Indore Municipal Corporation Budget : इंदौर नगर निगम के 8000 करोड़ के बजट में कोई नया कर नहीं!

सड़कों पर ज्यादा ध्यान, नर्मदा के चौथे चरण के लिए प्रावधान, सफाई संसाधनों के लिए ज्यादा बजट!

179

Indore Municipal Corporation Budget : इंदौर नगर निगम के 8000 करोड़ के बजट में कोई नया कर नहीं!

Indore : गुरुवार को इंदौर नगर निगम ने 8 हजार 174 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। शहर की प्रमुख सड़कों को चौड़ा करने के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। नर्मदा के चौथे चरण के लिए भी बड़ी राशि आवंटित की गई। इस साल के बजट में कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है। पुराने टैक्स में भी वृद्धि नहीं की गई है। 8 हजार 174 करोड़ के बजट में कई विकास योजनाएं हैं।

इस बार बजट में सड़क निर्माण पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। तीन साल बाद उज्जैन में लगने वाले सिंहस्थ मेले के मद्देनजर शहर में कई मार्गों को जोड़ा किया जाएगा। इंदौर में 30 से ज्यादा मास्टर प्लान सड़कों को चौड़ा किया जाना है। इस प्रोजेक्ट पर ही डेढ़ हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। नर्मदा के चौथे चरण के लिए भी बजट में बड़ी राशि रखी जाएगी। जलूद में नगर निगम सोलर प्लांट भी लगा रहा है। इसके अलावा चौथे चरण के लिए पाइप लाइन भी बिछाई जाएगी। इसके अलावा नगर निगम सीमा में शामिल 29 गांवों में सीवरेज और ड्रेनेज लाइन के काम होना हैै। राज्य सरकार ने भी इसके लिए राशि जारी की है। 300 करोड़ रुपये इस पर खर्च होंगे। सफाई के लिए संसाधनों की खरीदी के लिए भी स्वास्थ्य विभाग मद में पिछले साल की तुलना में ज्यादा बजट रहेगा।

अपने कार्यकाल के तीसरे बजट में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने लोकलुभावन घोषणाओं के साथ 8174.94 करोड़ रुपए की आय होने और उससे अधिक 8236.98 करोड़ रुपए खर्च होना बताया। निगम ने 62 करोड़ के घाटे का बजट बनाया। अपने भाषण में महापौर ने स्वच्छ, समृद्ध और आत्मनिर्भर इंदौर के दावे के साथ 500 करोड़ रुपए के बांड विकास कार्यों के लिए जारी करने की जानकारी दी। साथ ही यह भी बताया कि निगम का लैंड बैंक भी बढ़कर 100 एकड़ तक पहुंच गया है। महापौर ने अपने बजट भाषण में हजार करोड़ रुपए के राजस्व संग्रहण को भी एक बड़ी उपलब्धि बताया।

2050 के इंदौर की जरूरत के मुताबिक बजट में कई प्रावधान किए गए हैं। डिजिटल सिटी की बात भी दोहराई। यह भी दावा किया कि निगम की सेवाओं, सुविधाओं और कार्यों को पॉकेट फ्रेंडली बनाया जाएगा और पोर्टल तथा मोबाइल एप के जरिए एक क्लिक पर ही नागरिकों को निगम से जुड़ी समस्त जानकारी हासिल हो सकेगी। महापौर ने कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में इंदौर की गौरवमयी परम्परा की बात करते हुए कहा कि अब नए अपशिष्ट प्रबंधन में भी नए आयाम स्थापित होंगे। बेकार कपड़े, फाइबर, यूज्ड ऑयल जैसे अपशिष्टों को पुनरुपयोगी बनाया जाएगा।

200 टीपीडी का सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नया प्लांट भी बनेगा और देवगुराडिय़ा स्थित बायो सीएनजी प्लांट की क्षमता भी 550 टन प्रतिदिन से बढ़ाकर 800 टन प्रतिदिन कर दी गई है। वहीं 100 टन क्षमता वाला ग्रीन वेस्ट प्रसंस्करण संयंत्र भी स्थापित किया गया है, तो दूसरी तरफ 10 गारबेट ट्रांसफर स्टेशन और चोइथराम मंडी को शून्य अपशिष्ट मॉडल पर संचालित किया जा रहा है, उसी तरह चिडिय़ाघर को भी जीरो वेस्ट परिसर बनाएंगे। नई एडवांस स्वीपिंग मशीनें खरीदी जा रही हैं।

