Indore Women Top in Property Purchase : इंदौर की महिलाएं संपत्ति खरीद में प्रदेश में अव्वल!
Indore : इस साल प्रदेश में सबसे ज्यादा संपत्ति की खरीदी इंदौर की महिलाओं ने की। कुल रजिस्ट्री का 38% हिस्सा उनके नाम पर रहा। 2023-24 वित्त वर्ष में वे 5500 करोड़ रुपए की संपत्ति की मालकिन बन गई। उन्हें सरकार से 94 करोड़ की छूट मिली। रविवार को छुट्टी के बावजूद इंदौर के चार रजिस्ट्रार कार्यालयों में रजिस्ट्री कराने वालों की भीड़ रही।
रविवार देर रात तक खरीदार, बेचने वाले और गवाह मौजूद थे। विभाग का अमला भी मुस्तैद नजर आया। अंतिम दिन लेखा-जोखा तैयार हुआ तो इंदौर में कई रिकॉर्ड बने। वित्त वर्ष 2023-24 में इंदौर जिले में एक लाख 75 हजार 950 दस्तावेज तैयार हुए, जिससे सरकार को 2415 करोड़ राजस्व मिला। सरकार ने 2540 करोड़ का लक्ष्य दिया था, जिससे 125 करोड़ पीछे रहे।
इसके अलावा महिलाओं के नाम पर रिकॉर्ड बना। सालभर में इंदौर में 93 हजार 500 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुई, जिसमें 36 हजार 275 रजिस्ट्री महिलाओं के नाम है। यह कुल रजिस्ट्री का 38% है। इतनी संख्या में प्रदेश में महिलाएं कहीं भी संपत्ति की मालकिन नहीं बनी। 5500 करोड़ रुपए की संपत्ति की मालकिन बनीं महिलाओं ने सरकार को 430 करोड़ का राजस्व दिया।
वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक कुमार आर्य ने बताया कि इंदौर में 1.75 लाख दस्तावेज तैयार हुए हैं, जिससे 2415 करोड़ राजस्व जमा हुआ। इसमें 430 करोड़ रुपए की भागीदारी महिलाओं की भी है। रजिस्ट्री में 38% महिलाओं की हिस्सेदारी रही।
सरकार की योजना सफल रही
प्रदेश सरकार ने महिलाओं के नाम पर होने वाली रजिस्ट्री पर 2% प्रतिशत की छूट दे रखी है। शहरी क्षेत्र में 12.5 और ग्रामीण में 9.5 रुपए की गाइड लाइन से ड्यूटी लगती है। रजिस्ट्री में 2% का आंकड़ा बड़ा होता है और इससे हजारों रुपए का अंतर आ जाता है। कहा जा रहा है कि महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर हो रही हैं। क्योंकि, अधिकांश संपत्ति लोन पर ली जाती है। इसके लिए बैंक कमाई का जरिया और आयकर की फाइल देखती है।
संभाग में बढ़ा 500 करोड़ का राजस्व
डीआईजी पंजीयन बालकृष्ण मोरे ने बताया कि इंदौर-उज्जैन संभाग में गत वर्ष से 500 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व बढ़ा है। पिछले वर्ष 3814.15 करोड़ रुपए सरकार के खाते में जमा हुए थे। ये 13 प्रतिशत अधिक की वृद्धि है। पिछले वर्ष 5 लाख 3 हजार 293 दस्तावेज दर्ज हुए, जिसमें 14 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। सबसे ज्यादा राजस्व इंदौर से जमा हुआ तो दूसरे नंबर पर उज्जैन व तीसरे पर देवास है। उज्जैन में 76 हजार 997, देवास में 44 हजार 227 दस्तावेज रजिस्टर्ड हुए हैं।