
Boost to Indore Metro: खजराना से बंगाली चौराहा तक 3.5 किमी अंडरग्राउंड रूट मंजूर
के.के. झा की विशेष रिपोर्ट
इंदौर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज इंदौर के विकास कार्यों की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में मेट्रो परियोजना और शहरी नियोजन से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। बैठक में बंगाली चौराहा से खजराना तक 3.5 किलोमीटर के मेट्रो रूट को अंडरग्राउंड बनाने की मंजूरी दी गई। इस बदलाव से होने वाली लगभग 800 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत राज्य सरकार वहन करेगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय शहर की यातायात व्यवस्था को मजबूत बनाने और मुख्य बाजार क्षेत्रों में व्यवधान कम करने के उद्देश्य से लिया गया है।
पहले इस हिस्से को एलिवेटेड बनाने की योजना थी, लेकिन स्थानीय विधायकों, महापौर और व्यापारियों की मांग पर इसे अंडरग्राउंड किया जा रहा है। इससे कुल अंडरग्राउंड रूट की लंबाई 12 किलोमीटर तक पहुंच जाएगी, जिसकी अनुमानित अतिरिक्त लागत 1,000 करोड़ रुपये है।
बैठक में एबी रोड पर एलिवेटेड मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण को भी मंजूरी मिली। बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने के बाद एलआईजी से नौलखा तक इस कॉरिडोर का निर्माण होगा, जो शहर की ट्रैफिक समस्या को कम करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मेट्रो के अंडरग्राउंड हिस्से को प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि एलिवेटेड ब्रिज योजनाओं में कोई बदलाव नहीं होगा। वर्तमान में 6 किलोमीटर के प्राथमिकता कॉरिडोर पर कमर्शियल रन चल रहा है, जिसे वित्तीय वर्ष के अंत तक 17 किलोमीटर तक विस्तारित करने का लक्ष्य है।
इसके अलावा, इंदौर महानगरीय क्षेत्र के विस्तार पर भी बड़ा फैसला हुआ। अब यह क्षेत्र 14,000 वर्ग किलोमीटर तक फैलेगा, जिसमें रतलाम, नागदा, शाजापुर और आष्टा के हिस्से शामिल होंगे।
इससे पहले मई 2025 में इसे 9,989 वर्ग किलोमीटर तक बढ़ाया गया था, जिसमें इंदौर-उज्जैन, देवास, धार और शाजापुर जिले शामिल हैं।
यह विस्तार शहर के आसपास के ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों के एकीकृत विकास को बढ़ावा देगा।बैठक में 25 वर्षीय व्यापक ट्रैफिक प्लान को भी मंजूरी दी गई, जिसमें फ्लाईओवर और एलिवेटेड रोड्स की सर्वेक्षण रिपोर्ट पर चर्चा हुई।
इंदौर मेट्रो की कुल लंबाई 31.32 किलोमीटर है, जिसमें 28 स्टेशन होंगे, और परियोजना की अनुमानित लागत अब 7,500 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे हों, ताकि इंदौर मध्य प्रदेश का दूसरा मेट्रो शहर बने।यह घोषणाएं शहरवासियों के लिए बड़ी राहत हैं, क्योंकि अंडरग्राउंड रूट से व्यापारिक क्षेत्रों पर असर कम पड़ेगा और महानगरीय विस्तार से क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलेगी।





