INDORE महापौर के तीखे तेवर: सड़क बनने से पहले ही सोच लेते, अब खुदाई कहां की समझदारी

तीन इमली चौराहे पर महापौर ने रोकी खुदाई, बोले- शहर को कब तक यूं खोदते रहोगे?

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INDORE महापौर के तीखे तेवर: सड़क बनने से पहले ही सोच लेते, अब खुदाई कहां की समझदारी

 

INDORE: नई बनी सड़क को फिर से खोदते देख महापौर पुष्यमित्र भार्गव का पारा चढ़ गया। शुक्रवार को वे बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक तीन इमली चौराहे पहुंचे, जहां चल रही खुदाई को देखकर उन्होंने मौके पर ही काम रुकवा दिया। महापौर ने नाराजगी जताते हुए कहा- “सड़क बनने से पहले ही सोच लेते, बनने के बाद खुदाई करना कहां की समझदारी है? शहर को आखिर कब तक यूं खोदोगे?”

*रात में आया वीडियो, सुबह पहुंचे महापौर*
दरअसल, गुरुवार रात एक राहगीर ने महापौर को वीडियो भेजा था, जिसमें नई सड़क पर दोबारा खुदाई होती दिख रही थी। इस पर महापौर ने फोन पर पूछने के बजाय शुक्रवार सुबह सीधे मौके पर पहुंचने का निर्णय लिया। न निगम अधिकारियों को भनक थी, न निर्माण एजेंसी को कोई अंदाजा।

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*मौके पर दिखी लापरवाही*
तीन इमली पर पहुंचने पर महापौर ने देखा कि सड़क का आधा काम ही पूरा हुआ है, फिर भी स्टॉर्म वॉटर लाइन डालने के नाम पर खुदाई की जा रही है। उन्होंने मौके पर अपर आयुक्त अभय राजन, जोनल अधिकारी अतीक खान, पार्षद राजेंद्र राठौड़, और निर्माण एजेंसी के साथ कंसलटेंट एसएनएस कंपनी के प्रतिनिधियों को बुलाया। महापौर ने सख्त लहजे में पूछा- “पहले पता नहीं था कि लाइन डालनी है? सड़क बनने के बाद खुदाई कौन-सी समझदारी है?”

*कड़ी कार्रवाई के निर्देश*
महापौर ने मौके पर ही निर्देश दिए कि-
1- कंसलटेंट एजेंसी को ब्लैकलिस्ट किया जाए,
निर्माण एजेंसी का अनुबंध समाप्त (टर्मिनेट) किया जाए.
2- नुकसान की भरपाई कंसलटेंट से वसूली जाए।
उन्होंने कहा- “निगम को आर्थिक नुकसान और जनता को परेशानी दोनों की जिम्मेदारी तय होगी। अगर मॉनिटरिंग ही नहीं हो रही तो कंसलटेंट एजेंसी को भुगतान क्यों?”

*अधिकारी चुप, महापौर सख्त*
महापौर ने अधिकारियों से पूछा कि क्या इस इलाके में जलजमाव की कोई शिकायत आई थी, जिसके बाद यह खुदाई जरूरी लगी हो?
सवाल पर अधिकारी चुप रहे। महापौर ने कहा कि- शहर में विकास कार्यों के नाम पर बार-बार सड़कों को खोदने की यह प्रवृत्ति अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।