(इंदौर से अनिल शुक्ला की रिपोर्ट)
Indore : इंदौर शहर कांग्रेस कार्यकारिणी की घोषणा अभी तक नहीं हो पाई है। करीब दो साल से कार्यकारिणी भंग पड़ी है। प्रवक्ताओं, पूर्व पदाधिकारी, वार्ड और ब्लाक अध्यक्ष के बलबूते पर शहर कांग्रेस का संचालन किया जा रहा है। कई नामों को लेकर सहमति नहीं बनने और नामों के लिए बड़े नेताओं का दबाव होने से मामला अटका हुआ है।
नगर निगम और पंचायत चुनाव को लेकर हलचलें शुरू हो गई है। आने वाले चुनाव को लेकर फिलहाल कांग्रेस कमजोर नजर नहीं आ रही, पर शहर कांग्रेस का कोई आकार नहीं बन रहा। शहर कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन करीब दो साल बाद भी नहीं हो पाया। डेढ़ साल पहले कमलनाथ सरकार के रहते कार्यकारिणी को भंग किया गया था। तब से ही बिना कार्यकारिणी के शहर कांगेस का संचालन हो रहा है।
वर्तमान में संगठन के नाम पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और कोषाध्यक्ष शैलेश गर्ग काम कर रहे है। पूर्व पदाधिकारी, वार्ड और ब्लॉक अध्यक्ष की मदद ली जा रही है। प्रदेश कांग्रेस संगठन द्वारा हाल ही में 7 प्रवक्ताओं की नियुक्ति जरूर की गई। लेकिन, प्रवक्ताओं की नियुक्ति को लेकर भी असंतोष पनप गया। नियुक्तियों को लेकर पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय वाकलीबाल समर्थकों को ही तवज्जों दी गई। इस कारण कांग्रेस के कई बड़े स्थानीय नेता न केवल नाराज चल रहे हैं, बल्कि उन्होंने कांग्रेस संगठन के सामने अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई। लंबे समय से कार्यकरिणी गठित नहीं होने के पीछे आपसी गुटबाजी, बड़े नेताओं की कई नामों को लेकर सहमति नहीं बनाना और नामों को लेकर शहर अध्यक्ष पर दबाव होना प्रमुख कारण माना जा रहा है। संगठन कमजोर होने से कांग्रेस प्रभावी ढंग से भाजपा सरकार की घेराबंदी भी नहीं कर पा रही।
खबर है कि लम्बी खींचतान के बाद शहर कांग्रेस के पास नाम पहुँचने लगे। विधायक,.पूर्व विधायक और बड़े स्थानीय नेताओं से उनके समर्थकों के नाम मांगे गए है। इधर शहर कांगेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने गुटबाजी की बात से इंकार किया। उन्होंने बताया कि नाम आने का सिलसिला जारी है। एक पखवाड़े के भीतर कार्यकारिणी की घोषणा कर दी जाएगी। बाकलीवाल के अनुसार संगठन में नए चेहरे और जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जाएगा। जबकि, कांग्रेस संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने बताया कि शहर कांग्रेस से अभी तक सूची नहीं मिली है। सूची मिलते ही कार्यकारिणी की घोषणा कर दी जाएगी। स्थानीय स्तर पर सूची फाइनल होने के बाद इसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के पास भेजा जाएगा। भोपाल से ही सूची पर अंतिम मुहर लगेगी।