रोहित गृह निर्माण समिति में अपात्रों की बढ़ी मुश्किलें, 143 रजिस्ट्रियां होगी शून्य

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रोहित गृह निर्माण समिति में अपात्रों की बढ़ी मुश्किलें, 143 रजिस्ट्रियां होगी शून्य

भोपाल। राजधानी की सबसे विवादित रोहित गृह निर्माण समिति के अपात्रों के लिए एक बार फिर बड़ा एक्शन लेने की तैयारी शुरू हो गई है। यहां पर करीब 143 प्लॉटों की रजिस्ट्री शून्य करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए उपायुक्त सहकारिता भोपाल ने सिविल कोर्ट में प्रकरण दायर कर दिया है।

दरअसल, प्लॉटों की रजिस्ट्री शून्य करने के निर्देश 13 वर्ष पहले तत्कालीन संचालक मंडल को जांच अधिकारी ने दिए थे, लेकिन इस मामले में काम नहीं हो पाया। कभी प्रशासक इसके लिए तैयार नहीं थे, तो कभी फंड की कमी होने के कारण परेशानी हुई। अब इस संबंध में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।

बताया जा रहा है कि सहकारिता विभाग ने वर्ष 2004-05 में बावड़िया कलां स्थित रोहित गृह निर्माण समिति के अनियमितता और फर्जीवाड़े के आरोपों के सामने आने के बाद जांच कराई थी।

बताया गया है कि रोहित गृह निर्माण समिति के अपात्र सदस्यों के 143 प्लॉटों की अवैध रजिस्ट्री शून्य कराने के लिए सिविल कोर्ट में प्रकरण लगाया गया है। इन रजिस्ट्रियों को शून्य कराने के बाद बचे हुए पात्र सदस्यों को वरिष्ठता सूची के आधार भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

जांच में रजिस्ट्री को दिया गया था अवैध करार

विभागीय सूत्रों के मुताबिक, साल 2011 में रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने पाया कि अपात्रों को 143 भूखंड बांटे गए थे। इनमें से कुछ मामले ऐसे हैं, जिनमें एक परिवार को 3-4 भूखंड आवंटित किए गए थे। विस्तृत जांच में इनकी भूखंडों की रजिस्ट्री को अवैध करार दिया गया था। इसके साथ ही तत्कालीन संचालक मंडल को इनकी रजिस्ट्री शून्य कराने के निर्देश दिए गए थे। उस समय के संचालक मंडल ने इस पर अमल नहीं किया। विभाग ने वर्ष 2015 में संचालक मंडल को निलंबित करते हुए प्रशासक बैठा दिया। अब तक चार-पांच प्रशासक बदल चुके हैं।