पूर्व मुख्यमंत्री की वारिस का अमानवीय फोटो सेशन

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कृष्णा गौर जी

वरिष्ठ पत्रकार श्रीप्रकाश दीक्षित की विशेष रिपोर्ट

भोपाल: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बाबूलाल गौर की राजनैतिक उत्तराधिकारी विधायक बहू कृष्णा गौर ने वेंटीलीटर पर मौत से जंग लड़ रहे जिन संजीव जोशी को दो लाख का चेक देते हुए शनिवार को फोटो खिंचवाई उनकी साँसे आज थम गईं.

इस प्रकार सूदखोरों से परेशान होकर एक ही परिवार के जिन पाँच लोगों ने ख़ुदकुशी के लिए जहर पिया था उनमे से चार अपने डरावने मिशन मे कामयाब हो चुके हैं.इनमे संजीव जोशी की दो युवा बेटियाँ भी हैं.

एक पूर्व मुख्यमंत्री की वारिस,वह भी महिला,के इस प्रचार की कठोर निंदा होनी चाहिए ताकि भविष्य मे कोई और जनप्रतिनिधि ऐसा अमानवीय दुस्साहस करने की जुर्रत ना करने पाए.

वैसे तो भाजपा को भी ऐसी संवेदनहीनता की कठोर सजा तय करना चाहिए पर आज सत्ता की जो संस्कृति है उसमे यह होगा नहीं। यहाँ यह सवाल भी उठता है की कृष्णा गौर दो लाख का जो चेक दे रही थीं वो क्या उनकी निजी पूँजी थी..?

जवाब है हरगिज नहीं,यह विशुद्ध जनधन याने हमारा आपका पैसा है.यदि वे अपनी निजी पूँजी से भी राशि दे रही होतीं तो भी मृत्युशैया पर बेहोश पड़े व्यक्ति को चेक देते फोटो खिंचवाने और अखबारों को छपवाने की संवेदनहीनता से बचना था.
पर वे अपने अमानवीय कर्म का इस हास्यास्पद तर्क से बचाव कर रही हैं की सरकारी मदद के सबूत के लिए जरूरी था?