वार्डों की सड़कों पर 500 करोड़ खर्च
नगर निगम ने केन्द्र से मिली 450 करोड़ की राशि से 23 मास्टर प्लान की सडक़ों का निर्माण शुरू करवाया है। चार पैकेजों में इसके टेंडर मंजूर किए गए और महापौर के मुताबिक इस साल इनमें से 130 करोड़ रुपए की 10 सडक़ें निर्मित कर देंगे। वहीं वार्डों की अंदरुनी यानी छोटी सडक़ों के लिए भी 500 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया जा रहा है।

बजट भाषण में कहा कि धार रोड, चंदन नगर चौराहा से एयरपोर्ट रोड तक सडक़ निर्माण के अलावा एलिवेटेड ब्रिज भी बनाएंगे। तिलक नगर से गीता भवन, न्यू रेसकोर्स रोड से नरीमन पाइंट और बीसीएम पेरेडाइज से लेकर अपोलो डीबी सिटी होते हुए निपानिया तक भी सडक़ बनेगी। 12 चौराहों का सौंदर्यीकरण पूर्ण किया है और इस साल हर विधानसभा के दो-दो प्रमुख चौराहों को पूर्ण विकसित करेंगे।

पुल-पुलियाओं के निर्माण-संधारण पर भी 80 करोड़ खर्च होंगे, तो 10 स्थानों पर नए पुलों का निर्माण 11 करोड़ की लागत से किया जाएगा। चंदन नगर से जिला अस्पताल तक जो पुल बनेगा उसकी लागत 50 करोड़ रुपए आंकी गई है। सिटी प्रायोरिटी सेल के माध्यम से शहर में विकास की कई नई संरचनाएं विकसित की जाएगी और निगम सीमा में जो जमीन-भूखंड या अन्य संपत्ति मौजूद हैं उन्हें पीपीपी मॉडल पर विकसित कराया जाएगा। ग्रीन बेल्ट को जनभागीदारी के साथ विकसित करेंगे।

WhatsApp Image 2025 04 03 at 2.37.12 PM

बोगदों में हॉकर्स झोन, उद्यानों में ओपन जिम
निगम जहां 5 रुपए में भरपेट भोजन कराने के लिए 5 स्थायी रसोई केन्द्र संचालित कर रहा है, वहीं अब चलित रसोई केन्द्रों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही चलित पाठशाला और बेघर तथा यात्रियों के लिए नि:शुल्क 11 आश्रय स्थल वर्तमान में संचालित हैं। इस साल 5 और नए निर्मित किए जाएंगे। शहर में बनाए गए 80 संजीवनी क्लीनिकों में से 5 को संचालित करने की जिम्मेदारी प्रतिष्ठित संस्थानों को सौंपी गई है।

प्रत्येक वार्ड में योग केन्द्र का निर्माण करवाते हुए उद्यानों में ओपन जिम की सुविधा भी देंगे। वहीं निगम के अपने चिड़ियाघर में लगातार कई प्रजातियों के कई वन्य जीवों को लाया जा रहा है, तो उसके साथ ही अंडर वॉटर फिश एक्वेरियम के साथ ही बच्चों के मनोरंजन के लिए 14 डी थियेटर भी निर्माणाधीन हैं।

ब्लड लाइन एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत टाइगर का आदान-प्रदान भी किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ 10 नए ब्रिज भी बनेंगे और पुरानों का संधारण भी किया जा रहा है। वन नेशन-वन राशन कार्य योजना के तहत वर्तमान में शहर के 2 लाख 36 हजार 775 परिवारों को पात्रता पर्ची के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया जा रहा है, तो प्रत्येक विधानसभा में नागरिक सुविधाओं के लिए 6 मोक्ष रथ सेवा भी शुरू करवा दी है।

बिल घोटाले पर भिड़े नेता
बजट सत्र शुरू होते ही कांग्रेस और भाजपा पार्षदों के बीच बजट पर हंगामा हुआ, खासतौर पर फर्जी बिल घोटाले को लेकर कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाए। इस बार नगर निगम क्षेत्र में 29 गांवों में सीवरेज और ड्रेनेज लाइन का काम भी किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस कार्य के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
सुबह 11 बजे नगर निगम सभागार सदन की कार्रवाई शुरू हुई। सभापति मुन्ना लाल यादव ने पहले दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सदन की कार्रवाई दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। बैठक शुरू होते ही कांग्रेस पार्षदों ने फर्जी बिल घोटाले का मुद्दा उठाया। भाजपा के पार्षद बजट के मुद्दे पर बात करने के लिए जोर देते थे और हंगामा शुरू हो गया। इसके बाद मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने बजट भाषण पढ़ा।