कांस्टेबल मीनाक्षी शर्मा के जाल में फंस गए थे इंसपेक्टर अरुण कुमार राय,इंस्पेक्टर को मारती थी कांस्टेबल,वीडियो को लेकर ब्लेकमेल कर रही थी

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कांस्टेबल मीनाक्षी शर्मा के जाल में फंस गए थे इंसपेक्टर अरुण कुमार राय,इंस्पेक्टर को मारती थी कांस्टेबल,वीडियो को लेकर ब्लेकमेल कर रही थी

जालौन जिले के कुठौंद थाने के प्रभारी निरीक्षक रहे अरुण कुमार राय की मौत के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस विभाग से कई अहम जानकारी जांच में आई है, जिसने पूरे प्रकरण को और उलझा दिया है. घटना से कुछ दिन पहले सिपाही मीनाक्षी शर्मा ने इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय के साथ मारपीट की थी और इस घटना का वीडियो भी मीनाक्षी ने अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया था.

जालौन जिले के कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की हत्या की आरोपी महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा की शादी तय हो गई थी। फरवरी 2026 में उसकी शादी होनी है। दिवंगत इंस्पेक्टर के करीबी लोगों ने बताया कि मीनाक्षी अपनी शादी का पूरा खर्च उठाने का दबाव इंस्पेक्टर पर बना रही थी।

वह 25 लाख रुपए खर्च करने की डिमांड कर रही थी। धमकी देती थी कि अगर शादी का खर्च नहीं उठाया तो वीडियो पत्नी को भेज देगी। बताया जा रहा है कि इंस्पेक्टर इस बात से काफी परेशान थे। उस दिन भी वह इंस्पेक्टर से इसी बात को लेकर दबाव बना रही थी। जिससे इस घटना को अंजाम दिया गया।

मीनाक्षी के पास 3 मोबाइल, 4 सिम मिले
सर्विलांस टीम के एक अफसर ने बताया कि मीनाक्षी के पास 3 मोबाइल और 4 सिम, जबकि इंस्पेक्टर के पास तीन सिम मिले हैं। सभी का डेटा खंगाला जा रहा है। यह भी सामने आया है कि मीनाक्षी पिछले 10 दिनों से ड्यूटी से गायब चल रही थी। उसके गायब रहने के कारण भी तलाशे जा रहे हैं। दोनों के कॉल रिकॉर्डर्स खंगाले जा रहे हैं।

अरुण कुमार राय और मीनाक्षी के बीच  प्रेम सम्बन्ध थे 
जालौन के उरई में दिवंगत इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय और मीनाक्षी के बीच गहरी नजदीकियां थीं। घटनाक्रम मार्च 2024 से शुरू होता है, जब 14 मार्च 2024 को महिला आरक्षी मीनाक्षी शर्मा की तैनाती कोंच कोतवाली में हुई थी। इसके कुछ माह बाद पांच जुलाई 2024 को अरुण कुमार राय को कोंच कोतवाली का प्रभारी निरीक्षक बनाया गया। दोनों करीब सात महीने तक एक ही थाने में साथ तैनात रहे। इस दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने की चर्चाएं तेज रहीं। 22 फरवरी 2025 को अरुण का स्थानांतरण उरई कोतवाली कर दिया गया, जबकि मीनाक्षी को 28 अप्रैल 2025 को यूपी 112 यूनिट- 1577 में भेजा गया। इसके बावजूद वह कोंच के सरकारी आवास में ही रहकर ड्यूटी करती रही। करीबी सूत्रों का कहना है कि लगातार तनाव, विवाद और दबाव की स्थिति ने इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की मानसिक स्थिति को काफी प्रभावित किया, जिसकी परिणति बाद में उनकी मौत तक पहुंच गई।

मारपीट के बाद इंस्पेक्टर बेहद आहत हो गए थे और तीन दिन का अवकाश लेकर अपने पैतृक घर चले गए थे, ताकि वे इस स्थिति से उबर सकें. पुलिस विभाग के सूत्रों ने यह भी बताया कि मीनाक्षी शर्मा लगातार इंस्पेक्टर पर पैसे देने का दबाव बना रही थी. धमकी दी जा रही थी कि यदि उसे रुपए नहीं दिए गए तो वह मारपीट और अन्य निजी वीडियो उनके परिजनों को भेजकर वायरल कर देगी. पुलिस विभाग के अधिकारी ने बताया कि इंस्पेक्टर सरल, शांत स्वभाव के थे और मीनाक्षी की दबंगई के आगे स्वयं को असहाय महसूस कर रहे थे.

छुट्टी से लौटने के बाद इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय ने स्वयं को पूरी तरह विभागीय कार्य में व्यस्त कर लिया, लेकिन मीनाक्षी का उत्पीड़न जारी रहा. पुलिस विभाग के अधिकारी के अनुसार, इंस्पेक्टर के फोन पर लगातार कॉल, दबाव और धमकियों का सिलसिला बदस्तूर चलता रहा. घटना वाली रात भी सिपाही मीनाक्षी, इंस्पेक्टर के सरकारी आवास पर पहुंची थी. सूत्र बताते हैं कि वहां दोनों के बीच तीखी बहस हुई, इसके बाद अचानक गोली चलने की आवाज आई.

गोली की आवाज सुनकर आवास के आसपास मौजूद पुलिसकर्मी और उनके परिजन बाहर निकल आए. इसी दौरान मीनाक्षी आवास से भागती हुई, चिल्लाती हुई दिखाई दी. इसके बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई. अधिकारियों का यह भी कहना है कि सिपाही मीनाक्षी का इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय पर पूर्ण नियंत्रण था. वह व्यक्तिगत और विभागीय दोनों स्तरों पर उन्हें लगातार दबाव में रखती थी.