इंद्र का वरदान कितना शुभ साबित होता है…
लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में हो रही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को कांग्रेस वरदान मान रही है। जिस दिन यानि 2 मार्च 2024 को राहुल गांधी की मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत मुरैना से हुई, उसी दिन शाम को 6 बजे भाजपा ने देश के 195 लोकसभा टिकट की घोषणा कर दी। इनमें से 24 लोकसभा टिकट मध्यप्रदेश के हैं। इनमें वहां की ज्यादातर लोकसभा सीटें शामिल हैं, जहां से होकर न्याय यात्रा गुजर रही है। मुरैना, ग्वालियर, गुना, राजगढ़, देवास और रतलाम सीटें शामिल हैं। तो दूसरी तरफ कांग्रेस भरोसा दिला रही है कि पांच दिन बाद यानि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की मध्यप्रदेश से विदाई के बाद लोकसभा टिकट घोषित होंगे। तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का मानना है कि यह मान्यता है कि किसी भी शुभ कार्य के शुरू होने पर यदि बारिश हो जाती है तो इसे स्वयं इंद्र देवता का वरदान माना जाता है। राहुल की यात्रा के प्रवेश के समय बारिश का शुरू होना, स्वयं इंद्र देवता का आशीर्वाद इस यात्रा को मिला है। अब यह वरदान कितना असर दिखाता है और इंद्र का आशीर्वाद कितना फलीभूत होता है, इसका आकलन एक बार फिर लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद अवश्य होगा।
राहुल गांधी मजदूरों, युवाओं, किसान एवं महिलाओं के न्याय के लिए आवाज़ उठा रहे हैं। सभी की भागीदारी के लिए जातीय जनगणना को तर्कसंगत ठहरा रहे हैं। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी ने आम युवा, किसान एवं आम गरीब की बातों को न्याय यात्रा के माध्यम से उठाया, जिससे उनके इन मुद्दों को बल और ताकत मिली है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी राहुल गांधी के अभूतपूर्व स्वागत से अभिभूत हैं। वह इसे ग्वालियर चंबल की माटी एवं पानी के अनुरूप मान रहे हैं। यात्रा मुरैना से ग्वालियर पहुंच चुकी है। सोमवार 4 मार्च को शिवपुरी, गुना-ब्यावरा में न्याय यात्रा होगी, आमसभा, रोड-शो होगा और वहीं रात्रि विश्राम होगा। वहीं न्याय यात्रा 5 मार्च को शाजापुर, मक्सी, उज्जैन में होगी और वहीं रात्रि विश्राम होगा तथा 6 मार्च 2024 को बड़नगर, बदनावर, रतलाम तथा सैलाना में न्याय यात्रा आयोजित होगी, जिसके तहत रोड-शो, संवाद कार्यक्रम, आमसभा होगी। इसके साथ न्याय यात्रा राजस्थान में प्रवेश करेगी। राहुल गांधी ने 3 मार्च की सुबह पूर्व सैनिक एवं अग्नि वीरों से 40 मिनट तक बातचीत कर उनकी समस्याएं जानीं। कांग्रेस के मुताबिक कई ऐसे भी युवा हैं, जिन्होंने 2021 में रिक्रूटमेंट के लिए आवेदन किया, परंतु उन्हें आज तक रिक्रूटमेंट लेटर नहीं मिला। ऐसे युवाओं की संख्या डेढ़ से 2 लाख है। यानि कि कभी अग्निवीर योजना का विरोध कर रही कांग्रेस अब युवाओं की अग्निवीर में भर्ती के मुद्दे पर केंद्रित हो गई है। जयराम रमेश ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा का उद्देश्य और प्रकृति पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह एक वैचारिक यात्रा है इसमें पांच न्याय प्रमुख हैं किसान न्याय, युवा न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय एवं हिस्सेदारी न्याय। इनमें दो न्याय के लिए गारंटी दी जा चुकी है, पहले किसान न्याय जिसके तहत एमएसपी की लीगल गारंटी के लिए कानून हम लाएंगे तथा डॉक्टर स्वामीनाथन का फार्मूला जिसके तहत लागत का डेढ़ गुना किसान को मिल सके उसे लागू करेंगे। दूसरा हिस्सेदारी न्याय को हासिल करने के लिए हम जाति जनगणना करेंगे। 