारीफ बटोर भी रहा है। यही उम्मीद कि सिलसिला जारी रहे।