भोपाल : आयुष्मान भारत निरामयम योजना में संबद्ध प्रदेश के हॉस्पिटल का राज्य स्वास्थ्य अभिकरण द्वारा इन्सपेक्शन किया जा रहा है। राज्य ऑडिट दल को हॉस्पिटल के इन्सपेक्शन में मिली कमियों और अनियमितताओं पर अभिकरण द्वारा हॉस्पिटल के विरूद्ध कार्यवाही भी की जा रही है। पिछले दिनों इन्दौर के इंडेक्स हॉस्पिटल और चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र का राज्य ऑडिट दल द्वारा इन्सपेक्शन किया गया। हॉस्पिटल में मिली कमियों और अनियमितताओं पर नोटिस जारी किया गया है।
इण्डेक्स हॉस्पिटल और चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र में पाई गई अनियमितताओं के संबंध में बताया गया कि ऑनलाइन पोर्टल के अनुसार लगभग 300 मरीज पंजीकृत थे। ऑडिट टीम की गिनती में केवल 76 मरीज ही मौके पर पाये गये। हॉस्पिटल गैर भर्ती मरीजों का गलत इलाज करता पाया गया। ऑडिट टीम ने निरीक्षण में यह भी पाया कि गैर-कानूनी वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिये जिन रोगियों को गहन उपचार की आवश्यकता नहीं थी, ऐसे रोगियों को आईसीयू पैकेज में दर्शा कर उपचार करना पाया गया। ऐसा करके हॉस्पिटल द्वारा सामान्य दवा पैकेज का दुरुपयोग किया जा रहा था और रोगियों के हॉस्पिटल में रहने की अवधि बढ़ा कर दिखाई जा रही थी। ऑडिट टीम को 2 मरीजों ने बताया कि कई दिनों से उन्हें आईसीयू में रखा गया जबकि दोनों मरीजों की स्थिति सामान्य थी और उन्हें किसी गहन चिकित्सा की आवश्यकता नहीं थी।
ऑडिट टीम को हॉस्पिटल में ऐसे कई लाभार्थी मरीज मिले, जिनकी शारीरिक स्थिति अच्छी थी। मरीजों ने चर्चा में बताया कि उन्हें वार्ड में भर्ती रहकर उपचार की आवश्यकता नहीं थी। साथ ही हॉस्पिटल द्वारा योजना से अनुचित वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिये ओपीडी रोगियों को आईपीडी रोगियों के रूप में भर्ती किया जा रहा था। हॉस्पिटल के लाभार्थियों ने ऑडिट टीम को बताया कि हॉस्पिटल में भर्ती होने के दौरान दवाओं, कैथेटर, कैनुला, दस्ताने आदि उपचार सामग्री की आपूर्ति के लिये उन्होंने जेब से पैसा खर्च किया, जबकि एमओयू के अनुसार यह आवश्यक है कि लाभार्थी के हॉस्पिटल में भर्ती होने पर खर्च को हॉस्पिटल वहन करे। यही नहीं हॉस्पिटल में डॉयग्नोस्टिक और पैथालॉजी परीक्षण की सभी लागत भी लाभार्थी द्वारा वहन की जा रही थी।
ऑडिट टीम ने हॉस्पिटल में पीएमजेएवाई के लाभार्थी एक मरीज के कार्ड पर दूसरे अन्य मरीज को इलाज करवाते हुए पाया। इस तरह हॉस्पिटल में रोगी और लाभार्थी की मिली-भगत से गलत कार्ड पर इलाज किया जा रहा था। यह प्रतिरूपण था। हॉस्पिटल लाभार्थियों के लिये अनावश्यक उपचार और चिकित्सीय हस्तक्षेप कर रहा था। ऑडिट टीम ने हॉस्पिटल के कई दावों में एक ही फोटो का इस्तेमाल किया जाना भी पाया। साथ ही हॉस्पिटल में कोई रिफण्ड रजिस्टर और बिल रजिस्टर नहीं रखा पाया गया।
हॉस्पिटल में जनरल मेडिसिन पैकेज का दुरुपयोग पाया गया। आमतौर पर जिन बीमारियों का उपचार हॉस्पिटल में बिना भर्ती किये ओपीडी के आधार पर किया जा सकता था, उनके लिये मरीजों को गलत तरीके से भर्ती करके उपचार करना पाया गया। इसमें हॉस्पिटल द्वारा मरीज को भर्ती कर कुछ दिनों के भीतर जनरल वार्ड में छुट्टी दे दी जाती थी। साथ ही हॉस्पिटल में अनावश्यक जाँचों के साथ हाई एंड रेडियोलॉजिकल डायग्नोस्टिक्स के लिये ऐसा पैकेज बुक किया जा रहा था, जिसकी आवश्यकता नहीं थी।
हॉस्पिटल द्वारा रोगी को बाहर से दवा खरीदने और जाँचों के लिये भुगतान करने के लिये कहा जाता था। दस्तावेजों के संधारण में भी त्रुटियाँ पाई गईं। ऑडिट टीम के सामने ही अपनी बात रखने पर कई रोगियों को हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा धमकाया गया। हॉस्पिटल प्रशासन ने ऑडिट टीम को मरीजों के इलाज से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये। साथ ही हॉस्पिटल प्रशासन ने ऑडिट टीम को अपनी सेवाएँ रोकने की धमकी दी और ऑडिट टीम के आसपास भीड़ लगा दी।
राज्य स्वास्थ्य अभिकरण इंडेक्स हॉस्पिटल एवं अनुसंधान केन्द्र इंदौर में ऑडिट टीम के इंसपेक्शन में मिली अनियमितताओं और कमियों पर कार्यवाही कर रहा है।