2021 में जातीय जनगणना होनी थी परंतु नहीं हुई, हर 10 साल में यह जनगणना होती है और 2011 में जो जनगणना हुई थी जिसमें सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना का जो डाटा था, जो हमारे तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी ने कराई थी, उस डाटा को मोदी सरकार ने सार्वजनिक नहीं किया है। यानि कि कांग्रेस के मुद्दे वहीं हैं जो पहले थे। यात्रा में राहुल गांधी ने आर्थिक असमानता सामाजिक असमानता और किसानों और युवाओं के साथ दुर्व्यवहार को प्रमुख चिंताओं के रूप में चिह्नित किया। उन्होंने न्याय के महत्व पर जोर दिया और देश में व्याप्त अन्याय के लिए नफरत बढ़ने को जिम्मेदार ठहराया। गांधी ने जीएसटी और नोटबंदी जैसी नीतियों के प्रतिकूल प्रभावों की आलोचना की और दावा किया कि देश में बेरोजगारी 40 साल में सबसे ज्यादा हैं। गांधी ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी ने अत्यधिक बेरोजगारी को बढ़ावा दिया है। अब बेरोजगारी दर पिछले 40 वर्षों में सबसे अधिक है। दावा किया कि भारत की युवा बेरोजगारी दर पाकिस्तान जैसे देशों से भी अधिक है। राहुल गांधी ने उद्योगपतियों के प्रति पक्षपात का आरोप लगाया। अन्य पिछड़ा वर्ग, आदिवासियों और दलितों सहित 73 प्रतिशत आबादी की हाशिए पर स्थिति पर भी प्रकाश डाला और कहा कि उन्हें शासन और व्यापार के अवसरों से बाहर रखा गया है। तो चुनिंदा उद्योगपतियों के बड़े पैमाने पर ऋण माफ करने की आलोचना की। गांधी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) जैसे प्रमुख सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों की वित्तीय आवश्यकताओं को रेखांकित किया।
अब बता पूर्व से पश्चिम मणिपुर-मुंबई यात्रा 15 राज्यों से होकर 6,700 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली है। तो मध्यप्रदेश में 9 जिलों से होकर 650 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इसका उद्देश्य रास्ते में आम लोगों से मिलते समय ‘न्याय’ के संदेश को उजागर करना है। पर यदि नंगी आंखों से देखा जाए तो राहुल गांधी जनता की उस नब्ज पर हाथ नहीं रख पा रहे हैं, जिससे उनकी सत्ता की राह आसान हो पाए। जब बात राम मंदिर और मतदाताओं में राम के प्रति अगाध आस्था की हो रही है, तब राहुल गांधी अब भी जातिगत गणना, मनरेगा और असमानता भेदभाव पर अटके पड़े हैं। राहुल गांधी अब भी जीएसटी और नोटबंदी पर अटके पड़े हैं, जिनके बाद मतदाता दोनों हाथों से कांग्रेस को उपेक्षित करने और भाजपा को खुलकर आशीर्वाद देकर इन फैसलों पर अपनी मुहर लगा चुके हैं। ऐसे में इंद्र का वरदान पूरे मध्यप्रदेश में किस तरह राहुल गांधी के सपनों को पूरा कर पाता है, यह देखने वाली बात है। और जब भाजपा सभी 29 सीटें जीतने के समीकरणों पर अमल कर रही है, तब देखने वाली बात यही है कि राहुल गांधी की यात्रा कांग्रेस को मध्यप्रदेश में कितना न्याय दिला पाती है…।