Indore’s Pride Day : मीटिंग बेनतीजा रही, इंदौर का गौरव दिवस कब मनेगा- तारीख तय नहीं

विधायक रमेश मेंदोला ने इंदौर का नाम अहिल्या बाई के नाम पर रखने का सुझाव दिया

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Indore’s Pride Day : मीटिंग बेनतीजा रही, इंदौर का गौरव दिवस कब मनेगा- तारीख तय नहीं

Indore : इंदौर के गौरव दिवस की तारीख कौन सी हो, इस मुद्दे पर बुलाई गई करीब 3 घंटे चली बैठक बेनतीजा ख़त्म हो गई! प्रशासन के अधिकारियों, इतिहासकारों, प्रबुद्धजनों, वरिष्ठ खिलाड़ियों और जनप्रतिनिधियों की इस बैठक में ये तय नहीं हो सका कि इंदौर का गौरव दिवस किस दिन मनाया जाना चाहिए! अंत में तय किया गया कि पांच सदस्यों की एक समिति बनाई जाना चाहिए जो पूरी पड़ताल करके इंदौर की स्थापना की तारीख का पता लगाए।

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इस बैठक में कई लोगों ने इंदौर को लेकर सुझाव भी दिए! विधायक रमेश मेंदोला का सुझाव था कि इंदौर का नाम बदलकर अहिल्याबाई के नाम पर रखा जाना चाहिए। इसके अलावा भाजपा नेता गोविंद मालू ने गौरव दिवस पर शहर की किसी विशिष्ठ हस्ती को सम्मानित करने, इंदौर का इतिहास लिखे जाने और किसी एक श्रेष्ठ वार्ड को सम्मानित करने का सुझाव दिया। अहिल्याबाई की जयंती 31 मई को भी स्थापना दिवस तय करने का सुझाव आया, पर बैठक की अध्यक्षता कर रही पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन ने इसे तार्किक नहीं माना।

इस बैठक को बुलाए जाने का उद्देश्य संस्कृति और इतिहास के आधार पर इंदौर के स्थापना दिवस का दिन निर्धारित करना था, ताकि उस दिन ‘इंदौर गौरव दिवस’ मनाया जाए। यही कारण था कि इसमें इतिहासकारों को बुलाया गया था, पर सबके पास इंदौर की स्थापना को लेकर अपने-अपने तर्क थे। क्योंकि, इंदौर के ज्ञात इतिहास में शहर की स्थापना की कोई तारीख नहीं बताई गई है। मौजूद इतिहासकारों में भी इस मुद्दे को लेकर एक राय नहीं बनी। अभी तक (2015 से) इंदौर का स्थापना दिवस 3 मार्च को मनाया गया, पर इस तारीख को लेकर कोई आधार नहीं है।

इस बैठक के बाद पूर्व विधायक और कवि सत्यनारायण सत्तन भड़क गए। उन्होंने कहा कि जब सरकार को ही सब तय करना है, तो हमारा समय क्यों व्यर्थ किया। उन्होंने यह भी कहा कि स्थापना दिवस को लेकर बैठक बुलाई गई थी, पर उस पर तो कोई बात ही नहीं हुई। इस बैठक में कमिश्नर डॉ पवन कुमार शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, विधायक, सांसद, इतिहासकार, प्रबुद्धजन और कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।