

Instructions to Principals: उच्च शिक्षा विभाग ने प्राचार्यो को दिए निर्देश तत्काल करे लंबित आवेदनों का निराकरण, देरी पर अधिकारी होंगे उत्तरदायी
भोपाल: मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना, गांव की बेटी योजना, प्रतिभा किरण योजना के लाभार्थी योजना का लाभ लेने के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे है।उच्च शिक्षा विभाग ने पेंडेंसी पर नाराजगी जाहिर करते हुए सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव और महाविद्यालयों के प्राचार्यो को निर्देशित किया है कि लंबित आवेदनों का तत्काल निराकरण करें, विलंब के लिए संबंधित अधिकारी उत्तरदायी होंगे और उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग को मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के पोर्टल पर महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों से संबंधित आवेदन सत्यापन के लिए लंबित दिखाई दे रहे है। इसी तरह गांव की बेटी योजना एवं प्रतिभा किरण योजना के पोर्टल पर महाविद्यालय के लॉगिन पर आवेदन लंबित प्रदर्शित हो रहे है। उच्च शिक्षा विभाग के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए सभी प्राचार्यो को निर्देशित किया है कि पोर्टल् पर लंबित आवेदनों का तत्काल नियमानुसार सत्यापन करें और निराकरण करें विलंब के लिए संबंधित अधिकारी उत्तरदायी होंगे।
सीएम मेधावी विद्यार्थी योजना में सौ प्रतिशत फीस सरकार देती है-
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में चयनित विद्यार्थियों की कॉलेज टयूशन फीस में छूट दी जाती है। एमबीबीएस, बीडीएस और इंजीनियरिंग बी टेक और लॉ जैसे पाठ्यक्रमों में तो सौ प्रतिशत फीस सरकार के द्वारा वहन की जाती है। योजना में बारहवी कक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए मदद दी जाती है। मध्यप्रदेश के मूल निवासी, जो विद्यार्थी माशिमं की बारहवी परीक्षा में 75 प्रतिशत और सीबीएसई, आईसीएसई की परीक्षा में 85 प्रतिशत अंक प्राप्त करते है और विद्यार्थी के परिवार की सालाना आय छह लाख रुपए से अधिक नहीं हो वे इसके लिए आवेदन कर सकते है।
गांव की बेटी को पांच हजार रुपए-
मध्यप्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र की रहवासी और बारहवी परीक्षा गांव की पाठशाला से प्रथम श्रेणी में उत्तीण करती है और बाद में गांव की मेधावी छात्राएं जो शासकीय संस्थाओं से पांच किलोमीटर की परिधि से बाहर अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं में अध्ययन करती है उन्हें शासन की ओर से सालाना पांच हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है।
शहर की बेटियों को प्रतिभा किरण में आर्थिक मदद-शहर के स्कूलों में अध्ययन कर बारहवी परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने वाली ऐसी छात्राएं जिनके परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले है उन्हें शासकीय या निजी महाविद्यालय में स्नातक कक्षा में अध्ययन करने पर सालाना पांच हजार रुपए की मदद शासन द्वारा प्रदान की जाती है।